प्रिया को मालूम नहीं थे शमसाद के मंसूबे, दोस्त न होती तो गुमनामी में हो जाती दफन
शमशाद ने प्रिया को बताया था कि वह किताबों पर बाइंडिंग का काम करता है। लेकिन उसके शाही खर्चे थे। उसके पास चार मकान हैं।
मेरठ। मेरठ की प्रिया जिसे शमशाद नाम का युवक अमित बनकर प्रेम के जाल में फंसाता रहा, कई महीने पहले दफन हो चुकी है। वह और उसकी बेटी दोनों उसी मकान में दफन हैं, जहां उसे नई जिंदगी के सपने दिखाकर शमशाद लाया था। अगर प्रिया की दोस्त चंचल पीछे न पड़ी होती तो शायद प्रिया की मौत का राज-राज ही रह जाता।
उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में मां-बेटी की हत्या करने के बाद पुलिस कस्टडी से भागने वाले आरोपी शमशाद को पुलिस ने मुठभेड़ में धर दबोचा है। उसके दोनों पैरों में गोली लगी है। शमशाद पुलिस कस्टडी से भाग गया था।
बताया गया है कि प्रिया जिसका अपने पति से तलाक हो चुका था, अपनी एक बेटी के साथ जिंदगी बिता रही थी। फेसबुक पर एक शख्स ने उसे अमित गुर्जर बनकर प्यार के सपने दिखाए और अपने जाल में फंसा लिया। सच्चाई छिपाए नहीं छिपती और हुआ भी ऐसा ही।
धीरे-धीरे मुहब्बत के रंगीन सपने तब फीके पड़ गए जब प्रिया को पता चला कि उसके साथ रहने वाला शख्स शमशाद है जिसकी एक बीबी बिहार में है। थोड़े दिन पहले शमशाद उसे भी मेरठ ले आया था। अब प्रिया को समझ में आया कि असल में जिसे वो लव समझ रही थी वो असल में लव जिहाद था।
भेद खुलने पर प्रिया और शमशाद में झगड़ा होने लगा। 28 मार्च 2020 को शमशाद ने अपने साले के साथ मिलकर प्रिया और उसकी बेटी की गला घोंटकर हत्या कर दी। इसके बाद बेरहम कातिल ने शव बेडरूम में ही गड्ढा खोदकर दबा दिए।
राज खुलने के डर से शमशाद ने प्रिया की मोदीनगर निवासी सहेली चंचल पर प्रिया और उसकी बेटी को गायब करने का आरोप लगाया। बस यही उसकी भूल रही। चंचल की बहादुरी ने इस खतरनाक कातिल का शक दुनिया के सामने उजागर कर दिया।
चंचल बार बार पुलिस से कहती रही कि प्रिया का कत्ल इसी ने किया है। इसके बाद पुलिस ने शमशाद से सख्ती से पूछताछ की तो बुधवार तड़के शमशाद ने दोनों की हत्या करना कबूल किया। बुधवार को 115 दिनों बाद पुलिस ने फर्श तुड़वाकर दोनों के कंकाल बरामद किए।
पुलिस ने मेरठ के परतापुर थाना क्षेत्र स्थित भूडबराल में शमशाद का मकान बुलडोजर से ढहा दिया।
शमशाद का सच अब भी पता नहीं
उत्तर प्रदेश के मेरठ में लव जिहाद में मां-बेटी को मौत के घाट उतारने वाले शातिर शमशाद अली का असली चेहरा क्या है, पुलिस के लिए यह पता लगाना चुनौती है। तीन महीने तक परतापुर पुलिस जांच का नाटक ही करती रही। लेकिन यह तक पता नहीं लगा पाई कि लाखों में खेलने वाले शमशाद का काम धंधा क्या है।
शमशाद ने प्रिया को बताया था कि वह किताबों पर बाइंडिंग का काम करता है। लेकिन उसके शाही खर्चे थे। उसके पास चार मकान हैं। प्रिया को कांशीराम कॉलोनी में मकान खरीदकर दिया था। लेकिन पोल खुलने के बाद वह परतापुर के भूडबराल नई बस्ती में आकर रहने लगा था।
यहां उसने जो मकान खरीदा उसकी कीमत इस समय 40 लाख से ज्यादा है। एक मकान मेरठ शहर के अलावा मोदीनगर में है। मोदीनगर में ही एक बड़ा प्लॉट है। शमशाद ने दो मकान प्रिया के नाम किए थे। प्रिया ने बेटी का एडमिशन देहरादून के स्कूल में कराया था।
शमशाद उसे अलग से पांच हजार रुपये महीने का खर्चा देता था। यह बातें प्रिया अपनी सहेली चंचल को फोन पर बताती रहती थी। 28 मार्च को शमशाद 2.80 लाख रुपये घर लेकर आया था, जिसको लेकर शमशाद और प्रिया में झगड़ा हुआ था।