यूपी उपचुनाव: कोरोना काल में ऐसे सियासी दांवपेंच लगा रहे सभी राजनीतिक दल
जहां भाजपा ने उपचुनाव वाली हर सीट के लिए वर्चुअल संवाद शुरू कर दिया है तो वहीं बसपा सातों सीटों पर उम्मीदवार उतार चुकी है। सपा भी वर्चुअल बैठकों के सहारे प्रचार में जुट गई है।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव को लेकर सियासी दलों में गणित का खेल शुरू हो गया है। सात सीटों पर होने वाले चुनाव के लिए सियासी रणबाकुंरों ने कमर कस ली है। दरअसल इस कारोना संकट में वर्चुअल संवाद व बैठकों के सहारे ही विजयश्री का स्वाद चखने की कोशिश में सभी जुटे हैं।
इसके लिए सभी तरह के समीकरण भी साधे जा रहे हैं। जहां भाजपा ने उपचुनाव वाली हर सीट के लिए वर्चुअल संवाद शुरू कर दिया है तो वहीं बसपा सातों सीटों पर उम्मीदवार उतार चुकी है। सपा भी वर्चुअल बैठकों के सहारे प्रचार में जुट गई है। कांग्रेस ने भी प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी है।
दरअसल बीते काफी समय से यूपी में शांत नजर आ रही बसपा विधानसभा उपचुनाव पूरे दमखम के साथ लड़ने में मूड में है। यही कारण है कि पार्टी ने उम्मीदवारों के साथ-साथ सीट के आसपास के मंडल के मुख्य सेक्टर प्रभारियों को भी लगाया है। उन्हें जातीय समीकरण के आधार पर लोगों को बसपा की नीतियों के बारे में बताने को कहा गया है।
बसपा ने दो सीटों पर मुस्लिम और दो पर ब्राह्मण उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। वहीं पार्टी सुप्रीमो मायावती दिल्ली से उपचुनाव तैयारियों की समीक्षा भी कर रही हैं। यूपी की खराब कानून-व्यवस्था के साथ मुस्लिम और ब्राह्मण उत्पीड़न को मुद्दा बनाने की पार्टी की मंशा साफ नजर आ रही है।
वहीं उपचुनाव में परचम लहराने को सपा भी अब पूरी तरह फुलफार्म में दिख रही है। सात सीटों की जंग में उसकी एक सिटिंग सीट है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम उपचुनाव वाली सात सीटों पर वहां के संगठन पदाधिकारियों से वर्चुअली बैठक का पहला चरण खत्म कर चुके हैं।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कार्यकर्ताओं को बूथ लेवल पर सक्रियता बढ़ाने के गुर भी बताए जा रहे हैं। प्रत्याशियों के आवेदन भी आॅनलाइन मांगे जा चुके हैं। जल्द ही सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव इनमें से प्रत्याशियों के नामों को तय करेंगे।