सन्यासी दादी की परवान चढ़ी मोहब्बत, 40 साल के युवा सन्यासी से रचाई शादी, पढ़ें पूरी खबर
इस विवाह के साक्षी गृहस्थ जीवन त्याग चुके लोग भी बने। यह सभी दादी और उनके प्रेमी के साथ उसी टिन शेड में निवास करते थे। दादी और उनके प्रेमी द्वारा एक दूसरे को वरमाला पहनाने औेर मांग में सिंदूर भरने के दौरान सभी लोग वहां मौजूद रहे। सभी ने इस नवदम्पत्ति को मंगलमय जीवन की शुभकामनाएं भी दी।
आगरा। 'केवल प्रेम को ही नियम भंग करने का अधिकार है।'स्वामी रामतीर्थ की यह सूक्ति आगरा से आई एक खबर पर पूरी तरह चरितार्थ होती नजर आती है। यहां एक सन्यासी दादी व 40 साल के युवा सन्यासी की मोहब्बत ऐसी परवान चढ़ी कि दोनों ने विवाह रचाकर पुन:गृहस्थ जीवन की बागडोर थाम ली।
बताया जा रहा है कि पति की मौत के बाद 50 वर्षीय महिला ने बच्चों की शादी करके उनकी गृहस्थी बसा दी। उसके बाद करीब पांच माह पूर्व गृहस्थ जीवन से संन्यास लेकर वह तीर्थ स्थल बटेश्वर में आकर रहने लगीं। यहां पर एक पूर्व उन्हें अपने से दस साल की उम्र के एक बाबा से प्यार हो गया।
दादी ने सन्यासी जीवन त्यागने का फैसला किया और 40 साल के प्रेमी के गले में वरमाला डालकर दोबारा गृहस्थ जीवन में प्रवेश करते हुए जीवन के नए सफर की ओर कदम बढ़ाया है। बताया जाता है कि यहां बाह के एक गांव की 50 वर्षीय महिला के पति की काफी साल पहले म़ृत्यु हो गई थी।
महिला ने पति की मौत के बाद बच्चों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी को सम्भाला। बड़े होने पर बच्चों की शादी कर दी। उनका मन बच्चों औेर उनकी गृहस्थी में पूरी तरह रम चुका था। जिम्मेदारी उठाने और बच्चों की गृहस्थी बसाने के चक्कर में समय कम बीत गया उन्हें इसका अहसास नहीं हुआ।
लेकिन जब बच्चे अपनी गृहस्थी में मशगूल हो गए तो मां के संघर्ष को बुला दिया। ऐसे में अकेला जीवन महिला को बोझ महसूस होने लगा। इसी अकेलेपन से ऊबकर 50 साल की उम्र में दादी ने घर छोड़कर सन्यासी जीवन बिताने का निर्णय लिया। वह पांच माह पूर्व घर छोड़कर तीर्थ स्थल बटेश्वर में रहने चली आईं।
यहां टिन शेड में रहने वाले अन्य बाबा के साथ रहने लगी। दादी का मन पूरी तरह से यहां रम चुका था। तभी एक महीने पहले इटावा का रहने वाला 40 साल का बाबा तीर्थ स्थल पर रहने आया। वह अविवाहित था, घर को त्याग चुका था। उसने अपने से उम्र में दस साल बड़ी दादी की छोटी-छोटी जरूरतों का ध्यान रखना शुरू कर दिया।
उनके खाना खाने के इंतजाम से लेकर बीमार होने पर देखभाल करने तक की सारी जिम्मेदारी उसने बखूबी निभाई। इसी दरम्यिान दोनों को एक दूसरे से काफी जुड़ गए। बाबा ने अपने से उम्र में दस साल बड़ी दादी से प्यार का इजहार किया। तो दादी भी बाबा के प्यार में अपना दिल खो बैठी। प्रेमी ने उनसे शादी करके नई जिंदगी की शुरूआत करने का प्रस्ताव रखा।
इसके बाद दादी ने प्रेमी के साथ शादी करके दोबारा गृहस्थ जीवन में लौटने का फैसला किया। शनिवार की सुबह दादी और उनके प्रेमी ने एक दूसरे के गले वरमाला डाली। प्रेमी ने दादी की मांग में सिंदूर भरा। इसके बाद दोनों नई जिंदगी की शुरूआत के सफर पर निकल पड़े। यह विवाह पूरे इलाके में चर्चा का विषय बना हुआ है।
अभी तक यहां युवक-युवतियों द्वारा ही शादी करने के मामले सामने आते रहे हैं। इस प्रेम कहानी जैसा यह यहां पहला मामला है। कहा जा रहा है कि इस विवाह के साक्षी गृहस्थ जीवन त्याग चुके लोग भी बने। यह सभी दादी और उनके प्रेमी के साथ उसी टिन शेड में निवास करते थे।
दादी और उनके प्रेमी द्वारा एक दूसरे को वरमाला पहनाने औेर मांग में सिंदूर भरने के दौरान सभी लोग वहां मौजूद रहे। सभी ने इस नवदम्पत्ति को मंगलमय जीवन की शुभकामनाएं भी दी। बहरहाल इस तरह का यह यहां पहला मामला है इसलिए चारों ओर इसकी खूब चर्चा हो रही है।