बसपा छोड़ते ही विधायक गुड्डू जमाली की बढ़ी मुश्किलें, मायावती ने यह आरोप लगाया
चुनाव से पहले इन दिनों यूपी में नेताओं के दलबदल का खेल जारी है। ऐसे में गुरुवार को शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली ने भी बसपा छोड़ दी। पार्टी प्रमुख को पत्र लिखकर विधान मंडल दल नेता और विधायक पद से इस्तीफे की पेशकश कर दी। 2012 और 2017 में विधान सभा और 2014 में लोकसभा चुनाव लड़ाने के लिए मायावती का एहसान जताया।
लखनऊ। विधानसभा चुनाव 2022 से पहले बसपा की खस्ताहालत को देखते हुए बहुत से नेता और विधायक बहनजी का साथ छोड़ रहे है। इस क्रम में बसपा के नया नाम विधान मंडल दल नेता और विधायक शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली का शामिल हो गया।
शाह आलम के विधायक पद से इस्तीफा देने से से सियासी गलियारे में हलचल मच गई। पार्टी का साथ छोड़ रहे जमाली को बसपा प्रमुख मायावती ने ऐसा जवा दिया किया कि सत्ता के गलियारे में हड़कंप मच गया।
बसपा प्रमुख पर अपने प्रति उदासीन रवैया अपनाने का आरोप लगाकर पार्टी छोड़ने वाले आजमगढ़ के मुबारकपुर से विधायक शाह आलम को बेनकाब करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने आरोप लगाया है कि वह अपने ऊपर लगे युवती से छेड़छाड़ के मुदकमे को वापस कराने का दबाव बना रहे थे।
चुनाव से पहले इन दिनों यूपी में नेताओं के दलबदल का खेल जारी है। ऐसे में गुरुवार को शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली ने भी बसपा छोड़ दी। पार्टी प्रमुख को पत्र लिखकर विधान मंडल दल नेता और विधायक पद से इस्तीफे की पेशकश कर दी।
2012 और 2017 में विधान सभा और 2014 में लोकसभा चुनाव लड़ाने के लिए मायावती का एहसान जताया। कहा कि दोनों विधान सभा चुनाव जीता और एक हारा। 2012 से पूरी निष्ठा और ईमानदारी से पार्टी आपका वफादार रहा।
जमाली ने मायावती पर यह आरोप लगाया
जमाली ने अफसोस जताते हुए मायावती के साथ 21 नवंबर को हुई बैठक का जिक्र किया। कहा कि मीटिंग में मैंने महसूस किया है कि आप मेरी पार्टी के प्रति पूरी निष्ठा और ईमानदारी के बावजूद संतुष्ट नहीं हैं। अब मैं आप या पार्टी पर बोझ बनकर नहीं रहना चाहता। जमाली का यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, इसके बाद यह अटकले लगाई जा रही है कि शाह जमाली शायद सपा से चुनावी मैदान में उतरेंगे।
मायावती ने किया पलटवार
जमाली का पत्र सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने पलटवार करते हुए मीडिया को बताया गया कि गुड्डू जमाली ने पार्टी इसलिए छोड़ी है, क्योंकि उनकी कंपनी में काम करने वाली एक युवती ने उनके चरित्र पर गंभीर आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया है। मामले में विवेचना चल रही है और गुड्डू दबाव बना रहे थे कि मुख्यमंत्री से कहकर मामला रफादफा करा दिया जाए।
मायावती ने आगे बताया कि उन्होंने सुझाव दिया था कि युवती का मामला है। बेहतर होगा कि विवेचना में न्याय न मिले तो न्यायालय में जाएं। इस पर शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली ने कहा था कि इस मामले में मदद नहीं की तो पार्टी और सभी पदों से त्यागपत्र दे दूंगा।
उल्लेखनीय है कि करीब नौ माह पहले फरवरी में बसपा विधायक शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली के खिलाफ युवती ने गोमती नगर थाने में छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज कराया था। हालांकि, तब इस मामले ने इतना तूल नहीं पकड़ा था।
युवती ने दर्ज कराई थी छेड़छाड़ की एफआईआर
लखनऊ के गोमतीनगर थाने में फरवरी, 2020 में एक युवती ने आजमगढ़ के मुबारकपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली के खिलाफ छेड़छाड़ व धमकी देने की एफआईआर दर्ज कराई थी। शाह आलम पूर्वांचल प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के सीएमडी भी हैं।
पीड़िता ने विधायक के साथ कंपनी के एजीएम अक्षित कपूर और एचआर मैनेजर सुमिता को भी नामजद किया था। युवती का आरोप है कि शाह आलम ने उसे कंपनी में 40 हजार रुपये वेतन पर नौकरी देने का भरोसा दिया था। इसके बाद डिप्टी मैनेजर पद पर उसकी ज्वाइनिंग कराई और फिर छेड़छाड़ करने लगे।
आरोपित विधायक युवती को वीडियो काल भी करते थे। युवती ने शाह आलम पर कीमती फ्लैटों की रजिस्ट्री कम दामों में करने का भी आरोप लगाया है। इसके बाद पीड़िता ने गोमतीनगर थाने में एफआइआर दर्ज कराई थी।
इस मामले में अब तक न तो चार्जशीट लगाई गई है और न ही अंतिम रिपोर्ट न्यायालय में दाखिल की गई है। गोमतीनगर पुलिस का कहना है कि विवेचना प्रचलित है। साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
जमाली ने कोर्ट पर जताया भरोसा
वहीं बसपा विधायक शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली ने कहा कि मैं किसी दबाव में दलाली नहीं कर सकता। इसीलिए मैंने बगैर कुछ कहे सभी दायित्वों से इस्तीफा दे दिया। रही बात मेरे खिलाफ दर्ज मुकदमे की तो सब बेबुनियाद है, मुझे कोर्ट पर भरोसा है। रहा सवाल मुकदमा खत्म कराने की बात का, क्या मायावती मुख्यमंत्री हैं, जो मैं उनसे मदद की गुहार लगाऊंगा।
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