NEET PG-2021: केन्द्र को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, कहा- युवा डॉक्टर्स को फुटबॉल मत बनाइए

टीम भारत दीप |
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सरकार ने NEET PG-2021 का सिलेबस परीक्षा के 2 माह पहले बदल दिया था।
सरकार ने NEET PG-2021 का सिलेबस परीक्षा के 2 माह पहले बदल दिया था।

दरअसल नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट पीजी (NEET PG) सुपर स्पेशियलिटी का सिलेबस अंतिम समय में बदलने पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोर्ट ने केंद्र सरकार को कहा कि सत्ता के खेल में युवा डॉक्टरों को फुटबॉल मत बनाइए।

नई दिल्ली। NEET PG—2021 को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि सत्ता के खेल में युवा डॉक्टर्स को फुटबाल मत बनाएं। दरअसल नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट पीजी (NEET PG) सुपर स्पेशियलिटी का सिलेबस अंतिम समय में बदलने पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोर्ट ने केंद्र सरकार को कहा कि सत्ता के खेल में युवा डॉक्टरों को फुटबॉल मत बनाइए। कोर्ट ने सरकार से संबंधित अफसरों की मीटिंग बुलाने का निर्देश दिया। इसके साथ ही 4 अक्टूबर को जवाब दाखिल करने को कहा है।

जानकारी के मुताबिक जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की बेंच ने केंद्र को फटकार लगाते हुए सख्त लहजे में कहा कि सत्ता के खेल में इन युवा डॉक्टरों को फुटबॉल मत समझो। हम इन डॉक्टरों को असंवेदनशील नौकरशाहों की दया पर नहीं छोड़ सकते। कहा गया कि सरकार अपने घर को दुरुस्त करे।

कोर्ट ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि किसी के पास शक्ति है, आप इसका मन मुताबिक इस्तेमाल नहीं कर सकते। कोर्ट ने कहा कि यह स्टूडेंट्स के करियर का सवाल है। ऐसे में अब आप आखिरी समय में बदलाव नहीं कर सकते। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सरकार से कहा कि युवा डॉक्टरों के साथ संवेदनशीलता से पेश आएं।

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) क्या कर रहा है? आप नोटिस जारी करते हैं और फिर पैटर्न बदल देते हैं? कहा गया कि स्टूडेंट्स सुपर स्पेशियलिटी कोर्स की तैयारी महीनों पहले से शुरू कर देते हैं। एग्जाम से पहले आखिरी मिनटों में बदलने की जरूरत क्यों है? आप अगले बरस से बदलाव के साथ आगे क्यों नहीं बढ़ सकते?'

जानिए क्या है पूरा विवाद
दरअसल छात्रों का दावा है कि सरकार ने NEET PG सुपर स्पेशियलिटी परीक्षा 2021 का सिलेबस परीक्षा के 2 माह पहले बदल दिया था। इसके विरोध में 41 पीजी क्वालिफाइड डॉक्टरों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी।

वहीं स्टूडेंट्स ने यह भी दावा किया है कि 2018 में पैटर्न सामान्य चिकित्सा से 40 फीसदी और सुपर स्पेशियलिटी से 60 फीसदी प्रश्न का था, जबकि इस बार अंतिम समय में बदलाव कर दिया गया। इसमें सामान्य चिकित्सा से 100 फीसदी प्रश्न पूछे गए थे।

गौरतलब है कि 20 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET) PG सुपर स्पेशियलिटी परीक्षा -2021 के पाठ्यक्रम में आखिरी समय में बदलाव को चुनौती देने वाली याचिका पर राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (NBE), राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया गया था।
 


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