मथुरा: देश में चौथा सबसे प्रदूषित नगर रहा वृंदावन, प्रदूषण से यमुना में मरी मछलियां

टीम भारत दीप |

घर में प्रदूषण को कम करने वाले उपकरणों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
घर में प्रदूषण को कम करने वाले उपकरणों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

वहीं सुबह परिक्रमार्थी जब यमुना स्नान के लिए पहुंचे तो इसका पता चला। यमुना किनारे परिक्रमार्थियों ने मृत मछलियों को देखकर यमुना का आचमन तक नहीं लिया। इससे श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हुईं। परिक्रमा करने पहुंचे रमेश बघेल का कहना है कि यमुना में बढ़ते प्रदूषण के चलते पानी जहरीला हो रहा है।

मथुरा। देश की आबोहवा काफी तेजी से खराब हो रही है। ऐसी हवा में सांस लेना मुश्किल होता जा रहा है। खासकर दीपावली के बाद से हवा में जहर घुलता जा रहा है। सरकार और एनजीटी के प्रयास सब बेकार होते जा रहे है। इस वजह से देश के कई शहरों में रहने वाले माहौल नहीं बचा।

देश के प्रदूषित शहरों में दिल्ली के साथ वृंदावन चौथे नंबर पर रहा, जहां एयर क्वालिटी इंडेक्स 471 दर्ज की गई। वृंदावन की आबोहवा में ही नहीं यमुना के जल में भी प्रदूषण काफी बढ़ा है।

प्रदूषित हो रही यमुना में जहरीले पानी के चलते शुक्रवार को बिहारघाट पर सैकड़ों मछलियां मर गईं। आपकों बता दें कि पानी में प्रदूषण बढ़ने से आक्सीजन की मात्रा घटती है, इस वजह से मछलियों की मौत होती है। 

वहीं सुबह परिक्रमार्थी जब यमुना स्नान के लिए पहुंचे तो इसका पता चला। यमुना किनारे परिक्रमार्थियों ने मृत मछलियों को देखकर यमुना का आचमन तक नहीं लिया। इससे श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हुईं। परिक्रमा करने पहुंचे रमेश बघेल का कहना है कि यमुना में बढ़ते प्रदूषण के चलते पानी जहरीला हो रहा है। इसी के चलते मछलियों ने तड़प-तड़पकर दम तोड़ रहीं हैं। 

पानी का छिड़काव किया गया

वृंदावन में बढ़ते प्रदूषण का असर लोगों की सेहत पर पड़ रहा है। नगर निगम प्रशासन कुछ स्थानों पर पानी का छिड़काव भी करा रहा है,इससे कोई लाभ नहीं हो रहा है। एक्यूआई 500 के आसपास है, जो सेहत के लिए बेहद ही खतरनाक है।

नगर आयुक्त अनुनय झा ने बताया कि सड़क पर पानी का छिड़काव लगातार कराया जा रहा है। रात के वक्त टीम उन स्थानों पर निगरानी रख रही है, जहां पर कूड़ा जलाने की शिकायतें मिल रही हैं।

प्रदूषण से बचने यह करें

  • प्रदूषण के कारण सांस लेने में दिक्कत, गले में खरास की शिकायतें आ रही हैं। उन्हें ज्यादा सावधानी बरतनी है।
  • जो लोग सवेरे और शाम को टहलने जाते हैं, बीमार लोग घर में ही रहें और जो निकल रहे हैं, अच्छी क्वालिटी का मास्क पहनें।
  • घर की खिड़कियों को बंद रखना ही बेहतर रहेगा, घर में प्रदूषण को कम करने वाले उपकरणों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • अगर बागवानी का शौक हो तो घर के अंदर व बाहर पौधे लगाएं, प्रदूषण कम करने में मदद करेंगे।

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