अब यूपी बोर्ड में छात्रों को सिखाई जाएगी स्पेनिश, फ़्रेंच व अन्य भाषाएं

टीम भारत दीप |

यूपी बोर्ड के छात्र-छात्राओं को विदेशी और अन्य राज्य भाषाएं भी सिखाई जाएंगी।
यूपी बोर्ड के छात्र-छात्राओं को विदेशी और अन्य राज्य भाषाएं भी सिखाई जाएंगी।

इस नई योजना का प्रयोग यूपी बोर्ड द्वारा शुरू में राजकीय इंटर कॉलेज में किया जाएगा। इसके अन्तर्गत छात्रों को स्पेनिश, फ्रेंच या फिर जर्मन भाषा के साथ शास्त्रीय भाषाएं तमिल, कन्नड और तेलगु सिखाया जाएगा। जानकारी के मुताबिक हर स्कूल में 6 से 12 तक का एक सेक्शन अंग्रेजी माध्यम का रखा जाएगा और नई भाषा के तहत त्रिभाषा को लागू किया जाएगा।

लखनऊ। अब यूपी बोर्ड के छात्र-छात्राओं को तमाम तरह की भाषाओं का ज्ञान कराया जाएगा। इसके लिए उत्तर प्रदेश  सरकार ने तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। मिल रही जानकारी के मुताबिक जल्द ही यूपी बोर्ड के छात्र-छात्राओं को विदेशी और अन्य राज्य भाषाएं भी सिखाई जाएंगी। इसके लिए उत्तर प्रदेश की सरकार ने अपनी तैयारियां भी शुरू कर दी है।

इस नई योजना का प्रयोग यूपी बोर्ड द्वारा शुरू में राजकीय इंटर कॉलेज में किया जाएगा। इसके अन्तर्गत छात्रों को स्पेनिश, फ्रेंच या फिर जर्मन भाषा के साथ शास्त्रीय भाषाएं तमिल, कन्नड और तेलगु सिखाया जाएगा। जानकारी के मुताबिक हर स्कूल में 6 से 12 तक का एक सेक्शन अंग्रेजी माध्यम का रखा जाएगा और नई भाषा के तहत त्रिभाषा को लागू किया जाएगा।

सरकार इन भाषाओं के लिए एक पार्ट टाइम टीचर भी रखेगी। वहीं स्कूलों में न सिर्फ कन्नड, तेलगु, और तमिल ही नहीं बल्कि पंजाबी, बंगाली के अलावा अन्य भाषाएं भी सिखाई जाएंगी। प्राइमरी स्तर तक कि शिक्षा को मातृभाषा या स्थानीय भाषा में ही कराई जाएगी। इसके साथ ही प्रदेश के हर मंडल मुख्यालय के राजकीय विद्यालय के पुस्तकालयों में इन भाषाओं का साहित्य मुहैया कराया जाएगा।

जिससे विद्यार्थी इन्हें पढ़ सके। बताते चलें कि यूपी सरकार छात्रों को भारत की शास्त्रीय भाषाएं तमिल, संस्कृत, तेलगु, कन्नड, मलयालम और उड़िया सिखाने के साथ ही भारत की आधुनिक भाषाओं हिंदी, मराठी, गुजराती, बंगाली भी सिखाएगी।

इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार बोर्ड के परीक्षा पैर्टन का भी बदलाव करने की तैयारी कर रही है। इसके अन्तर्गत होने वाली परीक्षा में 30 अंको के वस्तुनिष्ठ प्रश्न रखे जाएंगे। इसे ओएमआर सीट पर लिया जाएगा। साथ ही विज्ञान और गृहविज्ञान में 50 फीसद तक प्रायोगिक गतिविधियों के प्रश्नों रखे जाएंगे।


 


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