अमरोहा में आदमखोर कुत्तों ने दो दिन में ली दो बच्चों की जान, दहशत में ग्रामीण
12 वर्षीय बालक पर कुत्तों के झुंड ने हमला कर दिया। बचाने के लिए जब तक आसपास के लोग पहुंचे तब तक आदमखोर कुत्तों ने बालक को बुरी तरह नोच डाला। इलाज शुरू होने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया।
अमरोहा। अमरोहा के कुत्ते इन दिनों आदमखोर हो गए है। यहां दो दिनों में दो बच्चों की जान इन आदमखोर कुत्तों ने ले लिया। दो दिन में दो बच्चों की मौत से क्षेत्र में दहशत का माहौल है। लोग बच्चों को घरों से निकलने के बाद डरने लगे है।
गत दिवस दीपपुर गांव में घर से बाहर निकले 12 वर्षीय बालक पर कुत्तों के झुंड ने हमला कर दिया। बचाने के लिए जब तक आसपास के लोग पहुंचे तब तक आदमखोर कुत्तों ने बालक को बुरी तरह नोच डाला।
इलाज शुरू होने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया। हसनपुर कोतवाली क्षेत्र के एक अन्य गांव में एक दिन पहले ऐसी ही घटना में एक 11 वर्षीय बालक की जान चली गई। लगातार दूसरे दिन कुत्तों के जानलेवा हमले से लोगों में दहशत है।
दीपपुर गांव का रहने वाले किसान खड़क सिंह चौहान का 12 वर्षीय बेटा कनिष्क, जो गुरुवार सुबह घर से दो सौ मीटर की दूरी पर स्थित खेत पर नलकूप चलाने के लिए निकला था। खेत पर पहुंचते ही उस पर अचानक कुत्तों के झुंड ने हमला कर दिया।
बालक की चीखें सुनकर नजदीकी खेतों में मौजूद लोग उधर दौड़े और डंडे मारकर कुत्तों को भगाया। इस बीच कुत्तों द्वारा बुरी तरह नोच डालने से कनिष्क लहूलुहान हो चुका था। इलाज की कोशिशें शुरू होने से पहले ही उसने दम तोड़ दिया।
इससे पहले बुधवार को हसनपुर कोतवाली क्षेत्र के गांव रामपुर भूड़ में किसान चंद्रपाल सिंह के 11 वर्षीय बेटे शरद की भी खेत पर कुत्तों के हमले से मौत हो गई थी। कुत्तों के हमले से डरे लोगों ने क्षेत्र से इन आदमखोर कुत्तों से मुक्ति दिलाने की मांग कर रहे है।
कुत्तों द्वारा दो बच्चों की जान चले जाने की जानकारी मिलते ही पुलिस के साथ-साथ वन विभाग के कर्मचारी भी गांव पहुंचे। उन्होंने खूंखार कुत्तों को गांव से दूर छुड़वाने का भरोसा दिया। पुलिस ने बालक का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा है।
बेटे की मौत से मां -बाप बदहवास
12 साल के बेटे कनिष्क की मौत ने माता-पिता को बदहवास कर दिया। ग्रामीणों ने बताया कि किसान खड़क सिंह चौहान के एक बेटा, एक बेटी हैं। बेटा कनिष्क बड़ा था और कक्षा पांच में पढ़ता था।
उसकी मौत ऐसी परिस्थितियों में होगी, ऐसा किसी ने सोचा नहीं था। बेटे की जान जाने के बाद से खड़क सिंह चौहान और उनकी पत्नी खुद बदहवास है। ग्रामीणों द्वारा ढाढंस बधाने के बाद भी उनका दुख कम नहीं हो रहा है।