NTA की इस प्रेस रिलीज ने साफ कर दी NEET और JEE Mains की तस्वीर
नीट और जेईई परीक्षा को लेकर 20 लाख से ज्यादा ट्वीट ट्विटर पर किए गए थे। इसी बीच खबरें भी उड़ीं कि मंत्रालय परीक्षा कराने पर दोबारा विचार कर रहा है।
नई दिल्ली। एनईईटी और जेईई परीक्षा को लेकर सोशल मीडिया पर जारी गतिरोध के बीच एनटीए ने परीक्षा को लेकर स्थिति स्पष्ट कर दी है। इसके बाद लग रहा है कि अब परीक्षा के टलने के कोई आसार नहीं हैं। वहीं भारतीय जनता पार्टी ने परीक्षा को लेकर सोशल मीडिया पर मचे हंगामे को विपक्ष का एजेंडा बताया और उनके द्वारा छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने की बात कही गई।
शुक्रवार को नीट और जेईई परीक्षा को लेकर 20 लाख से ज्यादा ट्वीट ट्विटर पर किए गए थे। इसी बीच खबरें भी उड़ीं कि मंत्रालय परीक्षा कराने पर दोबारा विचार कर रहा है। लेकिन, शुक्रवार को परीक्षा के लिए कार्यदायाी संस्था नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कोरोना के चलते परीक्षा को लेकर की गई तैयारियों के बारे में बताया।
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का जिक्र करते हुए एनटीए ने कहा कि जेईई मेन्स की परीक्षा एक सितंबर से 6 सितंबर के बीच होनी है। इसके लिए एडमिट कार्ड भी अपलोड किए जा चुके हैं। संस्था का कहना है कि लगभग 99.07 प्रतिशत कैंडिडेट को उनकी पहली च्वाइस का सेंटर अलाॅट किया गया। 142 परीक्षार्थियों ने अपने सेंटर बदलने का अनुरोध किया है, इस पर भी विचार किया जा रहा है।
इसी के साथ नीट एग्जाम को लेकर एनटीए ने कहा कि 13 सितंबर को होने वाली परीक्षा के लिए 99.87 प्रतिशत परीक्षार्थियों को उनकी पहली च्वाइस का सेंटर अलाॅट किया गया है। जल्द ही उनके एडमिट कार्ड भी जारी कर दिए हैं।
25 लाख परीक्षार्थी
एनटीए के अनुसार नीट और जेईई परीक्षा में कुल 25 लाख छात्रों ने आवेदन किया है। इसमें से जेईई में 8,57,273 और नीट परीक्षा में 15,97,433 परीक्षार्थी हैं। इन सभी के लिए परीक्षा केंद्र पर कोरोना के स्टैंडर्ड आॅपरेटिंग प्रोसीजर के तहत व्यवस्थाएं की गईं। इसमें परीक्षा से पहले और बाद में परीक्षा केंद्रों को सैनिटाइज करना। मास्क का वितरण और सोशल डिस्टेंसिंग के पालन के लिए इंतजाम शामिल हैं।
इसके अलावा परीक्षा के आयोजन में जितने भी लोग शामिल हैं उनको कोविड19 की गाइडलाइन के तहत पूरी तरह से प्रशिक्षित किया गया है। एनटीए के इस जवाब को परीक्षा को लेकर विरोध के लिए सरकार का अप्रत्यक्ष उत्तर माना जा सकता है। ऐसे में छात्रों को चाहिए कि विरोध के बजाए परीक्षा की तैयारी पर ध्यान लगाएं।