उर्दू शिक्षकों के समर्थन में आई पीस पार्टी, भर्ती प्रक्रिया रोकने पर सरकार से पूंछे ये सवाल
डॉ. अय्यूब ने कहा कि गत 23 मार्च 2017 की बिना किसी उचित कारण के कारण भर्ती प्रक्रिया पर गैर कानूनी ढंग से रोक लगा दी गई थी, जबकि हाईकोर्ट में रिट पेटिशन के बाद 3 नवम्बर 2017 को हाईकोर्ट ने 2 महीने में सरकार को नियुक्ति करने का आदेश दिया था।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 4000 उर्दू शिक्षकों की भर्ती पर रोक लगाए जाने को लेकर पीस पार्टी अब उर्दू शिक्षकों के समर्थन में उतर आई है। भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाने को गलत बताते हुए पार्टी ने सरकार से कई सवाल पूंछे हैं। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर अय्यूब ने प्रेस वार्ता करके सरकार की नीतियों और नीयत को कटघरे में खड़ा किया है।
उन्होंने सवाल पूछा कि जब हाईकोर्ट में रिट पेटिशन के बाद 3 नवंबर को 2017 को कोर्ट ने 2 महीने में सरकार को नियुक्ति के आदेश दिए थे तो अब तक ऐसा क्यों नहीं किया गया है ? इस दौरान उन्होंने भाजपा के अलावा अन्य पार्टियों पर भी हमले किए।
डॉ. अय्यूब ने कहा कि गत 23 मार्च 2017 की बिना किसी उचित कारण के कारण भर्ती प्रक्रिया पर गैर कानूनी ढंग से रोक लगा दी गई थी, जबकि हाईकोर्ट में रिट पेटिशन के बाद 3 नवम्बर 2017 को हाईकोर्ट ने 2 महीने में सरकार को नियुक्ति करने का आदेश दिया था।
उन्होंने कहा भाजपा-आरएसएस के लोग आरोप लगाते रहे हैं कि सरकारें तुस्टीकरण कर रही हैं, जबकि आज की भाजपा सरकार दूसरी सरकारें से छुपे तौर पर मुस्लिम विरोधी कार्य कर रही हैं। उन्होंने कहा कि दूसरे शिक्षकों का स्टे के वावजूद भर्तियां हो रही हैं। वहीं उर्दू टीचर जिनको हाईकोर्ट ने फैसला दिया था कि उन्हें 2 महीने नियुक्ति दी जाए, लेकिन ऐसा नहीं किया गया है।
इस सरकार और आरएसएस की तुस्टीकरण की मानसिकता के कारण संविधान की अवहेलना की जा रही है। उन्होंने कहा कि पीस पार्टी तुस्टीकरण का घोर विरोध करती है। भाजपा सरकार उर्दू शिक्षकों की नियुक्ति को लेकर बर्गला रही है, ये सरकार संविधान को भी नही मानती है।
उन्होंने कहा कि पीस पार्टी गुंडों माफियाओं की विरोधी है। डाॅ. अय्यूब ने कहा कि सरकार को मुस्लिम ही गुंडे-माफिया दिखते हैं। सरकार उन्ही के संपत्ति पर बुलडोजर चला रही है। उन्होंने कहा कि सपा, बसपा, कांग्रेस खुद को सेकुलर कहती हैं लेकिन वो जातिवादी पार्टियां हैं। धर्म के आधार पर, जाति के आधार पर किसी के साथ अन्याय होता है तो पीस पार्टी उसका विरोध करेगी।