यूपी में मुहर्रम पर ताजिया जुलूस निकालने की अनुमति नहीं, गाइडलाइन पर उलमा नाराज
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आपकों बता दें कि इससे पहले उत्तर प्रदेश सहित देश के अन्य राज्य ने बकरीद पर सीमित तरीके से और घर पर रहकर त्योहार मनाने को कहा था। जबकि केरल सरकार ने बकरीद पर लॉकडाउन में छूट दे दिया था। नतीजा आज सबके सामने हैं। केरल में संक्रमण दर में जबरदस्त बढ़ोतरी हो गई है। ऐसे में सबकी जिम्मेदारी बनती है कि वह सुरक्षा के रास्ते को अपनाएं।
लखनऊ। यूपी में कोरोना महामारी को देखते हुए सरकार त्योहारों पर विशेष सावधानी बरत रही है। प्रदेश में संक्रमण भले ही कम हो, लेकिन तीसरी लहर की आशंका के बीच राज्य सरकार इस समय कोई जोखिम उठाने के मूड में नहीं है। इसीलिए कांवड़ यात्रा को प्रतिबंधित कर दिया गया।
अब योगी सरकार ने मुहर्रम पर ताजिया जुलूस निकालने की अनुमति देने से मना कर दिया है। इस बार मोहर्रम 10 अगस्त से शुरू हो रहा है और इसके दसवीं यानी 19 अगस्त को जुलूस निकाला जाना था।आपकों बता दें कि इससे पहले उत्तर प्रदेश सहित देश के अन्य राज्य ने बकरीद पर सीमित तरीके से और घर पर रहकर त्योहार मनाने को कहा था।
जबकि केरल सरकार ने बकरीद पर लॉकडाउन में छूट दे दिया था। नतीजा आज सबके सामने हैं। केरल में संक्रमण दर में जबरदस्त बढ़ोतरी हो गई है। ऐसे में सबकी जिम्मेदारी बनती है कि वह सुरक्षा के रास्ते को अपनाएं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया है कि कोरोना महामारी किसी धर्म, पंथ व मजहब देखकर अपनी चपेट में नहीं ले रहा है। इसलिए मुहर्रम पर ताजिया जुलूस को निकालने की अनुमति न दी जाए।
देश के अन्य राज्यों के मुकाबले उत्तर प्रदेश में कोरोनावायरस से स्थिति काफी बेहतर है। लिहाजा सरकार किसी भी तरह का खतरा मोल लेना नहीं चाह रही है। यही वजह है बड़े आयोजनों और पर्व को मनाने की छूट अभी भी नहीं दी जा रही है। इस समय प्रदेश के दस जिले कोरोना संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं।
लेकिन तीसरी लहर के अंदेशों के बीच छूट देना खतरे को आमंत्रण देने जैसा साबित हो सकता है। सीएम योगी ने निर्देश दिया है कि कोविड-19 के प्रोटोकाल का पालन करते हुए मुहर्रम सादगी व शांति के साथ मनाया जाए।वहीं सरकार के इस फैसले पर उलमाओं ने नाराजगी जताई।
पुलिस महानिदेशक मुकुल गोयल ने सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को मुहर्रम के लिए अपना दिशा-निर्देश जारी कर दिया है। इसमें मुहर्रम के दौरान कहीं शस्त्र का प्रदर्शन नहीं किया जाएगा। राजस्व विभाग के सहयोग से विवादित स्थल और मार्ग का संतोषजनक हल निकाला जाए। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर पैनी नजर रखी जाए जिससे किसी तरह की अफवाह न फैलाई जाए और ऐसर करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
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