नोएडा में धर्म की आड़ में तैयार की जा रही थी आतंक की नर्सरी,डेफ सोसायटी संचालिका ने उगले कई राज
धर्म परिवर्तन के अहम किरदार मौलाना उमर गौतम और जहांगीर की गिरफ्तारी के बाद इसमें शामिल तमाम चेहरे सामने आ रहे हैं। एटीएस की पूछताछ में एक बड़ा खुलासा हुआ है। मूक बधिर बच्चों को रोजगार परक बनाने की आड़ में नोएडा डेफ सोसायटी सरकार से बड़ा अनुदान ले रही थी।
नोएडा। यूपी के नोएडा शहर में धर्म की आड़ में आतंक की नर्सरी तैयार की जा रही थी। जिन्हें बाद में मानव बम के रूप में इस्तेमाल करने की तैयारी थी। यूपी में धर्म परिवर्तन के अहम किरदार मौलाना उमर गौतम और जहांगीर की गिरफ्तारी के बाद इसमें शामिल तमाम चेहरे सामने आ रहे हैं।
एटीएस की पूछताछ में एक बड़ा खुलासा हुआ है। मूक बधिर बच्चों को रोजगार परक बनाने की आड़ में नोएडा डेफ सोसायटी सरकार से बड़ा अनुदान ले रही थी। लेकिन यह स्कूल आईएसआई के इशारे पर हिंदुओ का धर्म परिवर्तन करवाकर उन्हें आतंकियों की फौज में भर्ती करने का बड़ा अड्डा था।
खास बात यह है कि कश्मीरी छात्र गैर मुसलमान छात्रों को इस्लाम अपनाने के लिए प्रेरित किया जाता था। फिलहाल एटीएस स्कूल संचालिका रोमा रोका से पिछले दो दिन से लखनऊ मुख्यालय में पूछताछ कर रही है।
आईएसआई की साजिश से जुड़े कई राज खोले
रोमा रोका ने बताया कि उसके स्कूल में देश भर से ऐसे लड़के लड़कियों का दाखिला होता है, जिन्हें समाज में जगह नहीं मिलती और परिवार भी उन्हें बोझ समझता है। खुद में हीन भावना लेकर आए यह मूक बधिर छात्र बड़ी आसानी से मोटिवेट हो जाते हैं।
इसीलिए आईएसआई के एजेंट के तौर पर काम कर रही मौलानाओं की संस्था इस्लामिक दावा सेंटर कई साल से नोएडा डेफ सोसायटी के छात्र-छात्राओं को निशाना बना रही थी। हालांकि रोमा ने इन गतिविधियों से खुद को अनजान बताते हुए कहा कि इसमें उसके स्कूल के स्टाफ खास तौर पर एक महिला और एक पुरुष टीचर का हाथ था।
ज्यादातर कश्मीरी छात्र
यूपी एटीएस की पूछताछ में सामने आया कि उसके स्कूल में ज्यादातर कश्मीरी मुस्लिम छात्र हैं। इन छात्रों को पहले से ट्रेनिंग देकर यहां भेजा जाता है। इसके बाद यही छात्र हिंदू छात्रों को इस्लाम कुबूल करने के लिए प्रेरित करते हैं।
इसके लिए वह इस्लामिक संगठनों से मिलने वाले रुपए और अन्य सुविधाओं का लालच देते हैं। जैसे ही उन्हें कोई छात्र प्रलोभन में आते नजर आता इसकी जानकारी स्कूल स्टाफ को देते। स्कूल स्टाफ यह मैसेज दावा इस्लामिक सेंटर तक पहुंचाता, जिसके बाद मौलानाओं का धर्म परिवर्तन वाला खेल शुरू होता।
सबसे पहले वह झांसे में आए छात्रों को आईएसआई के जरिए मिले फंड से आर्थिक मदद करते। इसके बाद उन्हें अपने सेंटर ले जाकर मुस्लिम बनाने की प्रक्रिया पूरी की जाती।
केरल में मिलती थी आतंक की शिक्षा
पूछताछ में सामने आया कि आईएसआई जाल में फंसे कुछ मूक बधिर छात्रों को देश में ही देश विरोधी आतंकी बनाए जा रहे हैं। पड़ताल में सामने आया कि नोएडा डेफ सोसायटी से असहाय हिंदू छात्रों का धर्म परिवर्तन कराने के बाद उन्हें केरल के इडुक्की जिले में थांगलपारा ले जाया जाता था।
जहां सबसे कट्टर इस्लामिक आतंकी संगठन सिमी का ट्रेनिंग कैंप चलता है। इस कैंप में धर्म परिवर्तन कर आए छात्रों को जेहादी साहित्य पढ़ाया जाता था। इसके बाद कई महीने तक इन्हें तैराकी, चट्टानों की चढ़ाई और दुनिया के सबसे आधुनिक हथियार चलाने की ट्रेनिंग दी जाती थी।
हिन्दू बनकर मिलते थे आतंकी
नोएडा डेफ सोसायटी की संचालिका रोमा रोका ने बताया कि वह बंगाली हिंदू हैं। इस्लामिक दावा सेंटर के एजेंट उनके पास हिंदू बनकर आते थे। वह मदद पहुंचाने के बहाने छात्रों से मिलते जुलते थे।
आवासीय स्कूल में बहुत ज्यादा कमरे न होने की वजह से कुछ छात्र बाहर किराए के कमरों में भी रहते थे। इस्लामिक दावा सेंटर के एजेंट ऐसे छात्रों से बाहर भी मिला करते थे। उनका हिंदू हुलिया होने की वजह से उनकी गतिविधियों पर कभी शक नहीं हुआ। इसी का फायदा उठाकर स्कूल स्टाफ इन एजेंटों का मकसद पूरा करने में मदद करता रहा।
एक सप्ताह एटीएस करेगी पूछताछ
रोमा रोका ने अपने बचाव में लगातार झूठ बोल रही है, उसके झूठ को एटीएस पकड़ रही है।इसलिए कोर्ट से एक सप्ताह की रिमांड मांगी जो स्वीकार कर लिया गया। एटीएस अफसरों का मानना है कि यूपी और एनसीआर में ISI की इस साजिश को मकसद तक पहुंचाने की मुख्य सूत्रधार रोमा का मूक बधिर स्कूल है
। एटीएस ने पकड़े गए दोनों मौलानाओं को मंगलवार को कोर्ट में पेश किया। एटीएस की अर्जी पर कोर्ट ने दोनों की एक सप्ताह की रिमांड मंजूर कर दी है। बुधवार से शुरू हो रही रिमांड के दौरान दोनों का सबसे पहले रोमा से आमना सामना कराया जाएगा।
इसके लिए रोमा को अभी तक एटीएस मुख्यालय में ही सुरक्षित स्थान पर रखा गया है। इसके बाद मौलानाओं को उन जगहों पर ले जाया जाएगा जहां से उन्होंने धर्म परिवर्तन करवाए थे।
मूक-बधिर छात्रों व महिलाओं को बनाया शिकार
नोएडा के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि अब तक कि जांच में सामने आया है कि गिरोह में शामिल लोग मूक बधिर छात्रों व महिलाओं को अपना शिकार बनाते थे।
खासतौर से चैरिटेबल ट्रस्ट पर चलने वाले संस्थान के छात्र-छात्राओं को अपना निशाना बनाते थे। नोएडा डेफ सोसायटी का भी संचालन चैरिटी के जरिये मिले धन से हो रहा था। आशंका है कि आरोपितों ने नोएडा डेफ सोसायटी में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं के धर्मांतरण साजिश रची।
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