लापरवाही: 'क्लीन आगरा..ग्रीन आगरा' अभियान की यूं खुल रही पोल
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इस तस्वीर को देखकर चौंकिये नहीं.. ये क्लीन आगरा..ग्रीन आगरा स्कीम के तहत बनने वाला कोई नया शौचालय नहीं है। न ही ये नगर निगम की कोई नई परियोजना का हिस्सा है। दरअसल ये नगर निगम की लापरवाही का वह सच है जिसके तहत की आम आदमी की जान के साथ खिलवाड़ किया जाता है।
आगरा। सूबे की तकदीर व तस्वीर बदलने के तमाम सरकारी दावों से इतर जमीन पर हालात अभी भी बदहाल बने हुए हैं। जिसकी तस्दीक ताजनगरी नाम से विश्वविख्यात यूपी के आगरा जिले से आई यह तस्वीर खुद व खुद बयां कर रही है। दरअसल यह तस्वीर तो सिर्फ बानगी भर है, यह बताने के लिए कि जिस स्वच्छता अभियान का ढिंढोरा देश भर में पीटा जा रहा है।
उसकी जमीनी हकीकत क्या है? यह तस्वीर मेयर आगरा, नवीन जैन साहब के स्वच्छ भारत अभियान की पोल खोलने को भी काफी है। इस तस्वीर को देखकर चौंकिये नहीं.. ये क्लीन आगरा..ग्रीन आगरा स्कीम के तहत बनने वाला कोई नया शौचालय नहीं है। न ही ये नगर निगम की कोई नई परियोजना का हिस्सा है।
दरअसल ये नगर निगम की लापरवाही का वह सच है जिसके तहत की आम आदमी की जान के साथ खिलवाड़ किया जाता है। जानकारी के मुताबिक यह तस्वीर आगरा के भगवान टॉकीज के नजदीक मेन रोड के खुले सीवर के मेनहोल की है, जिसमें गिरने से कभी भी कोई चोटिल हो सकता था। कभी—कभी तो जान जाने की भी खबरें प्रकाश में आती रहती हैं।
ऐसे में स्थानीय लोगों की तमाम शिकायतों के बाद भी जब नगर निगम ने नहीं सुनी तो राहगीरों को बचाने के मकसद से स्थानीय लोगों ने इंग्लिश टॉयलेट सीट के जरिए इसे ढक दिया। बावजूद इसके अभी तक नगर निगम प्रशासन अपनी लापरवाही को दुरूस्त करने के बजाय इस शर्मिन्दगी पर खिलखिला रहा है। ऐसे में यह समझना कठिन नहीं होगा कि सूबे में अन्य जगहों के जमीनी हालात क्या हैं?
दरअसल सरकारी महकमों की इस तरह की लापरवाहियां पीएम मोदी व सीएम योगी के उन मंसूबों को भी धराशायी करती हुई नजर आती है, जिनके तहत देश व प्रदेश की बदहाल सूरत को बदलने के सपने संजोए जा रहे हैं।