शिक्षक दिवस विशेषः बच्चों और अभिभावकों को सिखाया खेती से जरूरी है इनके लिए स्कूल

टीम भारत दीप |

सुनीता गुप्ता
सुनीता गुप्ता

वह यूट्यूब के वीडियो दिखाकर बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रेरित करती हैं। बच्चों को शिक्षाप्रद कहानी एवं कार्टून दिखाती हैं। उन्हें खेल-खेल में पढ़ना सिखाती हैं।

 एजूकेशन डेस्क। मथुरा में प्राथमिक विद्यालय रांची बांगर की प्रधानाध्यापिका सुनीता गुप्ता का चयन राज्य अध्यापक पुरस्कार के लिए किया गया है। उनके पर्यावरण प्रेम एवं शिक्षण में इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी का प्रयोग उनके पुरस्कार का आधार बना है। सुनीता गुप्ता बच्चों को पढ़ाई के प्रति जागरूक करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करती रहती हैं। 

वहीं अभिभावकों को इसके लिए प्रेरित करने के लिए वह उनसे लगातार संपर्क करती हैं। यहां तक कि जिस समय अन्य कई विद्यालयों के बच्चे खेतों में काम कर रहे होते हैं। उस समय भी उनके विद्यालय में शत प्रतिशत उपस्थिति रहती है। इस तरह के कार्यों के चलते उन्होंने जनपद के बेसिक शिक्षकों में अपनी एक अलग ही पहचान बनाई है।

शिक्षिका सुनीता गुप्ता बताती हैं कि वर्ष 2016 से ही वह प्रोजेक्टर और लैपटॉप के माध्यम से बच्चों को शिक्षित कर रही हैं। वह यूट्यूब के वीडियो दिखाकर बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रेरित करती हैं। बच्चों को शिक्षाप्रद कहानी एवं कार्टून दिखाती हैं। उन्हें खेल-खेल में पढ़ना सिखाती हैं।

इससे बच्चों में पढ़ाई के प्रति काफी ललक बढ़ गई है। यह सब देखकर आसपास के निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों ने भी वहां से नाम कटाकर उनके विद्यालय में प्रवेश लिया है। इससे वह काफी उत्साहित हुई हैं। इस समय कोविड-19 के चलते बच्चे स्कूल में नहीं आ पा रहे हैं तो बच्चों को जूम अथवा गूगल मीट के माध्यम से पढ़ाई कराई जा रही है।

सुनीता कहती हैं कि जब उन्होंने विद्यालय में ज्वाइन किया था। तो उन्होंने देखा कि फसल कटने अथवा बोने के समय पर स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे अपने अभिभावकों के साथ खेतों में काम करते थे। विद्यालय से अनुपस्थित रहते थे। यह देखकर उन्होंने गांव के प्रत्येक अभिभावक के पास जाकर उन्हें शिक्षा के महत्व से अवगत कराया।

बच्चों के भविष्य को संवारने में शिक्षा किस तरह काम आती है। यह सब बताया। उसके बाद धीरे-धीरे अभिभावकों के रूख एवं सोच में बदलाव होने लगा। अब फसल बोने अथवा कटने के समय पर भी बच्चे खेतों में नहीं विद्यालय में नजर आते हैं। सुनीता गुप्ता के इन प्रयासों के चलते ही हाल ही में डायट प्राचार्य डॉ. महेंद्र सिंह यादव द्वारा सम्मानित भी किया गया था।

विद्यालय में बच्चों की संख्या बढ़ने में प्रधानाध्यापिका सुनीता गुप्ता का प्रकृति प्रेम भी काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने हाल ही में विद्यालय में करीब 250 पौधे लगाए हैं। उनका विद्यालय हरियाली से भरा हुआ नजर आता है। यह हरियाली विद्यालय में पढ़ाने वाले शिक्षकों के साथ बच्चों को भी काफी सुकून देती है।

शांति भरे हरे भरे वातावरण में विद्यार्थियों का पढ़ाई में खूब मन लगता है। शिक्षिका कहती हैं कि उन्होंने वर्ष 2019 में गर्मी की छुट्टियों में बच्चों के लिए समर कैंप लगाया था। इसकी भी काफी सराहना हुई थी।


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