प्रियंका ने बोला हमला, कहा,'अर्थव्यवस्था में आपदा और आपदा में अवसर' यही है मोदी सरकार का मास्टरस्ट्रोक
प्रियंका ने अपने ट्वीट में कहा कि विकास दर: -7.3, बेरोजगारी दर: 12%, दूसरी लहर: 1 करोड़ नौकरियां खत्म, 2020: 97% लोगों की आय घटी, पेट्रोल- 100 रुपये, सरसों का तेल- 200 रुपये, रसोई गैस- 809 रुपये। “अर्थव्यवस्था में आपदा और आपदा में अवसर” यही मोदी सरकार का मास्टरस्ट्रोक है।"
लखनऊ। कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने अर्थव्यवस्था को लेकर मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोला है। प्रियंका गांधी ने माइनस जीडीपी, बेरोज़गारी और महंगाई के आंकड़ों को शेयर करते हुए ट्वीट किया कर कहा, “अर्थव्यवस्था में आपदा और आपदा में अवसर” यही मोदी सरकार का मास्टरस्ट्रोक है।
प्रियंका ने अपने ट्वीट में कहा कि विकास दर: -7.3, बेरोजगारी दर: 12%, दूसरी लहर: 1 करोड़ नौकरियां खत्म, 2020: 97% लोगों की आय घटी, पेट्रोल- 100 रुपये, सरसों का तेल- 200 रुपये, रसोई गैस- 809 रुपये। “अर्थव्यवस्था में आपदा और आपदा में अवसर” यही मोदी सरकार का मास्टरस्ट्रोक है।"
बताते चलें कि सोमवार को केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2020-21 की चौथी तिमाही यानी जनवरी से मार्च तक के जीडीपी के आंकड़े जारी किए गए थे। वहीं सरकार का कहना है कि भारत की अर्थव्यवस्था में चौथी तिमाही के दौरान 1.6 प्रतिशत की दर से बढ़ोतरी हुई है।
बताया गया था कि वित्त वर्ष के दरम्यान जीडीपी में 7.3 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। इधर देश की लगातार बिगड़ रही अर्थव्यवस्था को लेकर विपक्ष काफी हमलावर है। विपक्ष के कई नेताओं ने केन्द्र सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने वर्ष 2020-21 में अर्थव्यवस्था में आई 7.3 प्रतिशत की गिरावट को लेकर कहा कि यदि 2021-22 में ऐसी स्थिति से बचना है ,
तो सरकार को अपनी गलतियां स्वीकार करनी होगी। साथ ही विपक्ष एवं अर्थशास्त्रियों की सलाह को भी सुनना चाहिए। पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने 2020-21 की अर्थव्यवस्था को देखते हुए इसे पिछले चार दशकों का ‘सबसे अंधकारमय’ वाला वर्ष बताया है। उनके मुताबिक कोरोना महामारी के साथ ही साथ सरकार के ‘अकुशल एवं अक्षम आर्थिक प्रबंधन’ के कारण हालात और बिगड़ गए है।
उन्होंने कहा कि पहले से ही जिसका अंदाजा लगाया जा रहा था, वही हुआ। बताया गया कि बीते वित्त वर्ष के दरम्यान अर्थव्यवस्था में 7.3 फीसदी की गिरावट दर्ज हुइ्र थी। बताया गया कि 2018-19 में जीडीपी 140,03,316 करोड़ थी। 2019-20 में यह 145,69,268 करोड़ रुपये थी और 2020-21 में यह घटकर 135,12,740 करोड़ रुपये हो गई है।
बताया गया कि यह सब देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति को बताता है। उन्होंने दावा करते हुए कहा कि वर्ष 2020-21 बीते चार दशक में देश की अर्थव्यवस्था का सबसे अंधकारमय वाला साल रहा है। उनके मुताबिक चारों तिमाही के आंकड़े अर्थव्यवस्था की कहानी खुद ब खुद बयां करते हैं। ऐसे में अब ईमानदारी से जरूरी कदम उठाना बहुत जरूरी हो गया हैं। अन्यथा हालात और अधिक बिगड़ते चले जाएंगे।