अब मेरठ में ऑक्सीजन की कमी से 9 मरीजों की मौत, जिला प्रशासन का दांवा नहीं हुई कमी
बागपत रोड स्थित केएमसी हॉस्पिटल में रात करीब 12 बजे ऑक्सीजन सप्लाई कम होती चली गई। सूचना पर डिविजनल सर्विलांस अधिकारी डॉ. अशोक तालियान व सिटी मजिस्ट्रेट सतेंद्र सिंह पहुंचे। मरीजों को दूसरे हॉस्पिटल में शिफ्ट करने के लिए एंबुलेंस बुलवा ली गई थीं, लेकिन ऐन वक्त पर सिलेंडरों की व्यवस्था हो जाने से ऐसी नौबत नहीं आई।
मेरठ। पूरे देश से ऑक्सीजन की कमी से कोरोना संक्रमितों की मौत की खबर से देश वासियों को विचलित कर रखा है। सरकार देश के पर्याप्त ऑक्सीजन की व्यवस्था करने का दावा कर रही है,इसके बाद भी स्थितियां बदतर होती जा रही है।
ताजा मामला उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले सामने आया है। मेरठ के केएमसी हॉस्पिटल में 18 घंटे के भीतर नौ कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हो गई। हॉस्पिटल प्रबंधन का दावा है कि ऑक्सीजन की कमी से इन मरीजों की मौत हुई जबकि स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि ऑक्सीजन सिलेंडरों की संख्या पर्याप्त थी।
बागपत रोड स्थित केएमसी हॉस्पिटल में रात करीब 12 बजे ऑक्सीजन सप्लाई कम होती चली गई। सूचना पर डिविजनल सर्विलांस अधिकारी डॉ. अशोक तालियान व सिटी मजिस्ट्रेट सतेंद्र सिंह पहुंचे।
मरीजों को दूसरे हॉस्पिटल में शिफ्ट करने के लिए एंबुलेंस बुलवा ली गई थीं, लेकिन ऐन वक्त पर सिलेंडरों की व्यवस्था हो जाने से ऐसी नौबत नहीं आई।
सोमवार दोपहर हॉस्पिटल प्रबंधन ने एक सूची सीएमओ को मुहैया कराई, जिसमें रविवार रात से अब तक 9 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत की जानकारी दी गई। केएमसी नर्सिंग कॉलेज की प्रिंसिपल संध्या चौहान ने 9 मौतों की पुस्टि की है।
हॉस्पिटल ने लगाया नोटिस बोर्ड
केएमसी हॉस्पिटल ने ऑक्सीजन किल्लत को देखते हुए बाहर एक नोटिस बोर्ड लगा दिया है। इसमें लिखा है कि हम रोगी के सभी परिजनों को सूचित करना चाहते हैं कि ऑक्सीजन की उपलब्धता के लिए अस्पताल पूरी तरह जिला प्रशासन पर निर्भर है।
हमें जितनी ऑक्सीजन प्रशासन द्वारा दी जा रही है, उससे हम रोगियों का इलाज कर रहे हैं। यह परिस्थिति किसी भी समय विषम हो सकती है, इसके लिए अस्पताल प्रशासन विवश है।
ऑक्सीजन व्यवस्था पूरी थी :डीएसओ
डिविजनल सर्विलांस अधिकारी डॉ. अशोक तालियान ने बताया कि रात ऑक्सीजन क्राइसिस की सूचना पर वे केएमसी पहुंचे। उस वक्त भी हॉस्पिटल में 26 सिलेंडर रखे हुए थे। इसके बाद करीब 30 से ज्यादा सिलेंडरों की व्यवस्था रात में कराई गई। इस प्रकार पर्याप्त ऑक्सीजन सिलेंडर थे।
अब कौन झूठ बोल रहा है और कौन सच यह तो भगवान ही जाने, लेकिन नौ संक्रमितों की मौत से उनके परिजनों को गहरा आघात लगा है। लोग अस्पताल अपने परिजनों को इलाज के लिए लेकर पहुंच रहे है, लेकिन यहां इलाज न मिलकर सब मिल रहा है जैसे मोटी रकम का बिल और जिंदगी भर का दर्द।