किसान नेता बलदेव सिंह ‘सिरसा’ को NIA का समन, बोले सरकार की आन्दोलन को तोड़ने की साजिश
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राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने लोक भलाई इंसाफ वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष बलदेव सिंह सिरसा को पूछताछ के लिए समन भेजा है। लोक भलाई इंसाफ वेलफेयर सोसाइटी सरकार के साथ नए कृषि कानूनों पर वार्ता में शामिल होने वाले किसान संगठनों में से एक है।
नई दिल्ली। केन्द्र सरकार के तीन कृषि कानूनों को लेकर देश में चल रहे किसान आन्दोलन के बीच सरकार व किसानों के बीच बढ़ती रार कम होने का नाम नहीं ले रही है। वहीं इस बीच आई एक खबर किसानों के लिए परेशानी भरी हो सकती है। दरअसल मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने लोक भलाई इंसाफ वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष बलदेव सिंह सिरसा को पूछताछ के लिए समन भेजा है।
लोक भलाई इंसाफ वेलफेयर सोसाइटी सरकार के साथ नए कृषि कानूनों पर वार्ता में शामिल होने वाले किसान संगठनों में से एक है। सूत्रों के मुताबिक ये समन गैरकानूनी संगठन सिख फॉर जस्टिस के नेता के खिलाफ एक केस के संबंध में भेजा गया है। कहा यह भी जा रहा है कि यह समन भारत विरोधी संगठनों द्वारा कई एनजीओं को की गई फंडिंग के सिलसिल में है।
बताया यह भी जा रहा है कि एनआईए विदेषी फंडिंग का लेकर अपनी पैनी नजर बनाए हुए है।
जानकारी के मुताबिक बलदेव सिंह सिरसा को 17 जनवरी को नई दिल्ली में एनआईए हेडक्वार्टर में सिख फाॅर जस्टिस संगठन के गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ एक मामले में पूछताछ के लिए बुलाया गया है। पन्नू के खिलाफ भय और अराजकता का माहौल बनाने और सरकार के खिलाफ भड़काने और विद्रोह के लिए उकसाने की कथित साजिश रचने का आरोप है।
बता दें कि सरकार के साथ शुक्रवार को 9वें दौर की बातचीत में एलबीआईडब्लूएस की तरफ से पूरन सिंह भी शामिल हुए थे। वहीं एक राष्ट्रीय अखबार से बात करते हुए सिरसा ने केंद्र सरकार पर किसान आंदोलन को पटरी से उतारने की कोशिश करने का आरोप लगाया। उनके मुताबिक पहले सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के जरिए किसान आंदोलन को खत्म करने की कोशिश की और वो आईएनए का इस्तेमाल कर रही है।
वहीं बीते मंगलवार को अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन में सरकार को खालिस्तानी घुसपैठ होने की सूचना मिली है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पन्नू से जुड़े इस मामले में सिरसा के अलावा और भी कई किसान नेताओं और कार्यकर्ताओं को समन जारी किया गया है।
वहीं पूरे मामले पर सिरसा के मुताबिक कई लोग जो किसान आंदोलन से जुड़े हैं, उन्हें ये सम्मन भेजे गए हैं। इससे किसानों के लिए काम करने वाले लोगों को डराया जा रहा है, लेकिन हम इससे प्रभावित होने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि मांगें पूरी होने तक किसान अब पीछे नहीं हटने वाले। उनके मुताबिक 26 जनवरी को किसान परेड की जांच के लिए एनआईए दिन-रात काम कर रही है।
कहा गया कि किसान नेताओं ने कल की बैठक में आईएनए की छापेमारी का भी मुद्दा उठाया था, जिस पर सरकार ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि हमारी ऐसी कोई मंशा नहीं है।