अब एक दिन में अधिकतम 12 घंटे करना पड़ सकता है काम ! श्रम मंत्रालय का आया प्रस्ताव
श्रम मंत्रालय ने दिन में अधिकतम 12 कामकाजी घंटों का प्रस्ताव किया है, जिसमें अंतराल शामिल होंगे। ये प्रस्ताव ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशन (ओएसएच) कोड-2020 पर ड्राफ्ट नियमों के अन्तर्गत किया गया है, जिसे इस साल सितंबर में संसद ने पारित किया था।
नई दिल्ली। एक दिन में कर्मचारियों को अधिकतम 12 घंटे का कामकाज करना पड़ सकता है। जी हां श्रम मंत्रालय ने दिन में अधिकतम 12 कामकाजी घंटों का प्रस्ताव किया है, जिसमें अंतराल शामिल होंगे। ये प्रस्ताव ऑक्यूपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशन (ओएसएच) कोड-2020 पर ड्राफ्ट नियमों के अन्तर्गत किया गया है, जिसे इस साल सितंबर में संसद ने पारित किया था।
हालांकि, साप्ताहिक काम करने के घंटों की समय-सीमा को 48 घंटे रखा गया है (6 दिन गुणा आठ घंटे, एक साप्ताहिक छुट्टी के साथ)। ये ड्राफ्ट नियम 19 नवंबर 2020 को अधिसूचित किए गए हैं। इसे कई क्षेत्रों से आलोचना का सामना करना पड़ा है क्योंकि संसद द्वारा पारित किया ओएसएच कोड एक दिन में अधिकतम आठ घंटों के लिए कहता है।
श्रम मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक यह देशभर में स्थितियों को देखते हुए किया गया है, जहां काम पूरे दिन में फैला होता है। वहीं ऐसा भी कहा जा रहा है कि इससे कर्मियों को ओवरटाइम अलाउंस के जरिए ज्यादा कमाने का भी मौका मिलेगा। अधिकारी के मुताबिक उन्होंने ड्राफ्ट नियमों में जरूरी प्रावधान किए हैं जिससे सभी कर्मी जो आठ घंटे से ज्यादा काम कर रहे हैं, उन्हें ओवरटाइम अलाउंस मिले।
ओएसएच कोड पर ड्राफ्ट नियमों के मुताबिक, किसी दिन पर ओवरटाइम को कैलकुलेट करते समय एक घंटे के बीच के 15-30 मिनट की अवधि को 30 मिनट ही गिना जाएगा। वर्तमान समय में 30 मिनट से कम अवधि को मौजूदा कानूनी व्यवस्था में ओवरटाइम नहीं गिना जाता है।
ड्राफ्ट नियमों के मुताबिक कोई कर्मी को किसी प्रतिष्ठान में एक हफ्ते में 48 घंटों से ज्यादा काम करने की जरूरत या मंजूरी नहीं होगी। कर्मी के काम की अवधि इस तरह होनी चाहिए कि आराम के लिए अंतराल शामिल हों, जो एक दिन में 12 घंटों से ज्यादा नहीं होने चाहिए। ड्राफ्ट के मुताबिक, किसी कर्मी को लगातार पांच घंटों से ज्यादा काम करने की इजाजत नहीं होगी, जब तक उसे आराम करने के लिए कम से कम आधे घंटे का अंतराल मिल जाए।