मुख्तार के गुर्गे ने बैंक के 107 करोड़ रुपये हड़पे, रिकवरी के लिए जा रहे अफसरों को देता था धमकी

टीम भारत दीप |

शकील व उसके  साथियों ने जाली दस्तावेज तैयार कर इन जमीनों को बैंक में गिरवी रखा।
शकील व उसके साथियों ने जाली दस्तावेज तैयार कर इन जमीनों को बैंक में गिरवी रखा।

पुराने लखनऊ के शीशमहल में रहने वाला शकील हैदर राजधानी में मुख्तार अंसारी का सबसे करीबी गुर्गा है। उसने अमीनाबाद के यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया की शाखा से लोन कराया। यह लोन हिंद कंस्ट्रक्शन प्रोडक्ट प्रा. लि. और हिंद बिल्डटेक कंपनी के नाम कराया गया। बैंक के अधिकारी के मुताबिक, हिंद कंस्ट्रक्शन प्रोडक्ट प्रा. लि. के नाम से 65 करोड़ का लोन कराया गया।

लखनऊ। बांदा जेल में बंद बाहुबली विधायक के साथ उनके गुर्गे भी प्रशासन को अपनी धौंस से हड़काएं रहते थे। इसका खुलासा शुक्रवार को हुआ। माफिया मुख्तार अंसारी के करीबी शकील हैदर का नया मामला सामने आया है। उसने कुछ साल पहले यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया से दो कंपनियों के नाम से 107 करोड़ रुपये का लोन लिया था। यह रकम खाते में आने के बाद खर्च कर दी और लोन की किस्त भी नहीं दी।

बैंक के अधिकारियों ने जब रिकवरी की कोशिश की तो वह उन्हें धमकाने लगा। बैंक ने मामले की जांच कराई तो कई खुलासे हुए। इसके बाद इस मामले की जांच सुरक्षा एजेंसियों को दे दी गई। वहीं, शकील के खिलाफ चार दिन में करोड़ों रुपये की जमीनों का फर्जीवाड़ा करने का मुकदमा भी वजीरगंज थाने में दर्ज हुआ है। आरोपी की तलाश में पुलिस कई जगह दबिश दे रही है।

पुराने लखनऊ के शीशमहल में रहने वाला शकील हैदर राजधानी में मुख्तार अंसारी का सबसे करीबी गुर्गा है। उसने अमीनाबाद के यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया की शाखा से लोन कराया। यह लोन हिंद कंस्ट्रक्शन प्रोडक्ट प्रा. लि. और हिंद बिल्डटेक कंपनी के नाम कराया गया।

बैंक के अधिकारी के मुताबिक, हिंद कंस्ट्रक्शन प्रोडक्ट प्रा. लि. के नाम से 65 करोड़ का लोन कराया गया। यह लोन हासिल करने में शकील हैदर के अलावा हनी अब्बास, वारिस हसन और तनवीर अहमद शामिल थे। वहीं, दूसरी कंपनी हिंद बिल्डटेक के नाम से 42 करोड़ का लोन शकील हैदर ने कराया था। इन दोनों कंपनियों के खाते में लोन की रकम पहुंचने के बाद शकील ने उसे खर्च कर दिया। लेकिन किस्त की रकम देने में आनाकानी करने लगा।

रिकवरी करने वाली टीम को रसूख दिखाते हुए धमकाया

 बैंक के अधिकारियों ने रिकवरी के लिए टीम लगाई। इस पर शकील ने रसूख दिखाते हुए अधिकारियों को धमकी दी। इसके चलते वसूली नहीं हो सकी। इस बीच में यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया को पंजाब नेशनल बैंक में मर्ज कर दिया गया। इसके बाद मामले की जांच पीएनबी के अधिकारियों द्वारा की जाने लगी। वहीं, कुछ पीड़ितों ने मामले की शिकायत पुलिस के उच्चाधिकारियों से की। इस पर वजीरगंज थाने में चार मुकदमे दर्ज कर लिए गए।

कई जमीनों को रखा था गिरवी

प्रभारी निरीक्षक वजीरगंज धनंजय पांडेय के मुताबिक, औरया के इकौरापुर निवासी राजकुमार एसआई है। उन्होंने बरावनकला ठाकुरगंज में 1500 वर्गफीट जमीन खरीदी। निर्माण के लिए उन्होंने एलआईसी से 22 लाख रुपये का लोन कराया। पड़ताल में पता चला कि जमीन को अमीनाबाद के तत्कालीन यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया अब पंजाब नेशनल बैंक में 2014 में ही गिरवी रखा गया था।

इसी प्रकार यह जमीन हिंद कंक्रीट प्रोडक्ट प्रा. लि. के नाम से बंधक रखी गई है। उधर, हसनगंज के खदरा निवासी देवेंद्र के मुताबिक अपने भाई के साथ ठाकुरगंज में ही एक-एक हजार के दो प्लाट लिए थे। रजिस्ट्री कार्यालय से जानकारी मिली कि पंजाब नेशनल बैंक (यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया) में शकील की कंपनी के नाम से ही प्लॉट गिरवी रखे गए हैं।

जमीन के कागज पर कराया 36.54 करोड़ का लोन

प्रभारी निरीक्षक ने बताया कि मानसनगर के आकाश श्रीवास्तव ने अपनी बहन के साथ बरावनकला में जमीन ली थी। बाद में पता चला कि यह जमीन भी शकील ने लोन के लिए बंधक रखी है। इसी तरह का मामला वृंदावन कॉलोनी निवासी वीरेंद्र कुमार शर्मा का भी है। उनकी भी बरावनकला की 2691 वर्गफीट जमीन को शकील ने बैंक में गिरवी रखा है। चारों ने वजीरगंज थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।

आरोप है कि शकील व उसके अन्य साथियों ने जाली दस्तावेज तैयार कर इन जमीनों को बैंक में गिरवी रखा। इसके बाद अपने प्रॉपर्टी डीलर साथी के सहयोग से बेच दी। वीरेंद्र के मुताबिक, शकील ने उनकी जमीन पर 36.54 करोड़ रुपये का लोन कराया था।

इसके लिए उनके जमीन के आसपास की भी प्रॉपटी गिरवी रखी है। प्रभारी निरीक्षक धनंजय पांडेय के मुताबिक, मामले की जांच की जा रही है। दस्तावेज की जांच के लिए रजिस्ट्री कार्यालय को पत्र भेजा गया है। दस्तावेज मिलने के बाद उसकी फोरेंसिक जांच कराई जाएगी।

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