पंचायत चुनाव: प्रत्याशी का ऐलान, निर्विरोध चुना गया तो 14 बीघा जमीन कर दूंगा पंचायत के नाम
यह मामला मेरठ गांव जंझेड़ी में सामने आया है, यहां शासन से पहली बार जारी की सूची में आरक्षित कर दी थी। इस घोषणा के बाद कई लोग प्रधानी का दम भरने लगे। वहीं उच्च न्यायालय के आदेश के बाद शासन ने दोबारा सूची जारी की तो गांव पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हो गया।
मेरठ। इस समय उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव चल रहे है। मैदान में उतरा हर खिलाड़ी अपनी जीत के लिए तिकड़म लगा रहा है। कोई शराब बांट रहा तो कोई पैसा। मेरठ में एक अनोखा ही मामला सामने आया है यहां जीतने के बाद जमीन देने का लालच दिया जा रहा है।
लालच देने का यह मामला मेरठ के मवाना तहसील के गांव जंझेड़ी में प्रधान पद के उम्मीदवार ने गांव के सामने खुद को निर्विरोध चुने जाने पर बड़ा ऐलान कर दिया है. प्रत्याशी ने कहा है यदि गांव के लोग उसे निर्विरोध प्रधान चुनते हैं तो वह अपनी हिस्से की 14 बीघा जमीन ग्राम पंचायत के नाम पर देगा।
इसके अलावा गांव बच्चों के खेलने लिए स्टेडियम, लड़कियों के लिए शादी के मंडप आदि की व्यवस्था की जाएगी। इस पूरे मामले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है और इस मसले को लेकर हुई पंचायत के बाद फैसला बुजुर्गों पर छोड़ दिया गया है।
यह मामला मेरठ गांव जंझेड़ी में सामने आया है, यहां शासन से पहली बार जारी की सूची में आरक्षित कर दी थी। इस घोषणा के बाद कई लोग प्रधानी का दम भरने लगे। वहीं उच्च न्यायालय के आदेश के बाद शासन ने दोबारा सूची जारी की तो गांव पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हो गया।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में एक उम्मीदवार नरेंद्र उर्फ भुल्लन ने बुधवार शाम को बुलाई गई ग्रामीणों की पंचायत में सार्वजनिक रूप से ये ऐलान कर दिया कि यदि उसे निर्विरोध चुना जाता है तो वह अपने 14 बीघा जमीन जो खेती के काम आती है उसे दान कर देगा।
गांव के बुजुर्गो को लेना है फैसला
गांव वाले उसे निर्विरोध निर्वाचित कर दें तो बच्चों के खेलने के लिए स्टेडियम व लड़कियों की शादी के लिए गांव में एक मंडप की व्यवस्था उसकी ओर से कराई जाएगी। इसके साथ ही पानी की निकासी की व्यवस्था और गांव में चल रहे निजी विद्यालय को मान्यता दिलवाने काम भी किया जाएगा।
पंचायत में इस बात पर खत्म हुई कि गांव बुजुर्ग एक राय होकर जो फैसला लेंगे उसे मान लिया जाएगा। यहां यह बताना जरूरी है कि प्रत्याशी द्वारा जिस जमीन को देने का दावा किया है उसकी कीमत 60 लाख रुपयों से अधिक है।
गांवों में खूब हो रही दावत
वहीं प्रधानी पर कब्जा करने के लिए दूसरे प्रत्याशी भी चुनाव जीतने के लिए कई जुगत लगा रहे हैं। कुछ खाना बांट रहे हैं तो कुछ मदिरा। अब तक इस गांव में प्रत्याशी लाखों रुपए चुनाव पर फूंक चके हैं।
वहीं संबंध में जब रिटर्निंग ऑफिसर ध्रुव कुमार से बात की गई तो उनका कहना था कि प्रधानी चुनाव में इस तरीके की घोषणा करना गलत है। यदि कोई शिकायत करता है तो मामले की जांच की जाएगी और उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।