सीबीआई रेड के बाद बसपा विधायक विनय तिवारी ने सोशल मीडिया पर खेला ये कार्ड
सीबीआई ने सोमवार को बैंक से लोन लेकर धोखाधड़ी करने के मामले में गंगोत्री इंटर प्राइजेज कंपनी के निदेशकों के ठिकानों पर छापे मारे थे। यह कंपनी बसपा के गोरखपुर की चिल्लूपार सीट से मौजूदा विधायक विनय शंकर तिवारी की बताई जा रही है।
गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में चिल्लूपार विधानसभा सीट से बसपा विधायक पर सीबीआई की कार्रवाई के बाद से फेसबुक पर उनके नाम से बनी एक आईडी से पोस्ट की गई है।
इस पोस्ट में सीबीआई की कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया गया। साथ ही कहा गया कि सिर्फ ब्राह्मण होने की वजह से इस तरह का उत्पीड़न सरकार की ओर से किया जा रहा है।
बता दें कि सीबीआई ने सोमवार को बैंक से लोन लेकर धोखाधड़ी करने के मामले में गंगोत्री इंटर प्राइजेज कंपनी के निदेशकों के ठिकानों पर छापे मारे थे। यह कंपनी बसपा के गोरखपुर की चिल्लूपार सीट से मौजूदा विधायक विनय शंकर तिवारी की बताई जा रही है।
सीबीआई की टीम ने विनय तिवारी के लखनऊ आवास और कंपनी के कार्यालय के अलावा नोएडा में छापे मारे थे। इस दौरान कई अहम दस्तावेज सीबीआई अपने साथ ले गई है। मामले में सीबीआई के प्रवक्ता ने बताया था कि बैंक आफ इंडिया की ओर से शिकायत दर्ज कराई गई थी कि गंगोत्री इंटरप्राइजेज लिमिटेड के अधिकारियों ने बैंक को 753.24 करोड़ का नुकसान पहुंचाया है।
इस मामले में सीबीआई की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा, दिल्ली में एफआईआर दर्ज की गई है। इस एफआईआर में विजय शंकर तिवारी के अलावा उनकी पत्नी रीता तिवारी और अजीत पांडेय को भी नामजद किया गया है। रीता तिवारी रायल एम्पायर मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड की निदेशक हैं।
इस कार्रवाई के बाद से विनय शंकर तिवारी के नाम से बनी फेसबुक आईडी से एक पोस्ट वायरल हो रही है। पोस्ट में लिखा गया कि सीबीआई की छापेमारी पूरी तरह राजनीति से प्रेरित है। सिर्फ ब्राह्मण होने की वजह से किया जा रहा उत्पीड़न।
इसके पहले भी सरकार बनते ही हमारे आवास पर छापा मरवा के सरकार ने अपना घिनौना चेहरा दिखा दिया था। बैंक की करीब छह सौ करोड़ की देनदारी है तो मेरी भी सरकार पर सात से आठ सौ करोड़ की लेनदारी भी बाकी है। मामला बैंक से है।
सरकार सीबीआई के माध्यम से उत्पीड़न कर रही है. सामान्य तौर पर देखा जाए तो विरोध की आवाज दबाने के लिए सीबीआई और ईडी की मदद ली जा रही है। पोस्ट के नीचे विनय शंकर तिवारी, विधायक चिल्लूपार भी लिखा गया है।