यूपी बोर्ड के सिलेबस से कांग्रेस 'गायब', भाजपा पर सियासी साजिश का आरोप

टीम भारत दीप |

यूपी बोर्ड मामले में कुछ भी कहने से बच रहा है।
यूपी बोर्ड मामले में कुछ भी कहने से बच रहा है।

बीजेपी के पास खुद के बारे में बताने को कुछ भी नहीं है, इसलिए वह कांग्रेस की पहचान को भी खत्म करना चाहती है।

प्रयागराज। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने अपने  में कटौती की है। इसमें नागरिक शास्त्र विषय में कांग्रेस का इतिहास, एक दल के प्रभुत्व का दौर और कांग्रेस नामक अध्यायों को हटाने पर विवाद शुरू हो गया। 

कांग्रेस पार्टी ने इसे सियासी साजिश बताते हुए प्रदेश सरकार पर हमला बोला है। वहीं भाजपा ने सफाई दी है कि कांग्रेस के बारे में सब जानते हैं।

बता दें कि कोरोना की महामारी के चलते इस साल सभी बोर्ड ने अपने पाठ्यक्रम में कटौती की है। इसी के तहत यूपी बोर्ड ने नौवीं से बारहवीं क्लास तक के सभी विषयों के पाठ्यक्रम को 30 फीसदी कम कर दिया है। 

बोर्ड ने बारहवीं क्लास से नागरिक शास्त्र विषय में जो अध्याय हटाए हैं, उनमें से दो पर विवाद खड़ा हो गया है। ये दो अध्याय खंड ख का पांचवा और छठा है। इन अध्यायों में कांग्रेस का इतिहास, एक दल के प्रभुत्व का दौर और कांग्रेस शामिल हैं।

दोनों अध्यायों में आजादी की लड़ाई में कांग्रेस के योगदान, आधुनिक भारत में कांग्रेस की भूमिका के बारे में विस्तार से बताया गया है। अध्याय में नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी तक विस्तार से बताया गया। नागरिक शास्त्र विषय में इन दो अध्यायों के अलावा कई और टॉपिक भी हटाए गए हैं। 

हालांकि, अध्यायों को हटाए जाने को लेकर क्या नियम और नीति अपनाई गई, इस पर यूपी बोर्ड कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है।

मामले में यूपी कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता बाबा अभय अवस्थी का कहना है कि बीजेपी राज में सियासी साजिश के तहत इतिहास से जानबूझकर छेड़छाड़ की जा रही है। बीजेपी के पास खुद के बारे में बताने को कुछ भी नहीं है, इसलिए वह कांग्रेस की पहचान को भी खत्म करना चाहती है।

 दूसरी तरफ इतिहास की प्रोफेसर रहीं बीजेपी सांसद डॉ रीता बहुगुणा जोशी का कहना है कि कांग्रेस आपदा के हर मौके को सियासी अवसर में बदलना चाहती है, इसलिए वो इसे बेवजह का मुद्दा बनाकर विरोध कर रही है। 

उनका कहना है कि कांग्रेस के बारे में ज्यादातर लोगों को जानकारी है ही, ऐसे में उसके बारे में और अधिक जानने की कोई जरुरत नहीं है।

इलाहाबाद सेंट्रल युनिवर्सिटी के इतिहास विभाग के प्रोफेसर और जाने माने इतिहासकार डॉ हेरम्ब चतुर्वेदी ने इसे दुर्भाग्यपूर्ण और गलत बताया है। उनका कहना है कि इसके पीछे वजह कुछ भी हो, लेकिन ऐसा नहीं होना चाहिए।  सियासत से अलग हटकर भी कांग्रेस का बड़ा योगदान है।  इस योगदान को जानने के बाद ही युवाओं में देश प्रेम की भावना और जागृत होगी।


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