पंचायत चुनावः आरक्षण तय, तैयारियां तेज, बढ़ने लगी सियासी हलचल
यूपी पंचायत चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई है। शुक्रवार को आरक्षण सूची जारी होने के साथ ही यहां सियासी हलचल भी जोर पकड़ने लगी है। सियासी समीकरण के जोड़-तोड़ के साथ ही जीत के गणित पर मंथन शुरू हो चुका है।
लखनऊ। यूपी पंचायत चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो गई है। शुक्रवार को आरक्षण सूची जारी होने के साथ ही यहां सियासी हलचल भी जोर पकड़ने लगी है। सियासी समीकरण के जोड़-तोड़ के साथ ही जीत के गणित पर मंथन शुरू हो चुका है। दरअलस उत्तर प्रदेश में जिला पंचायत के चुनाव की तैयारी के बीच शुक्रवार को आरक्षण की सूची जारी हो गई है।
सूबे के अपर मुख्य सचिव पंचायती राज मनोज कुमार सिंह द्वारा जिला पंचायत अध्यक्ष व ब्लाक प्रमुखों की आरक्षण व्यवस्था का ब्यौरा देते हुए बताया गया कि यूपी में जिला पंचायत की 27 पद अनारक्षित, 12 महिला, 27ओबीसी और 16 एससी में आरक्षित किये गए हैं। प्रमुख सचिव ने बताया कि ब्लॉक प्रमुखों के 826 पदों में से 314 अनारक्षित, 113 महिला, 223 ओबीसी, 171 एससी के लिए आरक्षित किया गया है।
इसके अतिरिक्त ग्राम प्रधानों के लिए 20268 पद अनारक्षित, 9739 महिला सीट, 15712 ओबीसी, 12045 एससी, 330 एसटी के लिए रिजर्व किया गया है। दरअसल प्रदेश में पंचायत चुनावों के लिए श्रेणी वार जनसंख्या का आंकड़ा भी जारी हुआ जिसमें प्रदेश में कुल अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या-959031, अनुसूचित जाति की जनसंख्या-34976562, अन्य पिछड़ा वर्ग-81353060,सामान्य-34740477 हैं।
बताते चलें कि पुनर्गठन के पश्चात 6059510 की आबादी ग्रामीण क्षेत्र से नगरीय क्षेत्र में गई है। ग्राम प्रधान के पदों के लिए प्रदेश में कुल ग्राम पंचायतों की कुल 58194 संख्या हैं।
अनुसूचित जनजातियों की स्त्रियों के लिए 131 सीट , अनुसूचित जनजातियों के लिए 199 , अनुसूचित जातियों की स्त्रियों के लिए 4288 ,अनुसूचित जातियों के लिए 77587, पिछड़े वर्ग की स्त्रियों के लिए 5501 पिछड़े वर्ग के लिए 10211 सीटे आरक्षित हुई।
बताया गया कि अनारक्षित स्त्रियों के लिए 9739 व अनारक्षित 20368 सीटें रहेगी। ग्राम पंचायत प्रधानों के लिए 58194 में 19659 सीटे महिलाओं के लिए कुल सीटों का 33.78 फीसदी महिला सीट 2015 के निर्वाचन एवं 2021 के निर्वाचन में पदों की तुलनात्मक स्थित हैं। बताया गया कि जिला पंचायत अध्यक्ष -2015 में पदों की संख्या 75 व 2021 में भी पदों की संख्या 75 रहेगी।
जिला पंचायत सदस्य 2015 में पदों की संख्या थी 3120 , 2021 में 69 वार्ड घटे 3051 पदों के लिए निर्वाचन होगा। क्षेत्र पंचायत प्रमुख 2015 में पदों की संख्या थी 821 , 2021 में 5 विकास खंड बढे , 826 पदों के लिए निर्वाचन होगा। बताया गया कि क्षेत्र पंचायत सदस्य 2015 में पदों की संख्या थी 77801 , 2021 में 1946 वार्ड घटे 77855 पदों के लिए निर्वाचन होगा।
