अब लखनऊ में बोलेंगी सड़कें! खतरे से करेंगी आगाह, 'स्पीकिंग रोड प्रोजेक्ट' जल्द होगा शुरू
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ये सड़कें गाड़ी मालिकों को अपने लेन में रहकर गाड़ी चलाने का इशारा भी करेंगी और ये सड़कें बोलेगी भी। कहा जा रहा है कि इससे सड़क हादसों पर अंकुश लगेगा। वहीं यह भी बताया जा रहा है कि लखनऊ की इन सड़कों को स्विजरलैंड की सड़कों की तर्ज पर बनाया जा रहा है और इस प्रोजेक्ट का नाम स्पीकिंग रोड रखा गया है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सड़क हादसों पर अंकुश लगाने की नीयत से नई तैयारी चल रही है। जिसके तहत जल्द ही यातायात विभाग कुछ बदलाव करने जा रहा है। दरअसल इसी बदलाव के तहत शहर की दस सड़क मार्गों चिन्हित भी किया गया है। बताया जा रहा है कि ये सड़कें गाड़ी मालिकों को अपने लेन में रहकर गाड़ी चलाने का इशारा भी करेंगी और ये सड़कें बोलेगी भी।
कहा जा रहा है कि इससे सड़क हादसों पर अंकुश लगेगा। वहीं यह भी बताया जा रहा है कि लखनऊ की इन सड़कों को स्विजरलैंड की सड़कों की तर्ज पर बनाया जा रहा है और इस प्रोजेक्ट का नाम स्पीकिंग रोड रखा गया है। इस बाबत यातायात अपर पुलिस आयुक्त पुणेंदु सिंह के मुताबिक शहर के भीड़ भाड़ वाले इलाकों की दस सड़कों को पायलट प्रोजेक्ट के तहत चिन्हित किया गया है।
इन सभी सड़कों का सर्वे का काम चल रहा है। जहां की सड़कें गड़बड़ है उन्हें सुधर करने के लिए पीडब्लूडी को भी पत्र भेजा गया है। इस प्रोजेक्ट के तहत सड़क दुर्घनाओं को कम करने के लिए सड़क किनारे मार्किंग बोर्ड लगाए जाएंगे। उससे वाहन चालकों को तय रफ्तार सीमा के अंदर गाड़ी चलाने के साथ ही अन्य चीजों के बारे में भी जानकारी देंगे।
यहां वाहनों के प्रकार के हिसाब से लेन को तैयार किया जाएगा। हर लेन की रफ्तार तय होगी। साथ ही हर दाहिने मोड़ पर स्टॉप लिखा रहेगा। कदम-कदम पर रोड सेफ्टी के स्लोगन लिखे जाएगे। इतना ही नहीं रात में वाहनों की रोशनी से सड़कें जगमगाने लगेंगी।
बताया जा रहा है कि राजधानी के हजरतगंज चौराहे से महाराणा प्रताप चौराहा, हजरतगंज चौराहे से बाल्मिकी चौराहा, हजरतगंज चौराहे से बंदरियाबाग चौराहा, गोमतीनगर के विजयीपुर अंडरपास से पिकअप भवन, पॉलिटेक्निक चौराहे से लोहियापथ से 1090 तक,
चौधरी चरण सिंह एयरपोर्ट से बारा बिरवा मोड़, सिकंदरबाग चौराहे से नवल किशोर रोड तक, बंगलाबाजार चौराहे से बारा बिरवा चौराहा, तेलीबाग चौराहे से चारों दिशाओं में सौ मीटर तक, समतामूलक चौराहे से पेपर मिल कुकरैल नदी पुल तक।
इन सभी सड़कों को चिन्हित कर स्पीकिंग रोड प्रोजेक्ट के तहत तैयार किया जाएगा। बताते चलें कि पिछले साल लखनऊ में सबसे ज्यादा सड़क हादसे हुए थे। इनमे 2833 सड़क दुर्घटनाएं हुई और दुर्घनाताओं में 1910 लोगों ने अपनी जान गवानी।
उन्ही सड़क दुर्घटनाओं कि सम्भावनाओं को कम करने के लिए ये सारी तैयारी की ता रही है। इस स्पीकिंग रोड प्रोजेक्ट पर पीडब्लूडी, नगर निगम और यातायात विभाग मिलकर काम करने की तैयारी कर रहा है।
चिन्हित सड़कों पर सर्वे के बाद नए तरीके से सड़कों के निर्माण का कार्य आरंभ होगा।