काशी के सांड़ों को आसरा देने नपा ने शुरू किया अभियान, अब गौशाला में रखे जाएंगे
कुछ सालों से सांड़ की पहचान सड़कों पर आतंक मचाने वाले प्राणी के रूप में बेसहारा जानवर के रूप में होने लगी है।अब ऐसे बेसहारा प्राणियों को सहारा देने के लिए वाराणसी नगर पालिका ने महाअभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत सांड़ों को पकड़कर गौशाला में रखा जाएगा,अर्थात उन्हें भी आसरा मिलेगा, उनके लिए खाने-पीने की व्यवस्था की जाएगी।
वाराणसी। राड़ सांड़ सन्यासी यह तीनों काशी के वासी यह कहावत ही नहीं यह काशी पहचान है। अब बात विस्तार से करते है। काशी में उन महिलाओं को आसरा मिलता है जिन्हें उनके घर वालों ने ठुकरा दिया हो, इसी तरह वे लोग जो इस दुनिया से विरक्त होकर प्रभु की शरण में जाने के लिए तपस्या करते है अर्थात सन्यासियों के लिए काशी को मुफिद माना जाता है।
कहावत के तीसरे पात्र अर्थात सांड़ को भी काशी में आसरा मिलता है, लेकिन बीते कुछ सालों से सांड़ की पहचान सड़कों पर आतंक मचाने वाले प्राणी के रूप में बेसहारा जानवर के रूप में होने लगी है।अब ऐसे बेसहारा प्राणियों को सहारा देने के लिए वाराणसी नगर पालिका ने महाअभियान शुरू किया है।
इस अभियान के तहत सांड़ों को पकड़कर गौशाला में रखा जाएगा,अर्थात उन्हें भी आसरा मिलेगा, उनके लिए खाने-पीने की व्यवस्था की जाएगी।
गौशाला में रखा जाएगा सांड़ों
सड़कों पर बिना भय विचरण करने वाले सांड़ों की वजह से कई बार लोगों की जान को खतरा पैदा हो जाता है। क्योंकि यह सांड़ अपनी पेट की भूख मिटाने के लिए सड़कों पर टहलते रहते हैं, कई बार भूख की वजह से लोगों पर हमला भी कर देते है।
इस विषय में नगर पालिका अध्यक्ष रेखा शर्मा का कहना है कि पशुओं को पकड़ने के लिए कई बार अभियान चलाया गया था। अब सारे दिन अभियान चलाकर पशुओं को पकड़ा जाएगा। इसके लिए शीघ्र ही आधा दर्जन कर्मचारियों की टीम बनाई जाएंगी। ऐसे सांड़ों को पकड़कर गौशाला में रखा जाएगा, ताकि किसी को इनकी वजह से नुकसान नहीं उठाना पड़े।
सांड़ों की लड़ाई में जा चुकी है कई जान
आपकों बता दें कि सड़क पर भटक रहे सांड़ों की लड़ाई की वजह से कई बार लोगों को नुकसान उठाना पड़ा है। अभी हाल में सांड़ों की लड़ाई की वजह से एक युवक की मौत हो चुकी है। जिसके परिजनों को मुआवजा देने के लिए भाजपा पार्षदों ने नगर पालिका के सामने घेराव किया था, और पचास लाख मुआवजे की मांग की थी। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए भी यह अभियान चलाया जा रहा है।
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