खुद का ‘महल‘ और ठाठ-बाट बनाने वाले हस्तिनापुर के ‘सिंह साहब दी ग्रेट‘ थानेदार लाइन हाजिर
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इससे पहले सीओ जितेंद्र सरगम ने बागपत में कबड्डी के स्टेडियम की नींव रखी थी। वह भी सवालों के घेरे में आ गए थे, जिस कारण उनका तबादला कर दिया गया था। कार्रवाई के बाद भी पुलिस अधिकारी सीख नहीं ले रहे हैं।
मेरठ। मेरठ के हस्तिनापुर में ठाठ बाट बनाने वाले थानेदार को लाइन हाजिर कर दिया गया है। एसएसपी ने उनके खिलाफ जांच भी बैठा दी है। एक ही थाने में दो साल जमे यूपी पुलिस के इस सिंह साहब दी ग्रेट पर आय से अधिक संपत्ति जुटाने और पद के दुरुपयोग का आरोप है।
हिंदी अखबार अमर उजाला में छपी गजेंद्र चौधरी की रिपोर्ट में बताया गया है कि मेरठ के हस्तिनापुर के थानाध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह की पोस्टिंग सवा दो साल से एक ही थाने रही। यहां उन्होंने न केवल अकूत संपत्ति अर्जित की है, वरन पद का भी दुरुपयोग किया है। थानाध्यक्ष का दो बीघा में आलाशीन फार्म हाउस बना है। उसमें एशो आराम के लिए स्वीमिंग पूल और एक मॉडल कॉटेज भी है।
बताया गया है कि इससे पहले मेरठ में सीओ रहे जितेंद्र सरगम ने बागपत में कबड्डी के स्टेडियम की नींव रखी थी। वह भी सवालों के घेरे में आ गए थे, जिस कारण उनका तबादला कर दिया गया था। थानाध्यक्ष का यह फार्महाउस द्रोपदी घाट के नजदीक घने जंगल में खेतों के बीच में है।
24 घंटे फार्म हाउस की रखवाली के लिए थाने के एक सिपाही और एक होमगार्ड को भी तैनात किया गया है। कमरों में एसी हैं। यहां खाने-पीने की भी पूरी व्यवस्था है। 20 जून, 2018 को धर्मेंद्र सिंह को हस्तिनापुर थाने का चार्ज दिया गया था। तब से वह यहीं जमे हैं।
धर्मेंद्र सिंह की अब तक की नौकरी का अधिकांश समय मेरठ जिला और रेंज में ही गुजरा है। फार्म हाउस के चारों ओर कृषि भूमि है, जहां पर किसान खेती करते हैं। इसे बनाने के लिए कई हरे पेड़ काटे गए। फार्म हाउस के आसपास चहारदीवारी बना दी गई है, जबकि नियमानुसार जंगल में आवासीय निर्माण नहीं किया जा सकता है। यही नहीं, कृषि भूमि पर बाउंड्रीवाल भी नहीं बनाई जा सकती है।
बताया गया है कि थानाध्यक्ष ने फार्म हाउस बनाने के लिए पत्नी कल्पना सिंह के नाम से जमीन खरीदी है। वर्तमान में बाजार में इस जमीन की कीमत 75 लाख रुपये है। करीब 20 लाख रुपये लगाकर आलीशान फार्म हाउस बनाया गया है। फार्म हाउस को लेकर स्थानीय लोगों ने पुलिस अधिकारियों से शिकायतें भी कीं लेकिन, कोई नतीजा नहीं निकला।
बताया गया है कि सत्ताधारी दल के एक नेता का थानाध्यक्ष को संरक्षण है। थाना में खादर क्षेत्र होने और सिख समाज के डेरे होने के कारण यहां कच्ची शराब की तस्करी आम है। जुआ और सट्टा भी खूब होता है। अपराधों को लेकर अधिकारियों से शिकायतें भी की जा रही हैं। बावजूद इसके नेता की शह और अपने स्वार्थ के कारण अधिकारी कार्रवाई नहीं करते हैं।
वहीं मीडिया में यह मामला सामने आने के बाद मेरठ के एसएसपी अजय साहनी ने हस्तिनापुर के थाना प्रभारी धर्मेंद्र सिंह को लाइन हाजिर कर दिया है। एसएसपी ने सीओ मवाना को आरोपों की प्रारंभिक जांच सौंपी है।