मेरठ में दो लाख की नकली करेंसी के साथ एक गिरफ्तार, गाजियाबाद में छापे जाते थे नोट
यूपी के मेरठ में थाना टीपीनगर पुलिस ने एक लाख 97 हजार रुपये की नकली करेंसी के साथ एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। उसने गाजियाबाद में अपना ठिकाना बनाया हुआ था और वहीं पर नोट छाप रहा था। गिरोह के सदस्य इन नोट को बाजार में चलाते थे।
मेरठ। यूपी के मेरठ में थाना टीपीनगर पुलिस ने एक लाख 97 हजार रुपये की नकली करेंसी के साथ एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। उसने गाजियाबाद में अपना ठिकाना बनाया हुआ था और वहीं पर नोट छाप रहा था।
गिरोह के सदस्य इन नोट को बाजार में चलाते थे। नकली करेंसी के अलावा नोट छापने का प्रिंटर, कागज और बाकी सामान बरामद हुआ है। इसी गिरोह के तीन सदस्यों को जून 2020 में खरखौदा पुलिस ने इसी तरह से गिरफ्तार किया था।
टीपीनगर थाना पुलिस ने हाईवे पर गोपनीय सूचना के बाद एक युवक को पकड़ा गया। पता चला था कि नकली नोट के साथ युवक मेरठ आ रहा है। पुलिस ने जब आरोपी युवक को पकड़ा और उसकी तलाशी ली तो उनके पास से 1 लाख 97 हजार रुपये की नकली करेंसी बरामद की गई।
नोट प्रिंटर पर प्रिंट करके बनाए गए थे और हूबहू असली गड्डी की तरह पैक करके रखा गया था. पूछताछ के बाद पता चला कि उनका गिरोह गाजियाबाद से काम कर रहा है। इसके बाद गाजियाबाद के फ्लैट पर पुलिस टीम ने दबिश दी।
वहां से पुलिस ने एक प्रिंटर, दो सौ अधबने नोट, सफेद कागज और बाकी सामान बरामद किया. आरोपी की पहचान सुनील निवासी थाना क्षेत्र ककोड़ बुलंदशहर के रूप में हुई है। आरोपी सुनील नकली नोट छापने वाले गिरोह का सरगना है।
पूछताछ के बाद खुलासा हुआ कि इसी गिरोह के तीन सदस्यों को जून 2020 में खरखौदा में पकड़ लिया गया था। उस समय आरोपियों के पास से 2.60 लाख रुपये की नकदी बरामद हुई थी। कुछ समय गिरोह शांत रहा, लेकिन अब दोबारा सक्रिय हो गया था।
पुलिस पूछताछ में पता चला कि गिरोह के सदस्य प्रिंटर पर 100 रुपये और 200 रुपये के नोट छापते थे। इसके बाद इन नोटों को होटल, पेट्रोल पंप या छोटी दुकान पर चलाया जाता था। नोट छोटे होने के कारण कोई न तो शक करता था और न ही पकड़ पाता था। अब तक ये लोग लाखो की नकली नोटों की खेप छापकर बाजार में चला चुके हैं।