शहर को पॉलीथीन मुक्त कराने को लखनऊ नगर निगम ने शुरू किया 'थैला बैंक'

bharatdeep news |

यह थैले शहर के विभिन्न बाजारों और मंडियों में स्टालों पर बेचे जाएंगे"।
यह थैले शहर के विभिन्न बाजारों और मंडियों में स्टालों पर बेचे जाएंगे"।

नगर निगम ने शहर में जगह—जगह स्टॉल लगाए हैं। जहां कपड़े से बने थेले बेचे जा रहे हैं। नगर निगम ने शहर को पॉलोथीन मुक्त बनाने की नीयत से इसकी शुरुआत की है। वहीं थैला बैंक के स्लोगन में कहा गया है कि कुछ भी खरीदने बाहर जब जायें, तो कपड़े का थैला घर से जरूर ले जाएं।

लखनऊ। शहर को पॉलीथीन मुक्त करने के मकसद से लखनऊ नगर निगम ने थैला बैंक की शुरूआत की है। दरअसल पॉलीथीन मुक्त समाज बनाने व लगातार बढ़ते प्रदूषण को लेकर अब लखनऊ नगर निगम ने नए तरह का अभियान शुरू करने का फैसला लिया है।

इसके लिए शहर में 'थैला बैंक' को शुरु किया गया। इसके लिए नगर निगम ने शहर में जगह—जगह स्टॉल लगाए हैं। जहां कपड़े से बने थेले बेचे जा रहे हैं। नगर निगम ने शहर को पॉलोथीन मुक्त बनाने की नीयत से इसकी शुरुआत की है।

वहीं थैला बैंक के स्लोगन में कहा गया है कि कुछ भी खरीदने बाहर जब जायें, तो कपड़े का थैला घर से जरूर ले जाएं। नगर आयुक्त आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी के मुताबिक "ये कपड़े के बैग स्व-सहायता समूहों द्वारा तैयार किए गए हैं।

यह थैले शहर के विभिन्न बाजारों और मंडियों में स्टालों पर बेचे जाएंगे"। उनके मुताबिक जनता को पर्यावरण के प्रति जागरुक बनाने के लिए नगर निगम ने यह कदम उठाया है। बताया गया है कि स्टॉलों पर 5 रुपये से लेकर 20 तक का बैग उपलब्ध रहेगा।

वहीं अपर नगर आयुक्त डा. अर्चना द्विवेदी के मुताबिक छोटे थैले की कीमत पांच से दस रुपये और बड़े थैले का मूल्य पंद्रह से बीस रुपये रखा गया है। कहा गया कि शहर में बढ़ रहे प्रदूषण के कारण इसकी सुंदरता में लगातार गिरावट आ रही थी।

अभी लोग डिस्पोजेबल एवं प्लास्टिक की थैली सड़कों पर या खाली भूखंड पर फेंकते हैं जिससे कूड़ा और प्रदूषण बढ़ता है। साथ ही कूड़े से पॉलीथीन खाने पर जानवर का जीवन संकट में पड़ जाता है। इस कदम से जनता व पर्यावरण को लाभ पहुंचने की उम्मीद जाहिर की गई है।


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