अलीगढ़ में हादसे में घायल युवक को पुलिस ने मृत बताकर मामला दर्ज किया, जिंदा निकलने पर मची हड़कंप
मेडिकल कालेज में वेंटिलेटर खाली न होने पर परिवार वाले क्वार्सी स्थित निजी ट्रामा सेंटर लेकर पहुंचे। शिवकुमार के चाचा रामजीलाल के मुताबिक ट्रामा सेंटर वाले उसे भर्ती नहीं कर रहे थे। पुलिस की ओर से कागजी लिखा-पढ़त के सबूत मांगने लगे, इस पर वह लोधा थाने पहुंचे। इसी बीच सूचना मिली कि शिवकुमार की मौत हो गई है।
अलीगढ़। यूपी अलीगढ़ जिले के लोधा थाने से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है।पुलिस ने यहां एक हादसे में घायल युवक को मृत बताकर मामला दर्ज कर लिया,जबकि घायल युवक का अभी इलाज चल रहा है।
घायल युवक का क्वार्सी के निजी ट्रामा सेंटर में इलाज चल रहा है, मगर, मुकदमे में उसको मृत दर्शा दिया। यह मामला मंगलवार को जब खुला तो पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया। सीओ के आदेश पर थाना पुलिस ने मुकदमे की धाराओं में संशोधन की कार्रवाई शुरू की।
आपकों बता दें कि 13 मार्च को शिवकुमार पुत्र रतन सिंह निवासी मौहकमपुर, लोधा छर्रा से लौट रहा था, रास्ते में उसकी बाइक को एक कार ने टक्कर मार दी। मौके पर पहुंची लोधा पुलिस ने तत्काल तत्काल उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया। उसकी हालत गंभीर होने के चलते 14 मार्च को वहां से उसे जेएन मेडिकल कालेज के लिए रेफर कर दिया गया।
मेडिकल कालेज में वेंटिलेटर खाली न होने पर परिवार वाले क्वार्सी स्थित निजी ट्रामा सेंटर लेकर पहुंचे। शिवकुमार के चाचा रामजीलाल के मुताबिक ट्रामा सेंटर वाले उसे भर्ती नहीं कर रहे थे। पुलिस की ओर से कागजी लिखा-पढ़त के सबूत मांगने लगे, इस पर वह लोधा थाने पहुंचे। इसी बीच सूचना मिली कि शिवकुमार की मौत हो गई है।
चाचा पहुंचा थाने तो खुला मामला
इसी आधार पर पुलिस को तहरीर दी, इधर, पुलिस ने बिना किसी जांच पड़ताल के यह मुकदमा दर्ज कर लिया, बाद में मालूम हुआ कि शिवकुमार जिंदा है। ट्रामा सेंटर के डॉक्टर उसका उपचार कर रहे हैं,
इस पर पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। लोधा थाना पुलिस ट्रामा सेंटर गई, वहां डाक्टरों के बयान दर्ज किए गए, इस पूरे प्रकरण ने पुलिस की कार्यशैली पर फिर से सवाल खड़ा करते हुए लापरवाही के कटघरे में खड़ा कर दिया है।
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