‘मन की बात‘ में प्रधानमंत्री मोदी ने देशभर के शिक्षकों को दिया 2022 तक के लिए टास्क

टीम भारत दीप |
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आॅनलाइन एजूकेशन को बढ़ावा देने के लिए भी शिक्षकों की तारीफ की।
आॅनलाइन एजूकेशन को बढ़ावा देने के लिए भी शिक्षकों की तारीफ की।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आगामी 5 सितंबर को हम शिक्षक दिवस मनाने जा रहे हैं। हम जब भी अपनी सफलता को देखते हैं, तो उसमें शिक्षकों का ही योगदान सबसे अधिक नजर आता है।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज देशवासियों के साथ मन की बात की। इसमें उन्होंने लाॅकडाउन के दौरान त्यौहारों के आयोजन और देशभर में आत्मनिर्भर भारत अभियान को बढ़ावा देने के लिए खिलौने के क्षेत्र में वोकल फाॅर लोकल होने का आह्वान किया। 

सबसे अंत में प्रधानमंत्री ने लाॅकडाउन के दौरान देशभर के शिक्षकों द्वारा बच्चों तक विभिन्न माध्यमों से शिक्षा पहुंचाने के लिए उनकी तारीफ की, साथ ही उन्हें साल 2022 तक के लिए एक टास्क भी दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि आगामी 5 सितंबर को हम शिक्षक दिवस मनाने जा रहे हैं। हम जब भी अपनी सफलता को देखते हैं, तो उसमें शिक्षकों का ही योगदान सबसे अधिक नजर आता है। 

उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के दौर में लाॅकडाउन के संकट के बीच हमारे शिक्षकों ने जिस प्रकार शिक्षा को आसान बनाया वह काबिले तारीफ है। प्रधानमंत्री ने आॅनलाइन एजूकेशन को बढ़ावा देने के लिए भी शिक्षकों की तारीफ की। 

इसके बाद उन्होंने कहा कि हमारा देश 2022 में आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाने जा रहा है। मैं सभी शिक्षकों से आह्वान करता हूं कि छात्रों को आजादी के इतिहास से अवगत कराएं। हमारे देश में आजादी के संघर्ष के दौरान हर वर्ग और हर स्थान के लोगों ने अपनी आहुति दी थी। देश का ऐसा कोई कोना नहीं जहां से आजादी की यादें न जुड़ी हों। 

शिक्षकों को सुझाव देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि शिक्षक चाहें तो छात्रों से अपने आसपास की आजादी की घटनाओं के बारे में रिसर्च करा सकते हैं। आजादी के आंदोलन से जुड़े स्थानों का भ्रमण करा सकते हैं। बीते 75 सालों में देश के इतिहास और आजादी के संघर्ष से जुड़ी प्रदर्शनी के माध्यम से भी छात्रों को जागरूक कर सकते हैं। 

उन्होंने देशभर के शिक्षकों से 2022 तक इसे अभियान के रूप में चलाकर अभी से इसके लिए जुट जाने को कहा है। प्रधानमंत्री की ये अपील है कि लोग अपने आसपास के उन स्थानों के बारे में भी जानें जिनका आजादी के इतिहास में महत्व रहा है। 


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