मोदी सरकार ने दी कारोबारियों को बड़ी राहत, अब इस काम के लिए CA से ऑडिट की जरूरत नहीं
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इस राहत के तहत अब 5 करोड़ रुपए से ज्यादा का कारोबार करने वाले GST टैक्सपेयर्स अपने सालाना रिटर्न को खुद ही सर्टिफाइड कर सकेंगे। इसके लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट से अनिवार्य ऑडिट सर्टिफिकेशन कराने की भी अब जरूरत नहीं होगी।
नई दिल्ली। मोदी सरकार ने बड़े कारोबारियों को बड़ी राहत दी है। इस राहत के तहत अब 5 करोड़ रुपए से ज्यादा का कारोबार करने वाले GST टैक्सपेयर्स अपने सालाना रिटर्न को खुद ही सर्टिफाइड कर सकेंगे। इसके लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट से अनिवार्य ऑडिट सर्टिफिकेशन कराने की भी अब जरूरत नहीं होगी।
इस पर सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेस एंड कस्टम्स (CBIC) ने निर्देश जारी कर दिया है। वहीं वित्त मंत्रालय ने रविवार को GST रेवेन्यू कलेक्शन का डेटा जारी कर दिया है। जिसके मुताबिक मुताबिक, जुलाई में गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) से होने वाला कलेक्शन 1,16,393 करोड़ रुपए रहा है। जून में यह आंकड़ा 92,849 करोड़ रुपए था।
बताया गया कि GST कलेक्शन का यह आंकड़ा 1 जुलाई से 31 जुलाई के बीच का है। इस दरम्यान टैक्स से जुड़ी कई रियायतें दी गई हैं। जिसमें ITR फाइलिंग की डेडलाइन को 15 दिनों तक बढ़ाया जाना भी शामिल है। इसके अतिरिक्त ब्याज दरों में कटौती भी की गई है।
बताया गया कि सरकार ने रेगुलर सेटलमेंट के तौर पर जुलाई में IGST से 28,087 करोड़ रुपए का CGST और 24,100 करोड़ रुपए का SGST सेटल किया।वहीं जुलाई में GST का ग्रॉस कलेक्शन का डेटा साल भर पहले से 33% ज्यादा है। बताया गया कि इससे पहले देश में कोरोना की दूसरी लहर से लागू जगह-जगह लॉकडाउन से कलेक्शन का आंकड़ा जून में 8 महीने बाद 1 लाख करोड़ रुपए से नीचे आ गया था।
उधर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोविड-19 से जुड़ी पाबंदियों में ढील से जुलाई में GST कलेक्शन का आंकड़ा एक बार दोबारा 1 लाख करोड़ रुपए के पार निकला है। बताया कि इससे इकोनॉमी में तेजी से रिकवरी साफ तौर पर देखी जा सकती है। उन्होंने आगे भी GST कलेक्शन का आंकड़ा बढ़ने की उम्मीद जताई है।
वहीं वित्त मंत्रालय के मुताबिक कुल GST कलेक्शन में केंद्र सरकार का हिस्सा यानी CGST का हिस्सा 22,197 करोड़ रुपए, राज्यों का हिस्सा यानी SGST 28,541 करोड़ रुपए, इंटीग्रेटेड यानी IGST का 57,864 करोड़ रुपए और सेस का 7,790 करोड़ रुपए शामिल है।