नवोदय छात्रा प्रकरण: 500 कॉल डिटेल, 150 स्पर्म टेस्ट के बाद भी पुलिस को कुछ नहीं पता, कोर्ट की नाराजगी इसलिए भी
आपकों बता दें कि इस मामले को सुलझाने के लिए पुलिस ने 12 लोगों का नार्को टेस्ट कराया। दुष्कर्म की पुष्टि के लिए डेढ़ सौ लोगों के स्पर्म टेस्ट कराए, लेकिन कोई मैच नहीं हुआ। यहां तक कि 500 लोगों के कॉल डिटेल ट्रेस हुए फिर भी कोई सुराग नहीं मिले।
मैनपुरी। यूपी के मैनपुरी में 16 सितंबर 2019 को भोगांव के नवोदय विद्यालय में फांसी पर लटकी मिली छात्रा की मौत पुलिस के लिए अनसुलझी पहेली बन चुकी है। पुलिस ने इसे सुलझाने के लिए भरपूर्ण प्रयास का नाटक किया, लेकिन दो साल बाद भी पुलिस विभाग के मुखिया के पास कोई ठोस जवाब नहीं है।
इस मामले को सुलझाने के लिए पुलिस ने 12 लोगों का नार्को टेस्ट कराया। दुष्कर्म की पुष्टि के लिए डेढ़ सौ लोगों के स्पर्म टेस्ट कराए, लेकिन कोई मैच नहीं हुआ। यहां तक कि 500 लोगों के कॉल डिटेल ट्रेस हुए फिर भी कोई सुराग नहीं मिले।
आपकों बता दें कि यूपी के गाजियाबाद में हुए आरूषि हत्याकांड के बाद भी पुलिस और सीबीआई के पास कोर्ट को बताने के लिए कुछ नहीं थी, ठीक उसी तरह मैनपुरी में हुई छात्रा की हत्या के मामले में भी कोर्ट को बताने के लिए पुलिस के पास कुछ नहीं है।
मैनपुरी नवोदय छात्रा प्रकरण: हाईकोर्ट की फटकार के साथ तत्कालीन एएसपी, सीओ निलंबित
इस मामले में बुधवार को जब डीजपी मुकुल गायेल हाईकोर्ट के सामने पेश हुए तो जज के सामने एक भी सवाल का जवाब नहीं दें पाए। इसके बाद जज ने डीजीपी को फटकार लगाते हुए गुरुवार को फिर से सही जवाब के साथ बुलाया है।
इस मामले में हाईकोर्ट में दाखिल जनहित याचिका पर प्रदेश के डीजीपी सहित तीन जिलों के एसपी बुधवार को पेश हुए तो ये मामला फिर से सुर्खियों में छा गया। आपकों बता दें कि मृतक छात्रा को न्याय दिलाने के लिए महेंद्र प्रताप सिंह ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका लगाई थी।
बुधवार को जिसकी सुनवाई करते हुए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमएन भंडारी तथा न्यायमूर्ति एके ओझा की खंडपीठ ने डीजीपी से कहा है कि तत्कालीन एसपी को हटाया जाए या जबरन सेवानिवृत्त करें।
कोर्ट ने पंचनामे की वीडियो रिकार्डिंग देखी। कोर्ट ने पुलिस के रवैये पर कड़ी नाराजगी जाहिर की और डीजीपी को पूरी तैयारी के साथ कर कोर्ट में आने का निर्देश दिया। कहा कि कल तक प्रयागराज ना छोड़े।
पुलिस ने हत्या को माना था आत्महत्या
आपकों बता दें कि मैनपुरी के जवाहर नवोदय विद्यालय में 16 सितंबर 2019 को कक्षा 11 की छात्रा का शव फांसी पर लटका मिला था। इस मौत को दुष्कर्म के बाद हत्या बताया गया और परिजनों की तहरीर पर भोगांव कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया।
भोगांव पुलिस ने मृतका के पिता की तहरीर पर नवोदय की प्रधानाचार्या सुषमा सागर, वार्डन विश्रुति, स्कूल के कई छात्रों के खिलाफ हत्या, दुष्कर्म, पॉक्सो एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस ने जांच के दौरान 2 नवंबर 2019 को घटना को आत्महत्या मान लिया और हत्या की धारा हटा दी। अज्ञात आरोपी भी हटा दिए।
प्रधानाचार्या ने नहीं सुनी थी फरियाद
इस मामले में मृतक छात्रा के पिता ने शिकायत की थी कि 12 सितंबर को पुत्री से मिलने उसकी मां स्कूल गई तो उसने शिकायत की थी कि प्रधानाचार्या सुषमा सागर, और विद्यालय के छात्र उसे बहुत परेशान करते हैं और जान से मारने की धमकी देते हैं।
पत्नी ने यह शिकायत प्रधानाचार्या से करने की कोशिश की तो उन्होंने मिलने से इनकार कर दिया। 15 सितंबर को पुत्री ने फोन से मां को जानकारी दी कि उपरोक्त लोग उसे फिर मारने की धमकी दे रहे हैं। 16 सितंबर की सुबह प्रधानाचार्या सुषमा सागर, हॉस्टल वार्डन, विद्यालय के छात्रों ने उसकी बेटी को पीटा और फिर उसे फांसी पर लटका दिया, जिससे उसकी मौत हो गई।
सीबीआई जांच के स्थान पर बनाई गई एसआईटी
स्थानीय प्रशासन ने भले ही सीबीआई जांच की बात कही लेकिन शासन ने इस पूरे प्रकरण को एसआईटी के हवाले कर दिया। एसआईटी में शामिल आईजी कानपुर मोहित अग्रवाल, एसपी मैनपुरी अजय कुमार पांडेय तथा एसटीएफ के सीओ श्यामकांत को शामिल किया गया।
एसआईटी अब तक इस प्रकरण में 150 से अधिक लोगों के डीएनए की जांच करा चुकी है। पिछले दिनों 10 अन्य लोगों के डीएनए की जांच कराई गई, लेकिन सारी रिपोर्ट निगेटिव आई हैं।
तीन जिलों के एसपी को भी किया तलब
अब जनहित याचिका पर प्रदेश के डीजीपी, तत्कालीन मैनपुरी के एसपी और वर्तमान में हरदोई के एसपी अजय कुमार पांडेय, तत्कालीन एसपी मैनपुरी और वर्तमान में उन्नाव के एसपी अविनाश कुमार पांडेय तथा वर्तमान एसपी मैनपुरी अशोक कुमार राय को हाईकोर्ट ने तलब किया तो ये मामला फिर से गरमा गया है।
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