ग्राम पंचायत प्रधान के लिए 2015 में पदों की संख्या थी 55074 , 2021 में 880 ग्राम पंचायत हुई कम, 58194 पदों के लिए निर्वाचन होगा। बताया गया कि ग्राम पंचायत सदस्यों के लिए 2015 में पदों की संख्या थी 744588 , 2021 में 12745 वार्ड घटे , 731813 पदों के लिए निर्वाचन होगा।
जिलेवार जिला पंचायत अध्यक्ष की आरक्षित सीटें
शामली, बागपत ,लखनऊ ,कौशांबी ,सीतापुर ,हरदोई जिला पंचायत अध्यक्ष पद हेतु अनुसूचित जाति स्त्रियों के लिए आरक्षित। कानपुर नगर ,औरैया, चित्रकूट, महोबा, झांसी ,जालौन, बाराबंकी, लखीमपुर खीरी ,रायबरेली, मिर्जापुर जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए अनुसूचित जाति के लिए हुआ आरक्षित।
संभल, हापुड़, एटा ,बरेली ,कुशीनगर, वाराणसी, बदायूं जिला पंचायत अध्यक्ष पद हेतु अन्य पिछड़ा वर्ग स्त्री के लिए आरक्षित है। आजमगढ़, बलिया, इटावा, फर्रुखाबाद, बांदा, ललितपुर, अंबेडकर नगर ,पीलीभीत ,बस्ती, संतकबीरनगर ,चंदौली ,सहारनपुर ,मुजफ्फरनगर जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हुआ।
कासगंज ,फिरोजाबाद, मैनपुरी, मऊ, प्रतापगढ़ ,कन्नौज, हमीरपुर ,बहराइच, अमेठी ,गाजीपुर ,जौनपुर, सोनभद्र जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए स्त्रियों के लिए आरक्षित हुआ।
ये सीटें हैं अनारक्षित
अलीगढ़ ,हाथरस, आगरा ,मथुरा ,प्रयागराज ,फतेहपुर, कानपुर देहात ,गोरखपुर, देवरिया ,महाराजगंज ,गोंडा ,बलरामपुर ,श्रावस्ती ,अयोध्या, सुल्तानपुर, शाहजहांपुर ,सिद्धार्थनगर ,मुरादाबाद ,बिजनौर ,रामपुर, अमरोहा ,मेरठ ,बुलंदशहर ,गाजियाबाद ,गौतमबुद्धनगर, उन्नाव, भदोही जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए अनारक्षित रहेगा।
सुरक्षा इंतजाम को लेकर तैयारी शुरू
पंचायत चुनाव में सुरक्षा इंतजाम के मद्देनजर राज्य पुलिस मुख्यालय ने तैयारी शुरू कर दी है। खासबात यह है कि पंचायत चुनाव से जुड़े जितने पुराने मुकदमे हैं, उन सभी की समीक्षा के बाद कार्रवाई होगी। डीजीपी एसके सिंघल के मुताबिक पहले के चुनावों में जिन लोगों पर गड़बड़ी के आरोप रहे हैं, उनको चिह्नित कर कार्रवाई की जाएगी।
बताया गया कि मुखिया के चुनाव में अन्य चुनावों की अपेक्षा अधिक प्रतिस्पर्द्धा होती है। ऐसे में चुनाव के दौरान गड़बड़ी न हो, इस पर विशेष फोकस है। चुनाव में सुरक्षा बलों की तैनाती को लेकर भी रणनीति बनाई जा रही है। जिला पुलिस बल के अलावा केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती पर भी विचार किया जा रहा है।
पिछले दिनों राज्य निर्वाचन आयोग ने भी विधानसभा और लोकसभा चुनाव की तर्ज पर पंचायत चुनाव में मतदान केंद्रों पर अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती का अनुरोध किया था। पिछले विधानसभा चुनाव में केंद्रीय अर्द्ध सैनिक बल की 1200 कंपनियां तैनात की गई थीं। बताया गया कि हालांकि पंचायत चुनावों में जिला पुलिस बल व होमगार्ड की ही तैनाती होती रही है।