मेरठ ने नम आखों से दी अपने वीर सपूत शहीद मयंक को अंतिम विदाई

टीम भारत दीप |

मेजर विश्नोई की 18 अप्रैल 2018 को शादी स्वाति से हुई थी।
मेजर विश्नोई की 18 अप्रैल 2018 को शादी स्वाति से हुई थी।

मेजर विश्नोई का अंतिम झलक पाने के लिए सुबह से ही कंकरखेड़ा और आसपास के इलाके में लोग इंतजार कर रहे थे। जब मेजर का पार्थिव शरीर घर के बाहर पहुंचा तो लोगों की आंखें नम हो गईं। परिवार के लोगों में कोहराम मच गया। सेना के अधिकारी परिवार के लोगों को संभालते रहे।

मेरठ। पूरे मेरठ शहर ने रविवार को अपने लाडले को नम आंखों से अंतिम विदाई दी।मालूम हो कि मेरठ के वीर सपूत ने जम्मू कश्मीर में आतंकियों से लोहा लेते हुए अपने प्राणों की आहूति दे दी थी।

मेरठ के सपूत मेजर मयंक विश्नोई का पार्थिव शरीर रविवार को उनके पैतृक निवास पर लाया गया है। अंतिम संस्कार के दौरान सेना के जवान आगे-आगे शहीद मेजर का पार्थिव शरीर लेकर चल रहे थे तो पीछे—पीछे पूरा शहर चल रहा था।

शहरवासियों ने मेजर की शहादत पर जिंदाबाद तो पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाते चल रहे थे। मेजर विश्नोई का अंतिम झलक पाने के लिए सुबह से ही कंकरखेड़ा और आसपास के इलाके में लोग इंतजार कर रहे थे।

जब मेजर का पार्थिव शरीर घर के बाहर पहुंचा तो लोगों की आंखें नम हो गईं। परिवार के लोगों में कोहराम मच गया। सेना के अधिकारी परिवार के लोगों को संभालते रहे। यहां से शहीद मेजर मयंक विश्नोई की अंतिम विदाई यात्रा शुरू होकर 14 किलोमीटर दूर सूरजकुंड स्थित मुख्य श्मशान घाट पहुंचीं। यहां शहीद के पार्थिव शरीर को उनके पिता ने मुखाग्नि दी।

 शहीद की पत्नी बोलींं- मेरी तो दुनिया ही उजड़ गई

इकलौते बेटे को मुखाग्नि देते हुए पिता वीरेंद्र विश्नोई​ का कलेजा फट गया रोते मुखाग्नि दी। शहीद की पत्नी स्वाति और बहन तनु का रो-रो कर बुरा हाल था, वहीं पिता वीरेंद्र विश्नोई ने कहा कि सोचा भी नहीं था कि यह दिन भी देखने को मिलेगा।

पिता ने कहा कि बचपन से ही बेटा कहता था कि पापा मैं भी सेना में अफसर बनूंगा, आज बेटे ने देश की खातिर अपनी शहादत देकर पूरे देश का नाम रोशन किया है। उधर, शहीद की पत्नी स्वाति बिलखते हुए बोली कि मेरी तो दुनिया ही उजड़ गई।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मयंक की वीरता को नमन किया है। उन्होंने परिवार को 50 लाख रुपए, एक सदस्य को नौकरी और जिले की एक सड़क को शहीद के नाम करने का ऐलान किया है। यह भी कहा, शहीद मयंक के परिवार की हर संभव मदद की जाएगी।

ऑपरेशन के दौरान सिर में लगी थी गोली

मेरठ के कंकरखेड़ा क्षेत्र के शिवलोकपुरी निवासी रिटायर्ड सूबेदार वीरेंद्र विश्ननोई के बेटे मेजर मयंक विश्ननोई ( 30) आईएमए देहरादून से पासआउट हुए थे। वह जम्मू कश्मीर के शोपियां में राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात थे। 2017 में पहली पोस्टिंग मध्यप्रदेश के महू में हुई थी। 2019 में मेजर बने थे। वह कमांडो की ट्रेनिंग भी ले चुके थे।

27 अगस्त 2021 को जम्मू कश्मीर के शोपियां में आतंकियों से लोहा लेते हुए मेजर मयंक विश्नोई को सिर में गोली लगी। जिसके बाद सेना के अधिकारियों ने गंभीर हालत में मेजर को उधमपुर के सैनिक अस्पताल में भर्ती कराया।

जहां मेजर मयंक की उपचार के दौरान मौत हो गई। पत्नी व अन्य परिजन उधमपुर चले गए थे। मेरठ स्थित घर पर दोनों बहन तनु, अनु और रिश्तेदार हैं। मेजर विश्नोई की 18 अप्रैल 2018 को शादी हिमाचल प्रदेश के सुजानपुर निवासी स्वाति से हुई थी।

मयंक को कोई बच्चा नहीं है। मयंक अपने पिता के इकलौते बेटे थे। मयंक के पिता जहां रिटायर्ड सूबेदार हैं, वहीं मयंक की पत्नी स्वाति के पिता भी एयरफोर्स से रिटायर्ड हैं।

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