बुजुर्गों का सहारा बनेगी मोदी सरकार, करने जा रही ये बड़ा काम

टीम भारत दीप |

संतानों के अलावा दामाद और बहुओं को भी बुजुर्गों का गुजारा भत्ता देना पड़ेगा।
संतानों के अलावा दामाद और बहुओं को भी बुजुर्गों का गुजारा भत्ता देना पड़ेगा।

बुजुर्ग माता पिता और वरिष्ठ नागरिकों के साथ बढ़ रही दुर्व्यवहार की घटनाओं को देखते हुए मोदी सरकार अब इससे जुड़े कानून को और अधिक मजबूत बनाने की तैयारी में है। बताया गया कि इस कानून को सरकार सख्त और व्यापक बनाने जा रही है।

नई दिल्ली। मोदी सरकार ने अब बुजुर्गों का सहारा बनने की ठान ली है। इसके लिए वह अब नई तैयारी में जुटी है। दरअसल बुजुर्ग माता पिता और वरिष्ठ नागरिकों के साथ बढ़ रही दुर्व्यवहार की घटनाओं को देखते हुए मोदी सरकार अब इससे जुड़े कानून को और अधिक मजबूत बनाने की तैयारी में है। बताया गया कि इस कानून को सरकार सख्त और व्यापक बनाने जा रही है।

बताया गया कि अब न केवल बेटे बेटियों बल्कि गोद ली गई संतानों के अलावा दामाद और बहुओं को भी बुजुर्गों का गुजारा भत्ता देना पड़ेगा। जानकारी के मुताबिक मोदी सरकार के संसद में पेश किए गए Maintenance and Welfare of Parents and Senior Citizens Act, 2007 संशोधन बिल में कुछ बड़े बदलाव किए गए हैं।

बताया गया कि बिल में बुजुर्गों को ये अधिकार दिया गया है कि अपने परिजनों के अनदेखी और दुर्व्यवहार किए जाने पर वो अपने संरक्षण और रखरखाव के लिए दावा ठोक सकते है। बताया गया कि संशोधन बिल में सबसे महत्वपूर्ण बदलाव रिश्तेदारों और परिजनों की परिभाषा को लेकर है जिसे बुजुर्गों के हित में और अधिक व्यापक बनाया गया है।

संशोधन बिल के मुताबिक अब रिश्तेदारों और बच्चों की श्रेणी में बेटा और बेटी के अलावा बहु, दामाद, पौत्र, पौत्री और नाबालिग बच्चों के अभिभावक को भी इसमें शामिल किया गया है। इतना ही नहीं नैसर्गिक बेटे - बेटियों के अलावा गोद लिए गए और सौतेली संतानों को भी बच्चों की श्रेणी में रखा गया है।

बताया गया कि इस कानून के अन्तर्गत शिकायत होने पर कोई भी बुजुर्ग अपने रिश्तेदारों और परिजनों के खिलाफ ट्राईब्यूनल में रख रखाव का आवेदन दे सकता हैं। बताया गया कि सामान्य मामलों में ट्राईब्यूनल को 90 दिनों के भीतर अपना फैसला देना होगा लेकिन अगर आवेदक की उम्र 80 साल से ऊपर हो तो 60 दिनों में फैसला करने को अनिवार्य बनाया गया है।

इसके अतिरिक्त बुजुर्गों के लिए केयर होम और वरिष्ठ नागरिक केंद्र बनाने का भी प्रावधान इस कानून के तहत किया गया है। बताया गया कि इन सभी केंद्रों का पंजीकरण करना अनिवार्य बनाया गया है। वहीं सरकार ने Maintenance and Welfare of Parents and Senior Citizens Act, 2007 में संशोधन करने का फैसला किया है।

बताया गया कि इससे जुड़े संशोधन विधेयक को दिसम्बर 2019 में लोकसभा में पेश किया गया था जिसके बाद उसे समीक्षा के लिए संसद की स्थायी समिति के पास भेजा गया था। इस बिल पर अब स्थायी समिति ने भी अपनी मुहर लगा दी है।


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