डॉक्टरी के लाइसेंस के लिए 2023 से जरूरी होगा 'नेस्क्ट', केन्द्र सरकार ने तेज की तैयारियां
दरअसल क्वालिटी मेडिकल एजुकेशन, पारदर्शी परीक्षा की संरचना और स्वास्थ्य सुविधा के लिए प्रतिबद्ध मोदी सरकार ने National Exit Test(नेस्क्ट) के लिए कमर कस ली है। अब देश में डॉक्टरी का लाइसेंस लेने के लिए नेस्क्ट पास करना होगा। यह परीक्षा हर साल जून से पहले होगी।
नई दिल्ली। अब देश में डॉक्टरी का लाइसेंस लेना इतना आसान नहीं होगा। दरअसल क्वालिटी मेडिकल एजुकेशन, पारदर्शी परीक्षा की संरचना और स्वास्थ्य सुविधा के लिए प्रतिबद्ध मोदी सरकार ने National Exit Test(नेस्क्ट) के लिए कमर कस ली है। अब देश में डॉक्टरी का लाइसेंस लेने के लिए नेस्क्ट पास करना होगा।
यह परीक्षा हर साल जून से पहले होगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मेडिकल की पढ़ाई (एमबीबीएस) कर रहे विद्यार्थियों में इससे जुड़े भय और भ्रामक जानकारियों को दूर करने के लिए सरकार मॉक ड्रिल भी कराएगी, जो साल 2022 के शुरूआती महिनों में होगी।
इस बाबत केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया के मुताबिक 2023 की पहली छमाही में National Exit Test (नेस्क्ट) को सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए रोडमैप के तहत ही परीक्षा कराने की तैयारी की जाएगी। बताया गया कि इसके साथ ही 2022 में इसके मॉक रन की भी योजना बनाई जा रही है। दरअसल ये बातें उन्होंने नेशनल मेडिकल कमीशन के साथ समीक्षा बैठक के दौरान कही है।
बताया गया कि बैठक में मेडिकल एजुकेशन को लेकर कई अहम मामलों पर चर्चा की गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बैठक में एनएमसी के अधिकारियों ने बताया कि नेशनल एक्जिट टेस्ट (नेस्क्ट) को लेकर लगातार कोशिशे की जा रही हैं। बताया गया कि तैयार किए गए रोडमैप के अनुसार यह 2023 की पहली छमाही में हो सके, इसके लिए तैयारियां तेज कर दी गई हैं।
उधर इस प्रक्रिया के टेस्ट और छात्रों की चिंता दूर करने के लिए मॉक रन की भी योजना है। बताया गया कि यह 2022 में होगी। चर्चा यह भी की गई कि एनईएक्स्टी (स्टेप 1 और स्टेप 2 ) के परिणामों का इस्तेमाल MBBS के फाइनल ईयर की परीक्षा के लिए,देश में आधुनिक मेडिसीन की प्रैक्टिस के लिए तथा ब्रॉड स्पेशिएलिटी में PG सीटों के योग्यता आधारित आवंटन के लिए किया जाएगा।
बताया गया कि 2023 की पहली छमाही में National Exit Test (नेस्क्ट) को सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए रोडमैप के मुताबिक ही परीक्षा करवाने की कोशिश के साथ ही 2022 में इसके मॉक रन की भी योजना बनाई जा रही है।
नेशनल मेडिकल कमीशन की बैठक में हुआ मंथन
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक नेशनल मेडिकल कमीशन की समीक्षा बैठक में नेस्क्ट को विश्व स्तरीय परीक्षा बनाने को लेकर भी गंभीरतापूर्वक चर्चा की गई। दरअसल नेस्क्ट का महत्व इसी बात से पता चलता है कि यह भारत या दुनिया के किसी भी हिस्से में प्रशिक्षित के लिए एक समान होगी। बताया गया कि इससे फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट्स (FMGs) या आपसी मान्यता की समस्या खत्म हो जाएगी।
वहीं बैठक को संबोधित करते हुए मनसुख मंडाविया ने कहा कि केंद्र सरकार क्वालिटी मेडिकल एजुकेशन, पारदर्शी परीक्षा की संरचना और स्वास्थ्य सुविधा के लिए प्रतिबद्ध है। इसे लेकर सरकार सभी स्टेकहोल्डर्स के साथ लगातार काम मे जुटी है।
क्या है नेशनल मेडिकल कमीशन
बताते चलें कि संसद ने NMC एक्ट पास किया है। इसे नेशनल मेडिकल कमीशन एक्ट, 2019 भी कहा जाता है। जानकारी के मुताबिक यह 25 सितंबर 2020 से अस्तित्व में आया है। इसका मकसद गुणवत्तापूर्ण और सस्ती चिकित्सा शिक्षा मुहैया कराना बताया जा रहा है। वहीं इसका लक्ष्य देश के सभी हिस्सों में पर्याप्त और हाई क्वालिटी वाले मेडिकल प्रोफेशनल्स एनश्योर करना है।
बताया जा रहा है कि इससे लोगों को समान और व्यापक हेल्थ केयर मिल सकेगा।