मैनपुरी का लेखपाल प्रदीपेंद्र निकला करोड़ों का मालिक, चार मंजिला मकान और दुकान कुर्क
गैंगस्टर एक्ट के मामले में सलाखों के पीछे पहुंचे लेखपाल करोड़ों का मालिक निकला। अब तक की जांच में जो सामने आया है उसके अनुसार उसकी संपत्ति का आकलन 5.50 करोड़ रुपये का किया है। इसमें से पुलिस ने गुरुवार को शहर में चार मंजिला आलीशान मकान और दुकान को कुर्क कर लिया।
मैनपुरी। उत्तर प्रदेश के मैनपुरी के लेखपाल प्रदीपेंद्र सिंह राठौर पर आाखिरकार प्रशासन का शिकंजा कस गया। मालूम हो कि प्रदीपेंद्र सिंह राठौर पर ने पद का दुरूपयोग करते हुए अकूत संपत्ति एकत्र की है।
गुरुवार को पुलिस ने उसकी संपत्ति को कुर्क करने की कार्रवाई की है। गैंगस्टर एक्ट के मामले में सलाखों के पीछे पहुंचे लेखपाल करोड़ों का मालिक निकला। अब तक की जांच में जो सामने आया है उसके अनुसार उसकी संपत्ति का आकलन 5.50 करोड़ रुपये का किया है।
इसमें से पुलिस ने गुरुवार को शहर में चार मंजिला आलीशान मकान और दुकान को कुर्क कर लिया। अब नोएडा सहित अन्य स्थानों पर संपत्ति को कुर्क करने की भी कार्रवाई की जाएगी।
मैनपुरी शहर के मोहल्ला राजा का बाग निवासी लेखपाल प्रदीपेंद्र सिंह राठौर वर्ष 2012 से वर्ष 2017 तक भोगांव तहसील में तैनात रहा। यहां तैनाती के दौरान गांव अहिरवा में उसने सरकारी 950 बीघा जमीन को फर्जी तरीके से अपने रिश्तेदारों और अन्य लोगों के नाम कर दिया था।
वर्ष 2018 में उसके कारनामे का भंडाफोड़ हुआ। लेखपाल प्रदीपेंद्र सहित 52 आरोपितों के खिलाफ जालसाजी और धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज कराई गई थी, फिर जांच में उसके कारनामें सामने आते गए।
गैंगस्टर एक्ट में पाबंद है प्रदीपेंद्र
मालूम हो कि प्रशासन उसके खिलाफ कार्रवाई करते हुए वर्ष 2020 में प्रदीपेंद्र सिंह राठौर और उसके साथियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट का मामला दर्ज कराया है। इस मामले में कुछ दिन पहले लेखपाल को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
अब तक के आकलन के अनुसार, आरोपित लेखपाल 5.50 करोड़ की संपत्ति का मालिक निकला। पुलिस ने गुरुवार को राजा का बाग स्थित उसके आलीशान मकान और देवी रोड स्थित दुकान को सील कर दिया।
एसपी अविनाश पांडेय ने बताया कि लेखपाल प्रदीपेंद्र के नाम नोएडा के चिपियाना बुजुर्ग में तीन आवासीय प्लाट भी हैं। उसके पास क्रेटा कार है। उसने अपने गांव के आसपास कृषि भूमि खरीदी है। आरोपित लेखपाल अवैध क्रियाकलापों से संपत्ति अर्जित करता रहा है। जांच में सामने आई संपत्ति को कुर्क कर लिया गया है। संपत्ति की जांच को जारी रखा जाएगा।