पाक का कबूलनामा: खुद को बताया तालिबान का सबसे बड़ा संरक्षक
राशिद ने अपने बयान में कहा कि हमने संगठन को आश्रय देकर उसे मजबूत करने का काम किया, जिसका परिणाम आप देख सकते हैं कि 20 साल बाद यह समूह एक बार फिर अफगानिस्तान पर शासन करेगा। राशिद ने आगे कहा कि हमने तालिबान को पाकिस्तान में आश्रय, शिक्षा और घर दिया है।
इस्लामाबाद। अफगानिस्तान में उल्टफेर करने वाले तालिबान को लेकर पाक की तरफ से अब तक सबसे बड़ा बयान सामने आया है। पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री शेख राशिद ने इस बात को स्वीकार किया है कि इस्लामाबाद लंबे समय से तालिबान का संरक्षक रहा है।
राशिद ने अपने बयान में कहा कि हमने संगठन को आश्रय देकर उसे मजबूत करने का काम किया, जिसका परिणाम आप देख सकते हैं कि 20 साल बाद यह समूह एक बार फिर अफगानिस्तान पर शासन करेगा। राशिद ने आगे कहा कि हमने तालिबान को पाकिस्तान में आश्रय, शिक्षा और घर दिया है। हमने उनके लिए सब कुछ किया है।
इससे पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने 28 अगस्त को विवादित बयान देते हुए कहा था कि इस्लामाबाद अफगानिस्तान को समर्थन देने के लिए रचनात्मक भूमिका निभाता रहेगा।
इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र महासचिव (यूएनएसजी) एंटोनियो गुटेरेस के साथ टेलीफोन पर बातचीत के दौरान कुरैशी ने कहा था कि विश्व समुदाय के लिए स्थिति को स्थिर करने और अफगान लोगों को आर्थिक रूप से मदद करने और मानवीय सहायता जारी रखने के लिए अफगानिस्तान के साथ जुड़े रहना आवश्यक है।
पाक का बयान भारत के लिए चिंता का विषय
बता दें कि पाकिस्तान और तालिबान के नियंत्रण वाले अफगानिस्तान की संभावित धुरी भारत के लिए चिंता का विषय बन गई है। कई राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस तरह के विवादित बयान से साफ पता चलता है कि तालिबान का शासन अब पाकिस्तान से कंट्रोल होगा। यानी कि अब पाकिस्तान के इशारे पर तालिबान काम करेगा।
वहीं जब पाक पीएम इमरान खान से पाकिस्तान में कथित सुरक्षित पनाहगाहों को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा था कि यहां सुरक्षित ठिकाने कहा हैं? पाकिस्तान में 30 लाख शरणार्थी हैं, जो तालिबान के समान ही जातीय समूह से हैं। उन्होंने कहा कि तालिबान के लड़ाके बहुत साहसी हैं और विदेशी ताकतों को भगाने के लिए उन्होंने कुर्बानी दी।
इसे भी पढ़ें...