पीएनबी घोटाला:नीरव मोदी की बहन पूर्वी बनीं सरकारी गवाह, ब्रिटेन के अपने खाते से ईडी को 17.25 करोड़ रुपये लौटाए
पूर्वी ने बताया, 'मुझे इस बात की जानकारी थी कि मेरे नाम से ब्रिटेन में कोई बैंक अकाउंट है। ये अकाउंट न मैंने खुलवाए थे और न ही इसमें जमा पैसे मेरे हैं, इसलिए ये रुपए मैंने भारत सरकार को ट्रांसफर कर दिए हैं। सूत्रों के मिली जानकारी के अनुसार लंदन में रह रहीं पूर्वी मेहता ने इसी साल 4 जनवरी को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग केस से जुड़ी स्पेशल कोर्ट में एक आवेदन दिया था।
नईदिल्ली। पीएनबी घोटाले के आरोपी नीरव मोदी अब अकेला पड़ता जा रहा है। पहले उसके मामा मेहुल चौकसी कानून के शिकंजे में फंसा अब अपने को बचाने के लिए बहन पूर्वी सरकारी गवाह बन गई।
इतना ही नहीं उसने 17.25 करोड़ रुपये ईडी को यह कहकर वापस कर दिया कि यह रुपये उसके नहीं है, बल्कि उसके भाई ने नीरव मोदी ने उसके नाम खाता खुलवाकर जमा कराया था। आपकों बता दें कि नीरव मोदी ने 13,500 करोड़ रुपए के पंजाब नेशनल बैंक का हड़पकर यहां से फरार हो गया है।
पूर्वी ने बताया, 'मुझे इस बात की जानकारी थी कि मेरे नाम से ब्रिटेन में कोई बैंक अकाउंट है। ये अकाउंट न मैंने खुलवाए थे और न ही इसमें जमा पैसे मेरे हैं, इसलिए ये रुपए मैंने भारत सरकार को ट्रांसफर कर दिए हैं।
सूत्रों के मिली जानकारी के अनुसार लंदन में रह रहीं पूर्वी मेहता ने इसी साल 4 जनवरी को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग केस से जुड़ी स्पेशल कोर्ट में एक आवेदन दिया था। पूर्वी ने आवेदन के जरिए घोटाले से जुड़ी जानकारी जांच एजेंसी को बताने की पेशकश की थी। कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ इस आवेदन को स्वीकार कर लिया था।
ईडी ने पूर्वी से कहा था कि उन्हें बैंक घोटाले से जुड़ी सही और पूरी जानकारी देनी होगी। पूर्वी ने इस शर्त को स्वीकार कर लिया था। इसके बाद ED ने पूर्वी मोदी और उनके पति मयंक मेहता को पूछताछ से राहत देते हुए माफी दे दी है।
जांच प्रक्रिया और शर्तों के तहत भेजे रुपए
पूर्वी मेहता और मयंक मेहता ने जांच एजेंसी को घोटाले से जुड़ी हर जानकारी देने की शर्त मानते हुए ब्रिटेन के बैंक खाते से करीब 17.25 करोड़ भारत सरकार को भेजे हैं। ये पैसे भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के ही माने जाएंगे।
जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा, '24 जून को पूर्वी ने हमें बताया कि लंदन में उनके नाम पर एक बैंक खाता है, जो उनके भाई नीरव मोदी के कहने पर खोला गया था। यह पैसे उनके नहीं हैं।
बयान में कहा गया, 'चूंकि पूर्वी को पूरा और सही खुलासा करने की शर्तों पर माफी दी गई है, इसलिए उन्होंने ब्रिटेन के बैंक खाते से 23,16,889.03 अमेरिकी डॉलर यानी करीब 17.25 करोड़ रुपए की राशि भारत सरकार को भेजी है। यह पैसा नीरव मोदी का माना जाएगा।
मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एजेंसी की मदद करेंगी नीरव की बहन
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पूर्वी मेहता और मयंक मेहता ने इसी साल जनवरी में स्पेशल कोर्ट से माफी मांगते हुए कहा था कि वे नीरव मोदी और उसके मामले से दूर रहना चाहते हैं। वे नीरव मोदी और उससे जुड़े जरूरी दस्तावेज भी उपलब्ध करा सकते हैं। स्पेशल जज वीसी बर्दे ने इनके माफी और आवेदन को इस शर्त पर मंजूरी दी है कि दोनों को मामले से जुड़ी सही और पूरी जानकारी देनी होगी।
लेनदेन में पूर्वी के नाम का इस्तेमाल
पूर्वी मेहता बेल्जियम और उनके पति मयंक मेहता ब्रिटिश नागरिक हैं। ईडी का आरोप है कि भारत और विदेशों में अलग-अलग संस्थाओं, बैंक अकाउंट और ट्रस्ट में पूर्वी के नाम का इस्तेमाल किया जाता रहा है।
इसके चलते इंटरपोल ने पूर्वी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। इसके अलावा ईडी ने न्यूयॉर्क और लंदन में उसकी संपत्तियों को अटैच किया था। हालांकि पिछले साल अक्टूबर में ईडी ने कहा था कि पूर्वी ने एजेंसी का सहयोग किया है।
2018 में देश छोड़कर भाग गया था नीरव मोदी
नीरव मोदी पर पीएनबी से लोन लेकर करीब 13,500 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने का आरोप है। घोटाला सामने आने के बाद वह जनवरी 2018 में देश छोड़कर फरार हो गया था।
नीरव को साउथ-वेस्ट लंदन से 19 मार्च, 2019 को गिरफ्तार किया गया था। उसे वांड्सवार्थ जेल में रखा गया है। लंदन की वेस्टमिन्सटर और हाईकोर्ट कोर्ट ने भी भारत नहीं भेजने की उसकी याचिका खारिज कर दी है। ब्रिटेन सरकार जल्द ही नीरव को भारतीय जांच एजेंसी के हवाले कर सकती है।
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