अलीगढ़ में सुबह हुई 22 लाख की लूट का पुलिस ने देर रात किया खुलासा, मुनीम ही निकला मास्टरमांइड
एसएसपी बताते हैं कि यह सही है कि मुनीम पुलिस हिरासत में आने के बाद खुद का फंसना तय मान रहा था। वह लगातार पुलिस को उलझा रहा था। मगर वह बेटे को बचाने के लिए देर शाम तक चुप्पी साधे रहा। मगर जैसे ही हमारे पास उसके बेटे का सीसीटीवी आया और कंट्रोल रूम की मदद से उसकी पहचान बेटे के रूप में हुई।
अलीगढ़। महानगर में गुरुवार सुबह हुई 22 लाख रुपये की लूट का पुलिस ने देररात पर्दाफाश कर दिया। पुलिस का दावा है कि महानगर में धनीपुर मंडी के आढ़ती के मुनीम ने गुरुवार सुबह अपने बेटे के साथ मिलकर फर्म स्वामी सहित चार फर्मों के 22 लाख रुपये लूट लिए।
बाद में गांधीपार्क थाने के बगल में बदमाशों द्वारा लूट की वारदात को अंजाम देने की बात बताई। 22 लाख रुपये की लूट का मामला सामने आने के बाद जिले में हड़कंप मच गया। मुनीम के अनुसार यह लूट उस समय हुई थी जब वह रुपये निकालकर बैंक से मंडी जा रहा था।
लूट की सूचना मिलते ही तुरंत एसएसपी सहित पूरा अमला मौके पर पहुंच गया। शुरुआती जांच में ही पुलिस को मुनीम की भूमिका संदिग्ध नजर आई। देर रात 12 बजे पुलिस ने मुनीम के घर से पूरी रकम बरामद कर पिता-पुत्र को लूट में गिरफ्तार कर लिया।
मालूम हो कि विष्णुपुरी के सौरभ गर्ग के अनुसार उनकी धनीपुर मंडी में नवीन कुमार-भूपेश कुमार के नाम से गल्ले की आढ़त है। उनकी फर्म पर पिछले करीब 7 साल से रहमतपुर गढ़मई के अजय कुमार बतौर मुनीम काम करते हैं। अजय का अपना कमालपुर रोड पर तेल का एक्सपेलर भी है। अक्सर रुपयों का लाने ले जाने का काम अजय ही करते हैं।
फर्म स्वामी ने गुरुवार सुबह दुकान खुलने के बाद अजय को 22 लाख रुपये के चार चेक उन्होंने बैंक से भुगतान लेकर आने के लिए दिए। करीब 10:30 बजे अजय बैंक रवाना हुए और थाना गांधीपार्क के सामने स्थित एचडीएफसी बैंक से उन्होंने रुपये निकाले और बैग में रुपये रख अपनी होंडा साइन बाइक से वापस मंडी आने लगे।
इसके बाद 11:23 बजे अजय ने फोन पर सौरभ को सूचना दी कि थाने से चार कदम आगे दो बाइकों पर सवार चार बदमाश उनसे रुपयों का बैग तमंचा दिखाकर लूट ले गए हैं। वह मंडी और थाना गांधीपार्क के बगल में प्रभात नगर से आगे खड़ा है।
लूट की सूचना पर खुद सौरभ व अन्य आढ़ती मौके पर दौड़ पड़े। एसएसपी कलानिधि नैथानी, एसपी सिटी कुलदीप सिंह गुणावत, सीओ द्वितीय मोहसिन खान, गांधीपार्क व महुआ खेड़ा पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। खुद एसएसपी दोपहर तक वहीं डटे रहे। सौरभ की तहरीर पर मुनीम अजय की भूमिका को संदिग्ध मानते हुए महुआ खेड़ा में लूट का मुकदमा दर्ज किया गया है।
इसके बाद मुनीम को देर रात तक हिरासत में लेकर चली जांच व पूछताछ में पूरा भेद खुल गया। खुद मुनीम ने अजय व उसके बेटे अंकुर ने मिलकर ये प्रपंच रचा। देर रात उसके घरे रकम भी बरामद कर ली गई। पिता-पुत्र को गिरफ्तार कर लिया गया।
बेटे को बचाने सीसीटीवी मिलने तक साधी चुप्पी
एसएसपी बताते हैं कि यह सही है कि मुनीम पुलिस हिरासत में आने के बाद खुद का फंसना तय मान रहा था। वह लगातार पुलिस को उलझा रहा था। मगर वह बेटे को बचाने के लिए देर शाम तक चुप्पी साधे रहा।
मगर जैसे ही हमारे पास उसके बेटे का सीसीटीवी आया और कंट्रोल रूम की मदद से उसकी पहचान बेटे के रूप में हुई। जब यह वीडियो आरोपी मुनीम को दिखाया तो वह टूट गया। उसने स्वीकारा कि बेटे को बचाने के लिए चुप्पी साधे रहा। बाद में पुलिस ने घर दबिश देकर बेटा दबोच लिया और माल भी बरामद कराया।
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