ओमप्रकाश राजभर का बयान- यूपी में पहले दलितों और पिछड़ों का हो रहा था शोषण, अब ब्राह्मणों की हो रही पिटाई
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पांच बड़े नेताओं की पार्टियों के साथ उन्होंने अपना गठबंधन किया है और वह 2022 में अपनी सरकार बनाएंगे।
गोरखपुर। पूर्व मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि सरकार बनते ही दलितों और पिछड़ों का जमकर शोषण हो रहा था। इधर विगत तीन महीनों से ब्राह्मण लोगों की लगातार पिटाई हो रही है। कभी मुख्यमंत्री के बेहद करीबी कहे जाने वाले सुनील सिंह और सौरभ विश्वकर्मा आज मुख्यमंत्री के साथ नहीं हैं, तो वह अपराधी हो गए हैं। पुलिस उन्हें जेल भेजने का काम कर रही है, हम सपा के लोग नहीं हैं जो विरोध प्रदर्शन करें और लाठी खाएं हम अपने तरीके से विरोध को करते हैं और करते रहेंगे।
सुभासपा के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने आज गोरखपुर में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि 2022 के चुनाव में उनके विकल्प खुले हुए हैं। यूपी में लोगों ने सपा, बसपा, कांग्रेस और बीजेपी सबको देखा है. पांच बड़े नेताओं की पार्टियों के साथ उन्होंने अपना गठबंधन किया है और वह 2022 में अपनी सरकार बनाएंगे। किसी कारणवश अगर उनकी सरकार नहीं बनती है तो वह सरकार बनवाने का काम करेंगे। ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि अभी तक यूपी में दलित और पिछड़े वर्ग के लोगों के साथ अत्याचार होता था लेकिन अब ब्राह्मणों को भी बुरी तरह से पीटा जा रहा है।
कोई ऐसा दिन नहीं जिस दिन कोई ब्राह्मण पीटा ना जा रहा हो। ब्राह्मण अब इस सरकार में कह रहे हैं कि हमारी भूल कमल का फूल और इस सरकार को ब्राह्मण ही उखाड़ रहेंगे। वहीं कृषि बिल पर बोलते हुए ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि करोड़ों किसान आज इस बिल के विरोध में सड़क पर हैं और यह अपनी पीठ थपथपा रहे हैं। ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि पहले भी किसानों को अपनी बस कहीं पर बिजली की छूट थी लेकिन अब किसान बिल बनाकर इन्होंने किसानों को गले में फांसी का फंदा लगा दिया है। भंडारण की छूट मिलने से किसानों को अपनी उपज बड़े व्यापारियों को औने पौने दामों में बेचना पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कभी सबसे खास हुआ रहे सुनील सिंह और सौरव विश्वकर्मा को लेकर भी ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि एक सामाजिक संगठन चलाने वाले सौरव विश्वकर्मा जो कभी वर्तमान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बेहद करीबी थे जिनकी फोटो फोटो मेरे पास उपलब्ध है। कभी मुख्यमंत्री के दाहिने वार थे। वह उनको गाड़ी में पीछे बैठ कर खुद गाड़ी चलाते थे जब तक वह उनके साथ थे तब तक सौरभ विश्वकर्मा अपराधी नहीं था लेकिन जब सौरभ विश्वकर्मा ने योगी आदित्यनाथ का साथ छोड़ा तो वह अपराधी हो गया और फर्जी मुकदमे में सौरभ विश्वकर्मा को फंसा कर जेल भेज दिया गया।