आगरा के निहाल सिंह को 17 लोगों की जान बचाने के लिए मिलेगा जीवन रक्षा पदक

टीम भारत दीप |

निहाल सिंह  ने  अपनी जान हथेली पर रख बस के शीशे तोड़कर उन्होंने 17 यात्रियों को बाहर निकाल लिया।
निहाल सिंह ने अपनी जान हथेली पर रख बस के शीशे तोड़कर उन्होंने 17 यात्रियों को बाहर निकाल लिया।

मालूम हो कि 8 जुलाई सन 2019 को सुबह तड़के 4.30 बजे लखनऊ से दिल्ली जा रही जनरथ बस यमुना एक्सप्रेस वे पुल पर थाना एत्मादपुर क्षेत्र के गांव चौगान के समीप नाली में गिर गई थी। इस भीषण हादसे में कुल 29 लोगों की जान चली गई थी, जबकि 17 लोगों को देवदूत बनकर निहाल सिंह बघेल ने बचा लिया था।

आगरा। आगरा के रहने वाले निहाल सिंह की पहचान देव दूत  रूप में है। अब निहाल सिंह को भारत सरकार जीवन रक्षा पदक से सम्मानित करेेगी। आगरा एत्मादपुर के गांव चौगान निवासी निहाल सिंह बघेल  को रक्षा पदक वर्ष 2019 में 17 लोगों की जान बचाने के लिए  दिया जाएगा। भारत सरकार ने पत्र भेजकर इसकी जानकारी दी है। 

मालूम हो कि 8 जुलाई सन 2019 को सुबह तड़के 4.30 बजे लखनऊ से दिल्ली जा रही जनरथ बस यमुना एक्सप्रेस वे पुल पर थाना एत्मादपुर क्षेत्र के गांव चौगान के समीप नाली में गिर गई थी। इस भीषण हादसे में कुल 29 लोगों की जान चली गई थी, जबकि 17 लोगों को देवदूत बनकर निहाल सिंह बघेल ने बचा लिया था।

निहाल सिंह के मुताबिक वह सुबह खेत में गए थे, जैसे ही बस नाले में गिरी आवाज सुनकर वह उस ओर दौड़ पड़े । वहां जब  पहुंचे तो देखा कि  लोग  जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे हैं। अपनी जान हथेली पर रख बस के शीशे तोड़कर उन्होंने 17 यात्रियों को बाहर निकाल लिया। निहाल सिंह जब वहां पहुंचे तो वहां कोई और नहीं था, लोग बस में फंसे हुए थे।

निहाल सिंह ने बताया कि पहले तो वे कुछ समझ नहीं पा रहे थे क्या करें, बस से खून बाहर की ओर निकल रहा था। उनके पास मोबाइल भी नहीं था, ताकि गांव के लोगों को मदद के लिए बुला लेते। इसके बाद उन्होंने बिना देर किए ही बस का शीशा तोड़ा और दो तीन लोगों को बाहर निकाला और उन्हीं के फोन से डायल  100 को सूचना दी। इसके बाद बचाव कार्य शुरू हुआ और 17 लोगों की जान बचा ली गई। उनके इस साहसिक कार्य के लिए भारत सरकार जीवन रक्षक पदक से सम्मानित करेगी

 भारत सरकार देगी सम्मान 

जीवन रक्षा पदक प्रदेश सरकार की संस्तुति पर गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा ऐसे नागरिकों को दिए जाते हैं, जिन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर जल में डूबते हुए या आग से घिरे लोगों को बचाते है। ऐसे लोगों को जीवन रक्षक पदा दिया जाता है। 

राज्य सरकार द्वारा निम्नलिखित सुविधायें भी दी जाती हैं

सरकारी स्कूलों,कालेजों में स्नातक स्तर तक निःशुल्क शिक्षा।लोक सेवा आयोग की परिधि के बाहर समूह ग,एवं घ के पदों पर नियुक्ति हेतु निर्धारित अधिकतम आयु सीमा में पांच वर्ष की छूट और इस प्रकार यदि ऐसे व्यक्ति अन्यथा अर्ह हों तो उन्हें अन्य व्यक्तियों की तुलना में सेवायोजना में वरीयता।

जो व्यक्ति पदक के लिए चुने जाते हैं उन्हें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री द्वारा स्वयं अपने हाथों से पदक देकर सम्मानित किया जाता है तथा इस अवसर पर उन्हें अपने जनपद से लखनऊ आने-जाने का प्रथम श्रेणी का रेल किराया अनुमन्य कराया जाता है तथा पदक प्राप्तकर्ता को राज्य अतिथि का दर्जा देकर उसके रहने एवं खाने की व्यवस्था स्टेट गेस्ट हाउस में की जाती है।


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