मिशन 2022: बीजेपी ने चुनाव समिति को सौंपे 58 सीटों के दावेदारों के नाम,सीएम ने की चर्चा
मालूम हो कि तय कार्यक्रम के अनुसार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए 14 को अधिसूचना जारी हो जाएगी। उसके साथ ही प्रत्याशियों का नामांकन शुरू होना है। इसे देखते हुए भाजपा ने प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया तेज कर दी है। इसी क्रम में पार्टी मुख्यालय में चुनाव समिति की बैठक हुई। चूंकि पहले चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 58 सीटों पर मतदान होना है
लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव के लिए सभी दल अब अपने -अपने प्रत्याशियों के चयन और घोषणा की प्रक्रिया में जुट गए है। प्रदेश चुनाव समिति के सामने सोमवार को पहले चरण के 58 सीटों के दावेदारों के नाम रख दिए गए।
तय हुआ है कि मंगलवार को नई दिल्ली में राष्ट्रीय नेतृत्व के साथ इन पैनलों में शामिल नामों पर चर्चा कर 15-16 जनवरी तक प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी जाएगी। इसके साथ ही चुनाव समिति ने इस बात पर जोर दिया कि कोरोना संक्रमण से बचाव के साथ ही अभियान को गति किस तरह दी जाए।
14 को जारी होगी अधिसूचना
मालूम हो कि तय कार्यक्रम के अनुसार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए 14 को अधिसूचना जारी हो जाएगी। उसके साथ ही प्रत्याशियों का नामांकन शुरू होना है। इसे देखते हुए भाजपा ने प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया तेज कर दी है। इसी क्रम में पार्टी मुख्यालय में चुनाव समिति की बैठक हुई।
चूंकि पहले चरण में पश्चिमी उत्तर प्रदेश की 58 सीटों पर मतदान होना है, इसलिए सबसे पहले इन्हीं सीटों के लिए कवायद शुरू हुई है। संगठन के पास संबंधित क्षेत्र और जिलों से आए 58 विधानसभा सीटों के दावेदारों के पैनल की सूची मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह और प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह के सामने रखी गई।
यह सूची लेकर मंगलवार को मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश प्रभारी और प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल दिल्ली पहुंच रहे हैं। वहां राष्ट्रीय नेतृत्व के साथ इन नामों पर चर्चा करने के संसदीय बोर्ड को सूची भेजी जाएगी। बैठक में शामिल पदाधकारियों ने भी यही मत रखा कि चूंकि 14 से नामांकन शुरू होने हैं, इसलिए पहले चरण के प्रत्याशियों की सूची 15-16 जनवरी तक घोषित हो जाने चाहिए।
कोरोना प्रोटोकाल का होगा पालन
मालूम हो कि चुनाव आयोग ने सभी दलों से आदर्श आचार संहिता के साथ ही कोरोना गाइड लाइन का पालन करने को कहा है। इसी को ध्यान में रखकर सभी राजनीतिक दल अपने चुनावी अभियान को डिजिटल प्लेटफार्म का प्रयोग कर अधिक से अधिक मतदाताओं से संपर्क बनाया जाए।
इसके लिए समिति के सदस्यों ने व्हाट्सएप ग्रुप बढ़ाने सहित कई सुझाव दिए। वहीं, मुख्यमंत्री का जोर इस बात पर था कि जनसंपर्क अभियान और डिजिटल माध्यमों से केंद्र और प्रदेश सरकार की जनहितकारी योजनाओं की जानकारी जन-जन तक पहुंचाएं।
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