मस्जिद में हनुमान चालीसा पढ़वाने वाले मौलाना की हुई छूट्टी, लोग बोले ये है 'भाईचारा'

टीम भारत दीप |
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मौलाना ने भाईचारे के लिए मस्जिद में हनुमान चालीसा पढ़ने की स्वीकृति दी थी।
मौलाना ने भाईचारे के लिए मस्जिद में हनुमान चालीसा पढ़ने की स्वीकृति दी थी।

पिछले कुछ दिनों से प्रदेश में धर्मस्थलों को लेकर एक नई तरह की जंग शुरू हुई है। आगरा ताजमहल में दशहरा ​के दिना हनुमान चा​लीसा का पाठ, फिर मथुरा की मंदिर में नमाज फिर आगरा में दरगाह को भगवा रंग पोता गया।

बागपत। पिछले कुछ दिनों से प्रदेश में धर्मस्थलों को लेकर एक नई तरह की जंग शुरू हुई है। आगरा ताजमहल में दशहरा ​के दिना हनुमान चा​लीसा का पाठ, फिर मथुरा की मंदिर में नमाज फिर आगरा में दरगाह को भगवा रंग पोता गया।

इसी बीच बागपत में इन अदावत को मोहब्बत में बदलने की कोशिश करने वाले मौलाना को मुस्लिम समाज ने मस्जिद से विदाई कर दी।मालूम हो कि प्रदेश के बागपत में सौहार्द और भाईचारे के नाम पर विनयपुर गांव की मस्जिद में हनुमान चालीसा और गायत्री मंत्र पढने की इजाजत देने वाले मौलाना को मस्जिद से निकाल दिया गया है।

मौलाना अपना सामान लेकर गाजियाबाद के लोनी चला गया। मौलाना पर इस तरह गुपचुप तरीके से मुस्लिस समाज द्वारा की गई कार्रवाई के खिलाफ हिन्दू समाज मौलवी के समर्थन में पंचायत करने की तैयारी में जुटा है।

जानकारी के अनुसार खेकड़ा क्षेत्र के विनयपुर गांव में भाजपा नेता मनुपाल बंसल ने मंगलवार को मस्जिद में मौलाना अली हसन से इजाजत लेने के बाद भाईचारे के लिए मस्जिद में हनुमान चालीसा का पाठ किया था। मौलाना अली हसन ने इसकी इजाजत दी थी। हनुमान चालीसा के पाठ को फेसबुक पर भी लाइव किया गया। गायत्री मंत्र भी पढ़ा गया।

इसे लेकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं मिल रही थीं। बुधवार को मामले में नया मोड़ तब आया जब मुस्लिम समाज के लोगों ने नाराजगी जाहिर की।गोपनीय तरीके से बैठक हुई और मौलाना को मस्जिद से निकाल दिया गया। मौलाना गाजियाबाना के लोनी में चला गया है। उधर, मनुपाल बंसल का कहना है कि यह गलत है। मौलाना ने तो भाईचारे का संदेश दिया था।
 


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