राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गोरखपुर में रखी प्रदेश के पहले आयुष विश्‍वविद्यालय की नींव

टीम भारत दीप |

यह विश्वविद्यालय 299.87 करोड़ की लागत से बनेगा।
यह विश्वविद्यालय 299.87 करोड़ की लागत से बनेगा।

शिलान्यास के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द, देश की प्रथम महिला नागरिक सविता कोविन्द, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रथम ईंट रखी। रमंच पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुष्प देकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द का स्वागत किया। आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी ने अपने संबोधन में आयुष विश्वविद्यालय के विषय में जानकारी दी।

गोरखपुर। मुख्यमंत्री के गृह जनपद गोरखपुर के साथ एक और उपलब्धि शनिवार को जुड़ गई। आज  राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द ने प्रदेश के पहले आयुष विश्वविद्यालय का गोरखपुर भटहट विकास खंड के पिपरी में शिलान्यास किया। भूमिपूजन के दौरान उनके साथ उनकी पत्नी व देश की प्रथम महिला नागरिक सविता कोविन्द व उनकी बेटी स्वाती कोविन्द, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ भी मौजूद रहे।


यूपी के पहले आयुष विश्वविद्यालय महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के शिलान्यास के लिए राष्ट्रपति सुबह करीब 11 बजे भटहट के पिपरी में आयोजित कार्यक्रम स्थल पर पहुंचे। सुबह साढ़े 11 बजे वैदिक मंत्रोचार के साथ उन्होंने आयुष विश्वविद्यालय के लिए भूमि पूजन किया। 

36 माह में पूरा होगा विवि

शिलान्यास के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द, देश की प्रथम महिला नागरिक सविता कोविन्द, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रथम ईंट रखी। रमंच पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पुष्प देकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द का स्वागत किया।

आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी ने अपने संबोधन में आयुष विश्वविद्यालय के विषय में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह आयुष विश्वविद्यालय मात्र 36 माह की अवधि में पूरा हो जाएगा। उनके संबोधन के बाद राष्ट्रपति ने शिलापट्ट का अनावरण किया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत की परंपरागत चिकित्सा पद्धति को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलायी। आज उसी क्रम में अंतराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। भारत सरकार ने अलग से आयुष मंत्रालय का गठन किया है।

इस मंत्रालय ने लोगों को स्वस्थ्य करने लक्ष्य तय किया है। डेढ़ वर्ष में पूरी दुनिया में कोरोना महामारी का प्रकोप है। इसमें दुनिया का कोई भी देश ऐसा नहीं है, जिन्होंने भारत की परंपरागत आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति का अनुसरण न किया हो। आज दुनिया में हल्दी का पानी पीने के लिए लाइन लग रही है। जबकि अपने देश में वर्षों से हर भोज्य पदार्थ में हल्दी का उपयोग किया जाता रहा है।

देश की आयुर्वेदिक, यूनानी, होम्योपैथिक चिकित्सा पद्धति को आगे ले जाने के क्रम में ही प्रदेश सरकार के प्रदेश आयुष विश्वविद्यालय स्थापित करने जा रही है। इस आयुष विश्वविद्यालय का राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द के कर कमलों से भूमि पूजन व शिलान्यास हो चुका है।

प्रदेश का यह विश्वविद्यालय प्रदेश के सभी आयुष विद्यालय, होम्योपैथिक कालेज के शैक्षणिक सत्र को एकरूपता प्रदान करेगा। बता दें कि यह विश्वविद्यालय 299.87 करोड़ की लागत से बनेगा। इसके लिए कार्यदायी संस्था लोक निर्माण विभाग डीपीआर बनाकर भेज चुकी है।

राष्ट्रपति ने भटहट के पिपरी स्थित आयुष विश्वविद्यालय की नींव रखीं। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आयुष मंत्री धर्म सिंह सैनी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उनकी पत्नी सविता कोविन्‍द, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ का अभिवादन किया। कहा कि राष्ट्रपति अपना आशीर्वाद देने आए हैं, यह गर्व की बात है।

आयुष मंत्री ने कहा कि मुख्‍यमंत्री की रुचि शुरू से ही आयुष में रही है। कोरोना से लड़ने में इसका इस्‍तेमाल कर उन्‍होंने इसको प्रमाणिकता दी। आयुष शिक्षा पद्धति की सभी परेशानियां अब दूर होंगी और उत्‍तर प्रदेश को नई पहचान मिलेगी।

प्रधानमंत्री ने योग को नई पहचान दी। 56 एकड़ में 300 करोड़ की लागत से यह विश्‍वविद्यालय 36 माह में तैयार हो जाएगा। सैनी के संबोधन के बाद राष्ट्रपति ने बटन दबाकर शिलापट्ट का शिलान्यास किया।

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