सेप्टिक टैंक में गिरे बच्चे को बचाने में जहरीली गैस से तीन भाइयों समेत पांच की मौत

टीम भारत दीप |

इस गड्ढे से तीन फीट की दूरी पर पुराना सेप्टिक टैंक है, जो भर चुका है।
इस गड्ढे से तीन फीट की दूरी पर पुराना सेप्टिक टैंक है, जो भर चुका है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुर्घटना में पांच लोगों की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता दिए जाने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने दिवंगत आत्मा की शान्ति की कामना करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।

आगरा।  उत्तर प्रदेश के आगरा में मंगलवार शाम को एक दिल दहला देने वाला हादसा हो गया। फतेहाबाद में पुराने सेप्टिक टैंक के पास खोदे गए गड्ढे में उतरे पांच युवकों की जहरीली गैस की चपेट में आने से मौत हो गई।

मृतकों में तीन सगे भाई हैं, जबकि एक चचेरा भाई और एक पड़ोसी है। डीएम ने मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की घोषणा की है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दुर्घटना में पांच लोगों की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया है।

 सीएम ने जताया शोक

 सीएम ने  मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता दिए जाने के निर्देश दिए हैं। सीएम ने दिवंगत आत्मा की शान्ति की कामना करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।

फतेहाबाद थाना क्षेत्र के ग्राम प्रतापपुरा निवासी सुरेंद्र के घर के बाहर तीन दिन पहले शौचालय के सेप्टिक टैंक के लिए आठ फीट गहरा गड्ढा खोदा गया था। इस गड्ढे से तीन फीट की दूरी पर पुराना सेप्टिक टैंक है, जो भर चुका है।

खेत पर व्यस्तता के चलते इसे पक्का नहीं कराया जा सका था। पुराने टैंक से रिसकर इसमें पानी आ रहा था। रिसाव रोकने को 13 वर्षीय अविनाश गड्ढे में उतरा
उसमें करीब एक फीट पानी था। पुराने टैंक से जहरीली गैस का रिसाव होने पर अविनाश अंदर ही गिर पड़ा।

एक को बचाने के फेर में सब उतरते गए गड्ढे में

उसे बचाने के लिए 15 वर्षीय आदित्य गड्ढे में उतरा तो  वह भी गैस के प्रभाव से बेहोश हो गया। इसके बाद दोनों भाइयों को बचाने के लिए बड़ा भाई 17 वर्षीय हरिमोहन, चचेरा भाई 30 वर्षीय सोनू शर्मा पड़ोसी 17 वर्षीय योगेश बघेल बारी-बारी से नीचे उतरे गए ।

सभी जहरीली गैस की चपेट में आकर गड्ढे में फंसते गए। पांच युवकों के गड्ढे में फंसने के बाद चीखपुकार मच गई। सूचना पर खेतों पर काम कर रहे पुरुष पहुंच गए। एक ग्रामीण को नीचे उतारने का प्रयास किया, लेकिन उसे चक्कर आने लगे।

ग्रामीण ने लगाया उपाय

जब पांच युवक गडढे में बेहोश हो गए तो एक ग्रामीण उमाशंकर ने समझदारी का परिचय देते हुए गड्ढे में रस्सी से पहले बाल्टी डाली, जिससे गैस की लेअर टूट गई। इसके बाद सोनू शर्मा के भाई मोनू शर्मा को कमर में रस्सी बांधकर नीचे उतारा गया।

उसने एक-एक कर पांचों को बाहर निकाला। सभी को अस्पताल ले जाया गया। वहां से आगरा भेज दिया गया। एसएन मेडिकल कालेज लाने पर पांच को मृत घोषित कर दिया गया।

सूचना पर पहुंचे अधिकारी

एडीजी जोन राजीव कृष्ण, डीएम प्रभु एन सिंह, एसएसपी बबलू कुमार, एसपी देहात पूर्वी अशोक वैंकट इमरजेंसी पहुंच गए। डीएम ने मृतकों के परिवार को दो-दो लाख रुपये मुआवजा और सोनू के परिजन को किसान बीमा योजना के तहत पांच लाख रुपये मुआवजा दिए जाने की घोषणा की।

शाम चार बजे शुरू हुआ मौत का तांडव

मंगलवार शाम करीब 4.00 बजे सुरेंद्र का 10 वर्षीय पुत्र अनुराग घर के बाहर खेल रहा था, अचानक से वह फिसल कर गड्ढे में जा गिरा, उसे बचाने के लिए सुरेंद्र के दो अन्य पुत्र हरि मोहन और अविनाश उसमें कूद पड़े तथा वह भी गड्ढे में डूबने लगे।

बताया गया कि करीब 15 फीट गहरे गड्ढे में गैस बन जाने से तीनों बेहोशी की अवस्था में आ गएण् इन्हें बचाने के लिए पड़ोस में रहने वाले सुरेंद्र का चचेरे भाई सोनू ने भी गड्ढे में छलांग लगा दी, बाद में पड़ोसी योगेश पुत्र रामखिलाड़ी भी गड्ढे में उतर गया पांचों ही गड्ढे में जा कर बेहोश हो गए।


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