कंगाल हो गया पाकः कर्ज के लिए गिरवी रख रहा देश का सबसे बड़ा पार्क
आतंकवाद को पनाह देने वजह से विश्व के तमाम देशों की उपेक्षा का शिकार पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था रसातल में समाती जा रही है। हाल यह है कि अब उसे कोई कर्ज तक देने को तैयार नहीं हो रहा है। अब वह अपने देश के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की निशानी या को गिरवी रखने की सोच रहा है।
इस्लामाबाद। आतंकवाद को पनाह देने वजह से विश्व के तमाम देशों की उपेक्षा का शिकार पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था रसातल में समाती जा रही है। हाल यह है कि अब उसे कोई कर्ज तक देने को तैयार नहीं हो रहा है।
अब वह अपने देश के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की निशानी या को गिरवी रखने की सोच रहा है। पाकिस्तान की इमरान सरकार 500 अरब रुपये का कर्ज लेने के लिए मोहम्मद अली जिन्ना की बहन के नाम से मशहूर पार्क की निलामी करने पर विचार कर रहा है।
पाकिस्तानी न्यूज वेबसाइट डॉन की खबर के मुताबिक, इमरान सरकार लगभग 500 बिलियन का कर्ज प्राप्त करने के लिए एफ 9 सेक्टर में इस्लामाबाद के सबसे बड़े पार्क को गिरवी रखने की सोच रहा है। जबकि सभी देश अपने देश के संस्थापक से जुडी हुई निशानी को सहेजकर रखते है।
मंगलवार को रखा जाएगा प्रस्ताव
जानकारी के अनुसार इस पार्क को गिरवी रखने का प्रस्ताव मंगलवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में रखा जाएगा। इस पार्क का नाम फातिमा जिन्ना पार्क है।
मदार.ए.मिल्लत फातिमा जिन्ना पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना की बहन हैं और यह एफ.9 पार्क फातिमा जिन्ना पार्क 759 एकड़ भूमि पर फैला एक सार्वजनिक मनोरंजन पार्क है। यह पार्क पाकिस्तान के सबसे बड़े हरे भरे क्षेत्रों में से एक है।
डॉन की खबर के अनुसार बैठक आनलाइन होगी, जिसे इमरान खान के आवास और कैबिनेट डिविजन के कमेटी रूप की ओर से आयोजित किया जाएगा। इस प्रस्ताव पर मंगलवार को चर्चा होगी।
रिपोर्ट के मुताबिक, वित्तीय संकट से जूझ रही इमरान सरकार ने फैसला किया है कि कर्ज प्राप्त करने के लिए 500 बिलियन रुपये में इस एफ9 पार्क को गिरवी रखा जाए। यहां ध्यान देने वाली बात है कि कैपिटल डेवलपमेंट अथॉरिटी ने इस संबंध में पहले ही नो.ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट जारी कर दिया है।
हालांकि, चीजों को गिरवी रखना पाकिस्तान सरकार की विरासत रही हैं। इससे पहले अलग-अलग सरकारों के कार्यकाल के दौरान कई संस्थानों इमारतों और सड़कों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बांडों के माध्यम से ऋण प्राप्त करने के लिए गिरवी रखा गया है।