पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले मायावती ने अकाली दल से मिलाया हाथ, 20 सीटों पर लड़ेगी बसपा
विधानसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल व मायावती की नेतृत्व वाली बसपा ने साथ मिलकर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। इसको लेकर सीटों पर चुनाव लड़ने का गणित भी साधा जा चुका है। जानकारी के मुताबिक यहां 20 सीटों पर बसपा तथा शेष 97 सीटों पर अकाली दल चुनाव लड़ेगी।
चंडीगढ़। पंजाब में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर हलचल बढ़ गई है। इस बीच यहां होने वाले विधानसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल व मायावती की नेतृत्व वाली बसपा ने साथ मिलकर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। इसको लेकर सीटों पर चुनाव लड़ने का गणित भी साधा जा चुका है। जानकारी के मुताबिक यहां 20 सीटों पर बसपा तथा शेष 97 सीटों पर अकाली दल चुनाव लड़ेगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बीएसपी के हिस्से में जालंधर का करतारपुर साहिब, जालंधर पश्चिम, जालंधर उत्तर, होशियारपुर सदर, दासुया, फगवाड़ा, रुपनगर जिले में चमकौर साहिब, पठानकोट जिले में बस्सी पठाना, सुजानपुर, अमृतसर उत्तर और अमृतसर मध्य आदि सीटें आयी हैं।
उधर गठबंधन के ऐलान के बाद अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि ‘दोनों पार्टियों की सोच दूरदर्शी है। बताया गया कि दोनों ही पार्टियां गरीब, किसान, मजदूरों के अधिकारों की अवाज उठाती रही हैं। उनके मुताबिक आज का दिन पंजाब की सियासत के लिए ऐतिहासिक दिन है।
गौरतलब है कि इससे पहले साल 1996 लोकसभा चुनाव में भी अकाली दल और बीएसपी दल साथ मिलकर चुनाव लड़ चुके हैं। उस समय बीएसपी सुप्रीमो कांशीराम पंजाब से चुनाव जीत गए थे। दरअसल अकाली दल बीजेपी के साथ गठबंधन में थी। मगर सितंबर 2020 में संसद से पास तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में एनडीए से अलग होते हुए मोदी सरकार से बाहर होने का निर्णय किया था।
जानकारी के मुताबिक बीजेपी शिअद के साथ गठबंधन कर 23 सीटों पर चुनाव लड़ा करती थी। बताते चलें कि बीएसपी का यूपी में जनाधार काफी खिसक चुका है। बताया जाता है कि कांग्रेस और बीएसपी के पास राज्य में अच्छे नेताओं की कमी साफ दिख रही है। इधर पंजाब में बसपा को कितनी बढ़त मिल सकती है यह तो आने वाला समय ही बताएगा।
वहीं दूसरी ओर यहां कांग्रेस सत्ता में होने के बावजूद भीतरी गुटबाजी से जूझ रही है।