बरेली में घटिया किट ने घटा दिया कोरोना संक्रमण, पोल खुलने पर हुआ हंगामा
घटिया किट से करीब 10 हजार लोगों के टेस्ट कर डाले। किट कोई परिणाम नहीं बता पाई लेकिन फिर भी हंगामा होने के डर से ज्यादातर संदिग्ध संक्रमितों को निगेटिव बताकर लौटा दिया गया। इन लोगों के आरटीपीसीआर जांच के लिए भी सैंपल लिए गए हैं लेकिन फिर भी यह अंदाजा लगाना मुश्किल है ।
बरेली। बरेली में स्वास्थ्य विभाग की एक गलती ने सैकड़ों लोगों की जिंदगी को खतरे में डाल दिया है। बरेली में कोरोना संदेहियों की जांच के लिए जो किट सप्लाई की गई थी वह रद्दी निकली इन्हीं किटों से पिछले कई दिनों से कोरोना जांचने के लिए सैंपल लिए जा रहे थे।
खास बात है कि इस घटिया किट से जांच होने के बाद संक्रमितों का आंकड़ा एककाएक कम हो गया। क्योंकि इससे संक्रमण की सही तरकी से जांच नहीं हो पा रही थी। मालूम हो कि इस घटिया किट से करीब 10 हजार लोगों के टेस्ट कर डाले। किट कोई परिणाम नहीं बता पाई लेकिन फिर भी हंगामा होने के डर से ज्यादातर संदिग्ध संक्रमितों को निगेटिव बताकर लौटा दिया गया।
इन लोगों के आरटीपीसीआर जांच के लिए भी सैंपल लिए गए हैं लेकिन फिर भी यह अंदाजा लगाना मुश्किल है कि उसकी रिपोर्ट आने तक इनमें शामिल संक्रमित कितने और लोगों में संक्रमण फैला चुके होंगे। अफसरों ने इस पूरे प्रकरण पर चुप्पी साध ली है। एक तरफ कोरोना इतनी भयंकर तबाही मचा रहा है, दूसरी तरफ इस तरह की गलतियां आने वाले दिनों में और भारी पडेगी।
10 हजार किट आई थी
मेडिकल कॉरपोरेशन ने कुछ दिन पहले करीब दस हजार एंटीजन किट भेजी गई थीं। यह किट मुख्यालय से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के साथ मेडिकल मोबाइल यूनिट को भेज दी गईं, लेकिन उनका इस्तेमाल शुरू हुआ तो पता चला कि इस किट में सैंपल डालते ही बिखर रहा है और काफी देर बाद भी वायरल लोड नहीं बता पा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक इसकी सूचना सीएमओ को दी गई तो उन्होंने संदिग्ध संक्रमितों के आरटीपीसीआर सैंपल लेने की भी हिदायत दे दी लेकिन बेकार एंटीजन किट से जांच करने है या नहीं, इस बारे में कुछ भी साफ नहीं किया।
चूंकि एंटीजन किट से नतीजा न आने की बात बताने पर हंगामा होने का डर था, लिहाजा सैंपलिंग कर रही टीमों ने ऐसे लोगों को निगेटिव बताकर लौटाना शुरू कर दिया। इसी तरह पिछले तीन दिनों में लगभग सारी घटिया एंटीजन किट खपा दी गई।
संक्रमण की दर बढेगी
ऐसा माना जा रहा है कि जिन लोगों को निगेटिव बताकर लौटाया गया है, उनमें सैकड़ों लोग पॉजिटिव हो सकते हैं और ऐसे लोग निगेटिव आने के बाद सैकड़ों लोगों से मिले होंगे,इससे संक्रमण दर और तेजी से फैलेगा।
जब तक उनकी आरटीपीसीआर रिपोर्ट आएगी तब तक वे अपने परिवार के साथ न जाने कितने और लोगों को संक्रमित कर चुके होंगे। खतरा इसलिए और ज्यादा है क्योंकि आरटीपीसीआर रिपोर्ट आने में हफ्ते से दस दिन का समय लग रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अफसरों ने अब इस पूरे प्रकरण पर चुप्पी साध ली है।
चार गुना कम हुई संक्रमितों की संख्या
गुप्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रद्दी किट से जांच में करीब चार गुना कम हुई संक्रमितों की संख्या हो गई। एक लैब टेक्नीशियन बताया कि पिछले तीन दिनों से मेडिकल कॉरपोरेशन से मिली नई किट से ही जांच चल रही थी।
इस जांच में चार से पांच फीसदी ही लोगों के संक्रमित पाए जाने का औसत आया है जबकि इससे पहले वाली किट से यह औसत 18 से 20 फीसदी तक था। इस लिहाज से इस रद्दी किट से पिछले तीन दिनों में हुई नौ हजार से ज्यादा जांच में ऐसे संक्रमितों की संख्या हजारों में हो सकती है जिन्हें निगेटिव बता दिया गया है।इससे संक्रमण दर तेजी से घट गई।
बची किट वापस होगी
इस विषय में डॉ. रंजन गौतम एसीएमओ जिला सर्विलांस अधिकारी बरेली का कहना है कि एंटीजन किट की जांच रिपोर्ट साफ नहीं हो पा रही थी। शिकायतें मिलने पर उन्हें बदलने के निर्देश दिए गए हैं। शुक्रवार से टीमों को नई किट मिल जाएगी। जो बची किट हैं, वे वापस भेज दी जाएंगी। जिन लोगों की रिपोर्ट निगेटिव थी और उनका आरटीपीसीआर सैंपल लिया गया है, वे होम क्वारंटीन रहें।