केएफसी पिज्जा हट पर भड़का लोगों का गुस्सा, #BoycottKFC हुआ ट्रेंड तो कंपनी ने मांगी माफी, जानिए वजह

टीम भारत दीप |

वेरिफाइड अकाउंट से एक इंस्टाग्राम पोस्ट में कहा गया था, ''हम आपके साथ खड़े हैं।
वेरिफाइड अकाउंट से एक इंस्टाग्राम पोस्ट में कहा गया था, ''हम आपके साथ खड़े हैं।

केएफसी के पाकिस्तान ट्विटर हैंडल से भी कश्मीर को लेकर एक ऐसा ट्वीट हुआ। इसे लेकर भारत के लोगों ने सख्त नाराजगी है। इस पर बहुत से यूजर्स #BoycottKFC हैशटैग के साथ अपनी नाराजगी भी जता रहे हैं। केएफसी इंडिया को ट्विटर के जरिए माफी मांगनी पड़ी है।

नई दिल्ली। पिछले दिनों सोशल मीडिया पर हुंडई ओर केएफसी के खिलाफ काफी आक्रोश फैला है। दरअसल हुंडई के बाद फूड चेन कंपनी केएफसी की पाकिस्तान फ्रैंचाइजी ने भी वही गलती दोहराई, इससे करोड़ों भारतीयों की भावनाएं आहत हुई।

मालूम हो कि पांच फरवरी को हुंडई के पाकिस्तान वाले ट्विटर हैंडल से कश्मीर के बारे में डाली गई पोस्ट को देखने के बाद सोशल मीडिया पर कंपनी को खूब खरी-खोटी सुनाई जाने लगी। वहीं 5 फरवरी को ही केएफसी और पिज्जा हट ने भी ऐसी गुस्ताखी की तो भारतीयों का गुस्सा भड़क उठा, इस पर केएफसी ने माफी मांग ली है।

कश्मीर को लेकर किया ट्वीट

केएफसी के पाकिस्तान ट्विटर हैंडल से भी कश्मीर को लेकर एक ऐसा ट्वीट हुआ। इसे लेकर भारत के लोगों ने सख्त नाराजगी है। इस पर बहुत से यूजर्स #BoycottKFC हैशटैग के साथ अपनी नाराजगी भी जता रहे हैं।

केएफसी इंडिया को ट्विटर के जरिए माफी मांगनी पड़ी है। इससे पहले एक सोशल मीडिया पोस्ट में केएफसी के एक वेरिफाइड अकाउंट से कश्मीर में अलगाववादियों का समर्थन किया गया था और पोस्ट किया था "कश्मीर कश्मीरियों का है।"  इसी तरह 'पिज्जाहटपैक' के वेरिफाइड अकाउंट से एक इंस्टाग्राम पोस्ट में कहा गया था, ''हम आपके साथ खड़े हैं। कश्मीर एकजुटता दिवस।''

कश्मीर दिवस पर जताई थी एकजुटता

आपकों बता दे पाकिस्तान में पांच फरवरी को मनाए जाने वाले कश्मीर एकजुटता दिवस में कुछ वैश्विक कंपनियों के कूदने से विवाद पैदा हो गया है। दक्षिण कोरिया की कार कंपनी ह्युंडई के बाद फूड चेन केएफसी की पाकिस्तान फ्रैंचाइजी ने भी कश्मीर की अलग पहचान को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट किया है।

इसे लेकर भारत के लोगों ने सख्त नाराजगी है। सोशल मीडिया पर इसे लेकर केएफसी के बायकॉट तक की आवाजें उठने लगी हैं। इसके बाद भारत स्थित केएफसी के सोशल मीडिया हैंडलों से माफी मांगी गई।

वहीं, पिज्जा हट ने भी पाकिस्तान में अपने आधिकारिक हैंडल द्वारा कश्मीर पर एक इंस्टाग्राम पोस्ट पर यूजर्स के गुस्से का सामना करने के बाद एक बयान जारी कर कहा, "यह सोशल मीडिया में प्रसारित पोस्ट की सामग्री की निंदा, समर्थन या सहमति नहीं करता है"।  केएफसी और पिज्जा हट दोनों ही यूएस स्थित Yum! की सहायक कंपनियां हैं। 

केएफसी के पोस्ट में यह था

केएफसी की पाकिस्तान फ्रैंचाइजी ने अपने सोशल मीडिया के वेरिफाइड हैंडलों से कश्मीर के अलगाववादियों का समर्थन किया था। कंपनी के पोस्ट में लिखा था- "कश्मीर कश्मीरियों का है।" भारत में लोगों का गुस्सा भड़कने के बाद केएफसी ने भारत के अपने हैंडलों से एक संदेश जारी किया।

इसमें लिखा गया, "हम भारत के बाहर केएफसी के सोशल मीडिया चैनल्स के जरिए हुए पोस्ट्स के लिए माफी मांगते हैं। हम भारत का सम्मान करते हैं और सभी भारतीयों की गर्व से सेवा की प्रतिबद्धता जताते हैं।"

भारत में विवाद बढ़ने के बाद किया कंपनी ने अपना ट्वीट डिलीट कर लिया। वहीं, अब इसके लिए लोग माफी की मांग कर रहे हैं। उधर, हुंडई पाकिस्तान ने भी पोस्ट को डिलीट कर दिया।

भारत में जमकर विरोध

केएफसी से किया तक को लोगों ने सोशल मीडिया पर निशाने पर लिया है। कुछ लोगों ने ट्विटर पर देश में बनी गाड़ियां खरीदने की अपील की है। सेना के रिटायर्ड जनरल ऑफिसर केजेएस ढिल्लन हुंडई की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि हमने बहादुर सिपाहियों और निर्दोष निहत्थे नागरिकों का बलिदान दिया है। उनका बलिदान हम भारतीयों के लिए ज्यादा मूल्यवान है।

केएफसी पहले भी विवादों में रही

आपकों बता दें कि पिछले साल अक्तूबर में भी विवाद सामने आने पर केएफसी ने सफाई दी थी। दरअसल, कर्नाटक के एक आउटलेट में एक कर्मचारी को कन्नड़ गाने बजाने से इनकार कर दिया था। हालांकि बाद में केएफसी ने बयान जारी कर कहा कि केएफसी इंडिया कहना चाहेगा कि हम सभी संस्कृतियों और भाषाओं के लिए सर्वोच्च सम्मान रखते हैं।

इससे पहले कार कंपनी हुंडई मोटर की पाकिस्तानी फ्रैंचाइजी ने भी कश्मीर पर सोशल मीडिया पोस्ट किया था। इसे लेकर भी ट्विटर पर हुंडई के खिलाफ नाराजगी जाहिर की जा रही है।

बाद में हुंडई इंडिया  ने बयान दिया कि वह राष्ट्रीयता का सम्मान करने के विचार के साथ खड़ी है। अपनी पाकिस्तान यूनिट का नाम लिए बगैर लिखा, "हुंडई मोटर इंडिया को अनचाही सोशल मीडिया पोस्ट से न जोड़ें। हम ऐसे दृष्टिकोण की आलोचना करते हैं।"

इसे भी पढ़ें...


संबंधित खबरें