यूपी में अब स्टाम्प हो गया इतिहास, सरकार ने शुरू की ये नई सेवा
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सरकार ई-स्टाम्प को बढ़ावा दे रही है। राज्य में दूरदराज रहने वाले लोगों को भी आसानी से स्टांपिंग की सुविधा मुहैया कराने के लिए तकरीबन 10 हजार बेरोजगारों को बतौर स्टाम्प विक्रेता नियुक्त किया जाएगा।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार अब भौतिक स्टाम्प पेपर की बिक्री पर रोक लगाने जा रही है। यूपी की योगी सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में स्टाम्प छपाई का कोई नया ऑर्डर न देने का फैसला किया है। प्रदेशवासियों को कोई दिक्कत ना होने पर इसके लिए सरकार ई-स्टाम्प को बढ़ावा दे रही है। राज्य में दूरदराज रहने वाले लोगों को भी आसानी से स्टांपिंग की सुविधा मुहैया कराने के लिए तकरीबन 10 हजार बेरोजगारों को बतौर स्टाम्प विक्रेता नियुक्त किया जाएगा।
जिन्हें 1 लाख के स्टाम्प पर 115 रुपए कमीशन के रूप में मिलेगे. राज्य के स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग ने इस संबंध में जिले को निर्देश जारी कर दिए हैं। सरकार ने तेलगी स्टाम्प घोटाला को देखते हुए ई-स्टाम्प को बढ़ावा देने की कवायद शुरू कर दी है। स्टाम्प एवं पंजीयन राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार रविंद्र जायसवाल ने बताया कि भौतिक स्टांप पेपर के लिए अब कोई भी नया ऑर्डर नासिक या हैदराबाद प्रिंटिंग प्रेस को ना देने का फैसला किया गया है। पिछले वर्षों के आर्डर से राज्य की ट्रेजरी मैं अभी तकरीबन 15000 करोड रुपए के स्टांप पेपर है। बस उन्हें ही बेचकर खत्म किया जा रहा है.
पेपर वाले स्टाम्प बंद होने से एक ओर जहां नकली स्टाम्प की समस्या खत्म होगी. वही ई स्टाम्प में कोई जालसाजी नहीं कर सकेगा। आम लोगों को धोखाधड़ी से बचाने में मदद मिलेगी। ई-स्टाम्प से काम में पारदर्शिता आएगी। कई बार स्टाम्प पेपर के दुरुपयोग की शिकायतें भी मिलती रहती है। अब इस पर विराम लगेगा अब तक स्टांप वेंडरों वा जिला सहकारी बैंक के माध्यम से स्टाम्प की बिक्री की जाती थी। ई स्टाम्प से लोगों को काफी सुविधा होगी। इसके साथ ही लगभग 100 करोड़ रुपये बचाएगी सरकार।